Home न्यूज़ नामा Ajab Gajab: कुप्रथा की जकड़ में राजस्थान का ये समाज: बचपन छिनकर बनती हैं मासूम बच्चियां मां!

Ajab Gajab: कुप्रथा की जकड़ में राजस्थान का ये समाज: बचपन छिनकर बनती हैं मासूम बच्चियां मां!

by PP Singh
109 views
Ajab Gajab- Garasiya tribe lifestyle

Ajab Gajab: कुप्रथा की जकड़ में राजस्थान का ये समाज: बचपन छिनकर बनती हैं मासूम बच्चियां मां!

ब्यूरो रिपोर्ट, लोकल पत्रकार। राजस्थान का एक समाज आज भी कुप्रथाओं के बोझ तले दबा हुआ है। 21वीं सदी में भी यहां कुप्रथाओं ने उनका पीछा नहीं छोड़ा। इस समाज का अपना ही एक कानून है। अपने रीति रिवाज हैं और अपनी ही परंपराएं है। जिन्हे जानकर आप दांतों तले उंगली दबा लेंगे। इस समाज की कुछ चीजें तो बिल्कुल मॉर्डन जमाने को भी मात देती हैं। इतना ही नहीं समाज से जुड़ी कुछ बातें तो हैरान करने वाली हैं तो कुछ बातें परेशान करने वाली भी हैं। जिन्हे सुनकर आप भी कहेंगे… क्या ऐसा भी होता है।

Approach Vs Common Man: क्या पहुंच बन गई भ्रष्टाचार की नई परिभाषा?

राजस्थान जितना अपनी रंग बिरंगी संस्कृति के लिए विश्वभर में विख्यात रहा है। उतना ही कुप्रथाओं के लिए भी फेमस रहा है। सती प्रथा, जौहर प्रथा, डाकन प्रथा, कन्या वध, आटा-साटा। इनके अलावा बाल विवाह और दहेज प्रथा के तो मामले आज भी सामने आ ही जाते हैं। लेकिन एक प्रथा और है…जिसके बारे में राजस्थान के पुराने लोग तो जानते होंगे। लेकिन आज की पीढ़ी और दूसरे राज्यों के लोग आज भी अनजान हैं। जी हां वो है दापा प्रथा। दापा का मतलब एक रकम होता है। जो दुल्हन के परिवार को दूल्हे के परिवार की तरफ से दी जाती है। हैं ना इंटरेस्टिंग। आप सोच रहे होंगे कि लड़के वाले तो उल्टा लड़की वालों से पैसे मांगते हैं। लेकिन इस प्रथा के तहत लड़के वाले लड़की की कीमत यानि की एक राशि लड़की के परिवार को देते हैं। इतना ही नहीं ये इकलौता ऐसा समाज है जहां दहेज प्रताड़ना के मामले ना के बराबर है।

Health Desk: ठंड में बढ़ता हार्ट अटैक का खतरा! 40 से 60 साल वालों के लिए जरूरी खबर

आप सोच रहे होंगे कि आखिर ऐसा कौन सा समाज है। जहां ऐसा होता है। ये है राजस्थान की गरासिया जनजाति। जो राजस्थान के उदयपुर, सिरोही, पाली और प्रतापगढ़ जिले के पहाड़ी इलाकों में रहती है। इस समाज के अपने ही तौर तरीके हैं। इस समाज की सबसे बड़ी खासियत है कि यहां महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले ज्यादा अधिकार मिलते हैं। उन्हे अपनी पसंद का वर भी चुनने की इजाजत है। बकायदा गणगौर पर्व के दौरान एक मेले का आयोजन होता है। जिसमें लड़के-लड़कियां अपनी पसंद का साथी चुनते हैं और फिर लिव इन रिलेशनशिप की तरह साथ रहते भी हैं। संविधान के मुताबिक हमें अपनी पसंद के साथी के साथ शादी करने की इजाजत है। बर्शत आप नाबालिग ना हो। लेकिन इस समाज के लिए बाल विवाह आम बात है। जो किसी अभिशाप से कम नहीं है। जिस उम्र में बच्चे खेलते, कूदते और पढ़ते हैं। उस उम्र में यहां शादियां हो जाती है। जिसका सबसे बड़ा खामियाजा लड़की को उठाना पड़ता है। क्योंकि वो शारीरिक और मानसिक रूप से उस उम्र में मां बनने के लिए तैयार नहीं होती है। बावजूद इसके वो बच्चे को जन्म देने की कोशिश करती है। जिसकी वजह से बहुत से केसेज में मां और बच्चे दोनों की जान खतरे में पड़ जाती है।

भारत में HMPV वायरस: क्या है यह नया खतरा? लक्षण, बचाव के उपाय और सच्चाई

वैसे तो लड़कियों के लिए भारत में कई कानूनों का प्रावधान है। मसलन चाइल्ड मैरिज एक्ट, पोक्सो एक्ट भी है। लेकिन इन कानूनों का तब फायदा होगा। जब इस समाज के लोग इनकों मानेंगे। क्योंकि इस समाज में बाल विवाह को लेकर किसी भी तरह की कोई शिकायत नहीं की जाती है। इस समाज का अपना ही कानून है। अपने ही फैसले हैं और अपनी ही सजा देने का सिस्टम है। यही वजह है कि खेलने-कूदने और पढ़ने की उम्र में लड़कियां प्रेगनेंट हो जाती है और अपनी जिंदगी से खिलवाड़ कर बैठती है। इसलिए जरूरत है कि सरकारें आदिवासी इलाकों में भी जागरूकता अभियान चलाएं। ताकि उन लोगों को सरकारी योजनाओं का ना सिर्फ लाभ मिल सके। बल्कि उन्हे भी अपने कानूनी अधिकार मालूम हो सके। टीनेज में मां बनना… एक लड़की और उसके बच्चे.. दोनों के लिए ही खतरनाक है। प्री-मेच्योर डिलीवरी, बच्चे का वजन कम होना, बच्चे और मां दोनों को ठीक से पोषण ना मिलना, मानसिक और शारीरिक रूप से कमजोर होना और भी ना जाने कितनी ही बीमारियां जिन्हे ये जनजाति प्रथा के नाम पर मौत को बुलावा दे रहे हैं।

 रिश्तों में दूरियां क्यों बढ़ रही हैं? एक समाधान जो हर घर को जोड़ सकता है

(देश-दुनिया की ताजा खबरें सबसे पहले Localpatrakar.com पर पढ़ें, हमें Facebook, InstagramTwitter पर Follow करें और YouTube पर सब्सक्राइब करें।)

You may also like

Add Comment

लोकल पत्रकार खबरों से कुछ अलग हटकर दिखाने की कोशिश है कुछ ऐसा जिसमें ना केवल खबर हो बल्कि कुछ ऐसा जिसमें आपके भी विचार हो हमारी कोशिश को सफल बनाने के लिए बने रहिए लोकल पत्रकार के साथ 🎤🎥

Edtior's Picks

Latest Articles

© Local Patrakar broadcast media . All Rights Reserved.