Sambhal Mandir: 400 साल पुराना मंदिर संभल (Sambhal) में मिला, जाने कैसे और क्यों था 1978 से बंद
संभल में अचानक कैसे मिला 400 साल पुराना मंदिर, 1978 से क्यों था बंद? जानिए ‘भगवान’ का बिजली कनेक्शन
हाल ही में, संभल जिले में प्रशासन ने एक बड़ी कार्रवाई की, जिसमें उन्हें 400 साल पुराना एक शिव मंदिर मिला, जो पिछले 46 सालों से बंद पड़ा था। यह मंदिर 1978 से बंद था और अब प्रशासन ने उसे फिर से खुलवाया। आइए जानते हैं कि ये मंदिर कैसे मिला, और इसके साथ जुड़ी दिलचस्प बातें।
कैसे मिला मंदिर?
संभल में प्रशासन का एक बड़ा अभियान चल रहा था, जिसमें पुलिस ने बिजली चोरी और अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की थी। पुलिस और प्रशासन ने जामा मस्जिद क्षेत्र में बिजली चोरी पकड़ने के लिए छापेमारी की। इसी दौरान, उन्हें एक पुराने मंदिर का पता चला। यह मंदिर मुस्लिम बहुल इलाके में स्थित था और यहां कोई नहीं आ रहा था। चेकिंग के दौरान इस मंदिर का रहस्य खुला और प्रशासन ने उसे कब्जे से मुक्त कराया।
मंदिर के अंदर भगवान शिव, हनुमान, नंदी और कार्तिकेय की मूर्तियां पाई गईं। इसके बाद पुलिस ने तुरंत इस मंदिर को दोबारा खोलने की कार्रवाई शुरू की।
1978 से क्यों था बंद?
मंदिर के खुलने के बाद, स्थानीय लोगों ने बताया कि यह मंदिर 1978 के बाद से बंद था। उस समय हिंदू समुदाय के लोग इस इलाके से पलायन कर गए थे, और मंदिर का देखभाल करने वाला कोई नहीं बचा था। मंदिर के ऊपर अवैध कब्जा किया गया था और इस पर कब्जे की योजना भी बन रही थी। यदि प्रशासन ने बिजली चोरी की चेकिंग नहीं की होती, तो यह मंदिर पूरी तरह से कब्जे में लिया जा सकता था।
मंदिर का इतिहास:
संभल के डीएम ने बताया कि यह मंदिर लगभग 400 साल पुराना है। यह क्षेत्र पहले हिंदू बहुल था, लेकिन समय के साथ स्थिति बदल गई और हिंदू समुदाय के लोग यहां से पलायन कर गए। इस मंदिर के अंदर भगवान शिव और हनुमान की मूर्तियां रखी गई हैं। अब प्रशासन ने मंदिर को कब्जे से मुक्त करवा लिया और उसे फिर से जनता के लिए खोल दिया।
अतिक्रमण और बिजली चोरी:
संभल में पुलिस और प्रशासन का एक प्रमुख उद्देश्य है बिजली चोरी को रोकना और अवैध अतिक्रमण से इलाके को मुक्त कराना। जब पुलिस ने बिजली चोरी पकड़ने के लिए छापेमारी की, तो उसे मंदिर के बारे में जानकारी मिली। इस कार्रवाई से यह भी साफ हुआ कि अतिक्रमण करने की कोशिश हो रही थी, और अगर यह कार्रवाई समय पर नहीं होती, तो मंदिर पूरी तरह से कब्जे में चला जाता।
संभल के सांसद का बयान:
संभल के सांसद जियाउर्रहमान बर्क के घर से यह मंदिर महज 200 मीटर दूर है। यह घटना जामा मस्जिद हिंसा के बाद हुई है, जिसमें पुलिस ने सख्त कार्रवाई की थी। सांसद ने इस मामले में प्रशासन की तारीफ की और कहा कि यह कदम इलाके की सुरक्षा और धार्मिक सहिष्णुता के लिए महत्वपूर्ण है।
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