Home न्यूज़ नामा तपती गर्मी, लू के थपेड़े और एक आदमी का ‘हठ’.. जानकर हो जाएंगे हैरान

तपती गर्मी, लू के थपेड़े और एक आदमी का ‘हठ’.. जानकर हो जाएंगे हैरान

by PP Singh
131 views
A+A-
Reset
हठ

तपती गर्मी, लू के थपेड़े और एक आदमी का ‘हठ’.. जानकर हो जाएंगे हैरान

तापमान पचास डिग्री और इरादे तपती गर्मी से भी बुलंद… एक ओर गर्मी अपना हठ नहीं छोड़ रही, तो दूसरी ओर ये महाशय भी हठ पकड़े बैठे हैं.. ना.. ना.. कुछ गलत ना समझियेगा… दरअसल ये चुरू जिले की रतनगढ़ तहसील के रहने वाले रामनिवास पारीक हैं, जो इतनी भीषण गर्मी में भी अर्धनग्न अवस्था में हठ योग कर रहे हैं। तहसील में इन्हें रतनगढ़ महाराज के नाम से जाना जाता है। ये एक माह तक दोपहर बारह से शाम चार बजे के बीच चार घंटे तपती मिट्टी में बैठ कर योग कर रहे हैं। यहां के लोगों का कहना है कि इस गर्मी में जहां लोग घर से बाहर निकलने से भी बच रहे हैं, वहां रतनगढ़ महाराज हठ योग कर रहे हैं। ये एक चमत्कार है, जो ईश्वरीय कृपा के बिना संभव नहीं है।

क्या है हठ योग

हठ योग का मतलब है ‘निर्देशित करना।’ सबसे पहले शरीर के तंत्र को समझकर उसके लिए एक विशेष वातावरण तैयार करना और फिर शरीर या शरीर की विभिन्न मुद्राओं का प्रयोग कर के अपनी ऊर्जा को , एक खास दिशा में चलाना ही हठ योग है। हठ योग व्यायाम नहीं है।

हठ योग का शाब्दिक अर्थ

संस्कृत भाषा में हठ का मतलब जिद्दी होता है। इस हिसाब से हठ योग का मतलब हुआ, ” पाँच इंद्रियों और मन को अलग कर के योग का जिद्दी अभ्यास करना। हठ योग से लोगों की आम तौर पर ये धारणा है कि हठ योग मात्र आसनों का ही अभ्यास है, जबकि यह समाधि या ज्ञानोदय की उच्चतम अवस्था प्राप्त करने का कठोर अभ्यास है। इस अभ्यास में आसन, प्राणायाम, धारणा और ध्यान शामिल है। हठ योग की उत्पत्ति राज योग से हुई है। यह राज योग का सरल संस्करण है।

आपको बताते चलें कि कुछ लोग इसे काफी रोचक तरीके से समझाते हैं, जहां हठ का हा सूर्य होता है और ठ चंद्र। सौर को पिंगला और चंद्र को इड़ा कहते हैं। यानि हठ योग हमारी सौर (पिंगला) और चंद्र (इड़ा) नाड़ियों को शुद्ध करने में मदद करता है।

banner

हठ योग के छ: सिद्धांत
हठ योग छ: अंगों वाला योग है, जिसे शतंग योग भी कहा जाता है। इसके छ: अंग इस प्रकार हैं-

आसन – शरीर और मन की स्थिर आरामदायक स्थिति
प्राणायाम – प्राण को बनाए रखने की क्षमता का विस्तार
प्रत्याहार – संवेदी इनपुट से वापसी
धारणा – मन को एक बिंदु पर लाना
ध्यान – स्वयं का अवलोकन
समाधि – माया से मुक्त होना

यह भी पढ़े:- Rajasthan: आनासागर की खूबसूरती पर दाग, जलकुंभी ‘दानव’ का डेरा

अगर आपको ये न्यूज़ पसंद आई तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें. localpatrakar.com को अपना बहुमूल्य समय देने के लिए धन्यवाद।

banner
banner

You may also like

Add Comment

लोकल पत्रकार खबरों से कुछ अलग हटकर दिखाने की कोशिश है कुछ ऐसा जिसमें ना केवल खबर हो बल्कि कुछ ऐसा जिसमें आपके भी विचार हो हमारी कोशिश को सफल बनाने के लिए बने रहिए लोकल पत्रकार के साथ 🎤🎥

Edtior's Picks

Latest Articles

© Local Patrakar broadcast media . All Rights Reserved.