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Loksabha Election 2024 : 4 जून को होगा इन राजाओं की किस्मत का फैसला, मिलेगा जनादेश
लोकसभा चुनाव 2024 में सातवें और अंतिम चरण के लिए मतदान पूरा हो चुका है। जिस में 57 सीटों का फैसला EVM में कैद हो गया है। इस अंतिम चरण के मतदान में पीएम मोदी सहित कई दिग्गज नेता शामिल हैं, जिनके भाग्य का फैसला अब 4 जून को होगा। लेकिन पूरे देश में इन लोकसभा चुनाव में कुछ ऐसे शख्सियतें भी चुनाव लड़ रही हैं, जो कभी जनता पर राज किया करते थे, पर लोकतंत्र ने उन्हें जनता के सामने उनसे वोट मांगने के लिए खड़ा कर दिया। कभी ये जनता के राजा हुआ करते थे, पर अब जानता के सेवक बनने के लिए चुनावी मैदान में 4 जून के जनादेश का इंतजार कर रहे हैं।
1. ज्योतिरादित्य सिंधिया –
मध्य प्रदेश की गुना लोकसभा सीट से बीजेपी के उम्मीदवार ज्योतिरादित्य, सिंधिया राज परिवार से हैं। यह परिवार ग्वालियर का राज परिवार कहलाता है। इनके पिता माधव राव सिंधिया थे।
माधवराव जीवाजीराव सिंधिया एक भारतीय राजनीतिज्ञ और भारत सरकार में मंत्री थे। वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के सदस्य थे। रेल राज्य मंत्री का स्वतंत्र प्रभार उनके पास रहा। सिंधिया ब्रिटिश राज के दौरान ग्वालियर रियासत के अंतिम शासक महाराजा जीवाजीराव सिंधिया के पुत्र थे। ज्योतिरादित्य सिंधिया भी पहले कांग्रेस में थे, लेकिन पीएम मोदी से प्रभावित होकर इन्होंने बीजेपी ज्वाइन कर ली और सांसद का चुनाव लड़कर केंद्र में मंत्री बने। इन्हें स्थानीय लोग अभी भी महाराज ही कह कर संबोधित करते हैं।
2. दुष्यंत सिंह
दुष्यंत सिंह राजस्थान की झालावाड़ सीट से मौजूदा सांसद हैं और इस बार भी जनता के बीच झालावाड़ सीट से ही भाग्य आजमाने निकले हैं। दुष्यंत सिंह राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पुत्र हैं। वसुंधरा राजे भी ग्वालियर के सिंधिया परिवार से ताल्लुक रखती हैं। वसुंधरा राजे माधवराव जीवाजीराव सिंधिया की बहन हैं और ज्योतिरादित्य की यह बुआ लगती हैं । वसुंधरा राजे का विवाह धौलपुर के राजा के साथ हुआ था। उन दोनों की संतान दुष्यंत सिंह हैं। बेशक यह लोकसभा चुनाव में सांसद बनने के लिए जनता के बीच गए हैं, लेकिन स्थानीय लोग इन्हें अभी भी महाराजा कहकर ही संबोधित करते हैं।
3. दिग्विजय सिंह
मध्य प्रदेश के राजगढ़ लोकसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी इस बार चुनाव में अपना भाग्य आजमा रहे हैं। दिग्विजय सिंह का जन्म राघोगढ़ में सामंती परिवार में हुआ था। राघोगढ़, ग्वालियर राज्य के अधीन एक राज्य था। यह अभी भी राघोगढ़ के पूर्व राज्य परिवार के सदस्य हैं। इन्हें भी लोग राजा कह कर पुकारते हैं। दिग्विजय सिंह को इस बार कांग्रेस ने राजगढ़ सीट से चुनाव लड़ाया है।
निधि मिश्रा की रिपोर्ट।