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HMPV In India: भारत में फैला नया घातक वायरस! क्या HMPV बनेगा अगली महामारी?

by PP Singh
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HMPV In India

HMPV In India: भारत में फैला नया घातक वायरस! क्या HMPV बनेगा अगली महामारी?

HMPV In India In Hindi: ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस केस इन इंडिया (Human metapneumovirus cases in India) चीन के बाद अब भारत में भी ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के 2 मामले सामने आए हैं. चीन में इस वायरस से बड़ी संख्या में बच्चे संक्रमित हो रहे हैं. अब भारत में भी इसके मामले सामने आए हैं. आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि भारत के लिए यह कितना खतरनाक है.

भारत में भी ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के 2 मामले दर्ज किए गए हैं. यह वायरस पिछले कुछ दिनों से चीन में मौजूद है और वहां इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. चीन में बड़ी संख्या में बच्चों को अस्पतालों में भर्ती कराया जा रहा है. चीन से खबर सामने आने के बाद कर्नाटक में 5 दिनों के अंदर इस वायरस के दो मामले मिले हैं. ICMR ने दोनों मामलों की पुष्टि की है. HMPV वायरस के मामले भारत में आने के बाद यहां भी सरकार अलर्ट पर है. इस वायरस के ज्यादातर लक्षण कोरोना से मिलते-जुलते हैं. यह भी कोविड की तरह फैलता है. ऐसे में चिंता बढ़ गई है. डर है कि क्या कोविड जैसी महामारी फिर से आएगी।

एचएमपीवी (Human metapneumovirus) एक तरह का वायरस है जो श्वसन मार्ग में प्रवेश करता है और फेफड़ों तक पहुंचता है। कोविड भी बिल्कुल ऐसा ही था। दोनों वायरस के लक्षण भी एक जैसे ही हैं। हालांकि, एचएमपीवी वायरस मुख्य रूप से शिशुओं और छोटे बच्चों को संक्रमित करता है। इस वायरस से संक्रमित होने के बाद सबसे आम लक्षण खांसी है, जो अक्सर बलगम के साथ होती है। इसके साथ हल्का बुखार भी आता है। इस वायरस से संक्रमित होने के बाद कुछ मामलों में गंभीर लक्षण भी हो सकते हैं। इससे सांस लेने में दिक्कत हो सकती है, जिसके साथ अक्सर सीने में दर्द भी होता है।

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एचएमपीवी वायरस के साथ सबसे बड़ा खतरा यह है कि इससे निमोनिया भी होता है। निमोनिया एक ऐसी बीमारी है जिससे बच्चों की मौत हो सकती है। यह वायरस एक बच्चे से दूसरे बच्चे में तेजी से फैलता है और जिन लोगों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, वे एचएमपीवी वायरस के संपर्क में आने के बाद ज्यादा बीमार हो सकते हैं।

कोई वैक्सीन और दवा नहीं

इस वायरस के इलाज के लिए कोई निर्धारित दवा या रोकथाम के लिए कोई वैक्सीन नहीं है। लक्षणों के आधार पर ही इलाज किया जाता है। एचएमपीवी वायरस के दौरान तरल पदार्थों का सेवन करना जरूरी है, ताकि शरीर को हाइड्रेट रखा जा सके। बुखार होने पर बच्चों को पैरासिटामोल या इबुप्रोफेन दिया जाता है। कुछ मामलों में एचएमपीवी वायरस के कारण बैक्टीरियल संक्रमण होता है, तो एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन इस वायरस के इलाज के लिए कोई निर्धारित दवा नहीं बनी है।

क्या फिर से कोई नई महामारी आएगी?

महामारी विशेषज्ञ डॉ. अजय कुमार का कहना है कि एचएमपीवी वायरस का भारत में आना अच्छा संकेत नहीं है। चूंकि यहां की आबादी घनी है, इसलिए वायरस का ट्रांसमिशन तेजी से हो सकता है। ऐसे में अलर्ट मोड पर काम करने की जरूरत है। फिलहाल यह जरूरी है कि संक्रमित बच्चों के संपर्क में आए बच्चों का पता लगाया जाए और उन्हें आइसोलेट किया जाए।

इस वायरस से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करें और इससे बचें, ठीक उसी तरह जैसे कोविड वायरस से बचने के लिए नियमों का पालन किया गया। इसके लिए खाने से पहले हाथ धोएं और किसी भी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में न आएं। अगर आपको इस वायरस के लक्षण दिख रहे हैं, तो तुरंत अस्पताल जाएं। इस मामले में लापरवाही न बरतें। जहां तक ​​किसी नई महामारी की बात है तो फिलहाल ऐसा कोई खतरा नहीं है। क्योंकि एचएमपीवी कोई नया वायरस नहीं है और इसके ज्यादातर मामलों में हल्के लक्षण ही होते हैं।

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