Home न्यूज़ नामा असली ख़बर गायब, सिर्फ वायरल कंटेंट! क्या Media पब्लिक को धोखा दे रहा?” 🧐📰

असली ख़बर गायब, सिर्फ वायरल कंटेंट! क्या Media पब्लिक को धोखा दे रहा?” 🧐📰

by PP Singh
102 views
Media

असली ख़बर गायब, सिर्फ वायरल कंटेंट! क्या Media पब्लिक को धोखा दे रहा?” 🧐📰

क्या मीडिया बिक चुका है?, क्या मीडिया भटक चुका है?, झूठ की फैक्ट्री बन चुका है मीडिया? ये वो सवाल हैं जो अक्सर आपने विपक्षी दलों के मुंह से कहीं ना कहीं सुने होंगे। हम ऐसा बिल्कुल भी नहीं कह रहे हैं कि सभी संस्थान ऐसे हैं। चंद मीडिया संस्थान की वजह से पूरे मीडिया को बदनाम करना गलत है। लेकिन इसमें कोई दोराय नहीं है कि आज का मीडिया रील्स और रियलिटी के बीच फंस चुका है। आज का मीडिया ट्रेंड्स और टीआरपी के बीच फंस चुका है।

ऐसा नहीं है कि सिर्फ छोट न्यूज चैनल्स ऐसा कर रहे हैं बल्कि बड़े-बड़े मीडिया हाउस भी लोगों के इंटरेस्ट के हिसाब से ख़बरे दिखा रहे हैं। उनका कहना है कि हमें बदलते दौर के साथ बदलना होगा। लेकिन ऐसा भी क्या बदलना कि आप अपनी जिम्मेदारी, अपने हुसूल, अपने वजूद को ही भूल जाएं। मीडिया ना सिर्फ पब्लिक को सच्चाई दिखाने का काम करता है। बल्कि जिम्मेदारों को जगाने का भी काम करता है। गलत को गलत और सही के साथ खड़े होने का काम करता है। लेकिन आज वो भी बदलते वक्त के साथ बदलता जा रहा है। टीआरपी, चंद लाइक्स और पैसे कमाने के लिए इस तरह का कंटेंट तैयार कर रहा है। जिसका सीधा असर आपकी हमारी सोच पर पड़ता है।

एक वो दौर भी था जब रियलिटी को तवज्जों दी जाती थी। ख़बर मतलब न्यूज चैनल्स हुआ करते थे। लेकिन आज ट्रेंड्स को टॉप प्रायोरिटी पर रखा जा रहा है। इसके लिए कहीं ना कहीं सोशल मीडिया सबसे बड़ा जिम्मेदार है। पहले न्यूज पेपर्स को खूब पढ़ा जाता था। घर-घर क्या लगभग हर घर अख़बार आते थे। लेकिन आज वही न्यूज पेपर आपके मोबाइल पर आ चुका है। पहले न्यूज चैनल्स सिर्फ टीवी पर देख सकते थे। लेकिन आज बदलती टेक्नोलॉजी के युग में वो भी मोबाइल पर उपलब्ध है। हम इसे भी गलत नहीं मानते। बदलते वक्त के साथ बदलना भी जरूरी है। लेकिन 70 परसेंट लोग इंटरनेट और सोशल साइट्स का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। जिसकी वजह से लोगों का माइंड सेट भी चेंज हो रहा है। ना सिर्फ लोगों का बल्कि चौथे स्तंभ के भी ख़बर दिखाने के तरीके बदल गए है.. ख़बरों की अहमियत बदल गई है। हमनें वो दौर भी देखा जब… सांप-बिच्छू और जानवरों के साथ साथ भूत प्रेत और एलियंस के भी शो देखने को मिल जाते थे। फिर दौरा आया सास-बहू वाले टीवी सीरियलस का और फिर कॉमेडी शोज ने उनकी जगह ले ली। लेकिन अब तो ट्रेंड्स और टीआरपी के लिए कुछ भी करेगा जैसे हालात पैदा हो गए हैं।

🚨 क्या भगवान के दर पर भी VIP Culture सही है? सुप्रीम कोर्ट में याचिका, श्रद्धालु परेशान! 😡

क्या छोटे और बड़े… लगभग हर न्यूज चैनल्स वायरल वीडियो तक के शो तैयार करने लगा है। यहां तक की टॉप ट्रेंड्स और टॉप 10 वायरल जैसे शो भी देखने को मिल जाते हैं। क्योंकि वही सब यूजर्स यानि की व्यूअर्स अपने मोबाइल में देखता है। तो बदलते वक्त में टीवी न्यूज चैनल्स ने भी अपनी व्यूअर्शिप बढ़ाने के लिए खुद को ही बदल डाला। दिग्गज और नामी न्यूज चैनल्स भी इस तरह के शो को बकायदा जनता के सामने परोस रहे हैं। एक तरफ वो ये स्टोरी भी चलाते हैं कि आज मोबाइल और इंटरनेट की वजह से रिश्ते नाते टूट रहे..परिवार के बीच दूरियां बढ़ रही है। यहां तक कि ब्रेन रोट जैसी बीमारियों की चपेट में बच्चे और बड़े आ रहे हैं। तो दूसरी तरफ खुद वायरल और ट्रेंडिंग वीडियोज ना जाने कितनी बार.. बल्कि यू कहें कि बार-बार दर्शकों को दिखा रहे हैं। अब तो वो स्टोरीज भी खूब बनाई जा रही है जिनका एक न्यूज चैनल की पॉलिसी से भी कोई लेना देना नहीं होता। वो वायरल वीडियोज जिनका ना तो कोई सिर होता है और ना ही पैर।

Maha Kumbh का पहला IITian BaBa! उनके जीवन के राज़ खोलने वाली जानकारी

(देश-दुनिया की ताजा खबरें सबसे पहले Localpatrakar.com पर पढ़ें, हमें Facebook, InstagramTwitter पर Follow करें और YouTube पर सब्सक्राइब करें।)

You may also like

Add Comment

लोकल पत्रकार खबरों से कुछ अलग हटकर दिखाने की कोशिश है कुछ ऐसा जिसमें ना केवल खबर हो बल्कि कुछ ऐसा जिसमें आपके भी विचार हो हमारी कोशिश को सफल बनाने के लिए बने रहिए लोकल पत्रकार के साथ 🎤🎥

Edtior's Picks

Latest Articles

© Local Patrakar broadcast media . All Rights Reserved.