Home न्यूज़ नामा Rajasthan: आनासागर की खूबसूरती पर दाग, जलकुंभी ‘दानव’ का डेरा

Rajasthan: आनासागर की खूबसूरती पर दाग, जलकुंभी ‘दानव’ का डेरा

by PP Singh
183 views
A+A-
Reset

Rajasthan: आनासागर की खूबसूरती पर दाग, जलकुंभी ‘दानव’ का डेरा

राजस्थान के अरावली पर्वतमालाओं की तलहटी में बसे अजमेर शहर को दुनिया ख्वाजा नगरी के नाम से भी जानती है। इस शहर की सांस्कृतिक, धार्मिक और ऐतिहासिक विरासत की दुनिया के मानचित्र पर अलग ही पहचान है। दुनिया का एकमात्र जगत पिता ब्रह्मा मंदिर होने के साथ ही शहर के बीच में मौजूद आकर्षण का केंद्र आनासागर झील की खूबसूरती की दुनिया भी दिवानी रही है। कहते हैं…आकर्षक मनमोहक मानव निर्मित आनासागर झील जब छलकती थी…तो झील के अंदर मौजूद जल जीव पानी की तरंगों के साथ कभी हलचल मचा देते थे। ये नजारा किसी मनमोहक सपने से कम नहीं होता था। लेकिन आज आनासागर के इस खूबसूरत झील पर आमावास्या के काली रात का बसेरा छा गया है। क्योंकि इस झील को एक दानव ने अब अपनी चपेट में ले लिया है। झील की खूबसूरती निहारने दूर-दूर से पहुंचे पर्यटक जब झील की इस दुर्दशा को नंगी आंखों से देखने को मजबूर हैं।

ये भी पढ़ें:- पसीना-पसीना राजस्थान, अब CM ने संभाली कमान

आनासागर झील पर लालच का दानव

आनासागर झील की खूबसरती और इस ऐतिहासिक धरहरों को बर्बाद करने में जिला प्रशासन से लेकर निगम प्रशासन की नाकामी साफ-साफ पता चलती है। तभी तो पानी से लबालब रहने वाली इस झील पर अब जलकुंभी का साम्राज्य हैं। आप झील के इस कोने से दूसरे कोने तक नजर दौड़ाएंगे तो आपको हर जगह जलकुंभी दानव ही दिखाई देंगे। जलकुंभी रूपी इस दानव का साम्राज्य लगातार बढ़ता जा रहा है। राजस्थान के इस खूबसूरत और ऐतिसाहिक धरोहर को इस दानव ने लील लिया हैं। झीलों की खूबसूरती निहारने के लिए इसके चारों तरफ पाथवे का निर्माण किया गया था..ताकि लोग इस झील की सुंदरता को निहार सके। लेकिन अब लोग आने से भी कतराते हैं।

banner

हर महीने 5 करोड़ फूंके

झील को फिर से संवारने और ऐतिहासिक धरोहरों को बचाने के लिए जिला प्रशासन और निगम प्रशासन हर मुमकि प्रयास किए। मेहनत ऐसी कि जिला प्रशासन और नगर निगम प्रशासन ने पिछले दो महीने में जलकुंभी निकालने के लिए 5 करोड़ से ज्यादा की रकम फूंक डाली। लेकिन आनासागर के इस दानव खत्म नहीं कर सके। झील के बीच में जेसीबी की मदद से कई मर्तबा दानव जलकुंभी को निकालने की कोशिश की गई। जलकुंभी ले जाने के लिए रोजाना दर्जनों डंपर लगाए गए। लेकिन आनासागर झील से जलकुंभी बाहर जाने का नाम नहीं ले रही है। ऐसा लगता हैं कि भ्रष्टाचार की इस जलकुंभी ने आनासागर में अपना बसेरा डाल लिया हो।

खूबसूरती पर बदनुमा दाग

दरअसल आनासागर झील की धरोहरों को बचाने और संवारने के लिए ना तो जिला प्रशासन और ना ही निगम प्रशासन ने कभी ईमानदारी से कोशिशें की। लेकिन आनासागर झील को कमाई का जरिया जरूर बना दिया गया। निगम प्रशासन लीज देने के नाम पर मोटी कमाई कर रही है। उधर निजी फर्म भी जमकर चांदी कूट रही है। आनासागर झील के बीच टापू पर ऐसा कई बार देखा भी गया है। लेकिन अब ये जलकुंभी झील को दिन पर दिन और गंदा कर रही है। जिसका असर इस झील की खूबसूरती पर ही नहीं बल्कि इस झील के अंदर मौजूद जीव जंतु पर भी पड़ रहा है।

आबादी क्षेत्र में भी खतरा मंडराया

अजमेर के साथ देश प्रदेश के विदेशी पर्यटक भी आनासागर झील की खूसबरती के गवाह रहे हैं। कभी इस झील को सूखते हुए भी देखा तो कभी पानी से लबालब भी। लेकिन अब झील पर मौजूद जलकुंभी दानव से खतरा मंडराता जा रहा है। बेशक झील से जलकुंभी को निकाला जा रहा है। लेकिन बदइंतजामी की वजह से उसका असर आबादी इलाकों पर भी पड़ रहा है। हर जगह गंदगी का अंबार लग गया है। आनासागर की इस हालत के लिए जिला और निगम प्रशासन जिम्मेदार है। ये एक जीता जागता सबूत हैं जो चीख चीख कर इस ऐतिहासिक धरोहर के नष्ट होने की गवाही दे रहा है।

banner

अगर आपको ये न्यूज़ पसंद आई तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें. localpatrakar.com को अपना बहुमूल्य समय देने के लिए धन्यवाद।

banner

You may also like

Add Comment

लोकल पत्रकार खबरों से कुछ अलग हटकर दिखाने की कोशिश है कुछ ऐसा जिसमें ना केवल खबर हो बल्कि कुछ ऐसा जिसमें आपके भी विचार हो हमारी कोशिश को सफल बनाने के लिए बने रहिए लोकल पत्रकार के साथ 🎤🎥

Edtior's Picks

Latest Articles

© Local Patrakar broadcast media . All Rights Reserved.