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NEET में कितने CHEAT, क्या 67 छात्रों का टॉप होना इत्तेफाक ?
NEET के रिजल्ट को लेकर विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। देश के कौने-कौने में NEET को लेकर छात्रों का गुस्सा फूट रहा है। हाथ में बैनर लिए छात्रों का प्रदर्शन सड़कों तक उतर आया है। आलम ये है कि अब NEET का एग्जाम देने वाले छात्रों को भी ये लगने लगा है कि कुछ तो गड़बड़ हुई है। यही वजह है कि प्रोटेस्ट में अब अभ्यर्थियों के साथ साथ उनके अभिभावक भी प्रदर्शन में शामिल हो रहे हैं। हाथ में तख्ती लेकर NEET परीक्षा देने वाले छात्र-छात्राएं न्याय की मांग कर रहे हैं। क्योंकि NEET रिजल्ट के बाद इन्हे अपने भविष्य पर संकट नजर आने लगा है।
NEET पर NTA की सफाई
NTA यानि की नेशनल टेस्ट एजेंसी ने सफाई देते हुए कहा कि परीक्षा में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। NTA के डायरेक्टर सुबोध कुमार सिंह का कहना है कि विवाद सिर्फ 6 केंद्रों के करीब 1600 छात्रों को ग्रेस मार्क्स देने का है। जिन्हे परीक्षा में कम समय दिए जाने पर ग्रेस मार्क्स दिए गए थे। इसलिए एक कमेटी का गठन किया गया है। चार सदस्यीय कमेटी एक सप्ताह में अपनी रिपोर्ट देगी। जिसके बिनाह पर ही कोई एक्शन लिया जाएगा।
दिल्ली हाईकोर्ट ने मांगा जवाब
NEET की परीक्षा में बैठी एक छात्रा की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी से जवाब तलब किया है। याचिका में NEET की परीक्षा में एक प्रश्न के दो सही उत्तर होने की शिकायत की गई है। वेकेशन बेंच ने एनटीए को अगले हफ्ते इस पर अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है। दरअसल याचिका में कहा गया था कि किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में सभी परीक्षार्थियों का मूल्यांकन एक समान होना चाहिए। लेकिन NTA ने उस प्रश्न के दोनों सही उत्तर का जवाब देने वालों को बराबर अंक दिए है। जबकि NTA ने खुद अपने निर्देश में कहा है कि एक उत्तर ही सही होगा ।
NEET का क्यों हो रहा विरोध ?
नीट के रिजल्ट पर सवाल उठ रहे हैं। NTA ने करीब 1600 छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए हैं। आरोप है कि इसकी वजह से 67 छात्रों ने रिकॉर्ड तोड़ते हुए ऑल इंडिया नंबर एक रैंक हासिल की है। उसमें से कई छात्रों को 720 में से 718 और 719 नंबर मिले। इसपर ग्रेस मार्क्स की जो सफाई NTA ने दी। उससे छात्रों का शक गहरा रहा है। इसी को लेकर छात्रों और अभिभावकों ने भी प्रदर्शन किया।
स्टूडेंट्स को सताने लगा डर
पटना में 25 ऐसे छात्र हैं, जिन्होंने NEET एग्जाम में 600 से ज्यादा नंबर हासिल किये हैं। फिर भी इन्हें इस बात की चिंता है कि सरकारी कॉलेज में एडमिशन मिलेगा भी या नहीं। जिस तरह से 5 मई को आयोजित हुई नीट परीक्षा में गड़बड़ी हुई, और फिर नतीजों को दस दिन पहले जारी किया गया। उसे लेकर छात्रों के NTA से कई सवाल हैं।
NTA से छात्रों के सवाल
1. 67 छात्रों का टॉपर बनना क्या इत्तेफाक है ?
2. ग्रेस मार्क्स की जानकारी पहले क्यों नहीं दी ?
3. एक ही सेंटर के 6 छात्र टॉपर कैसे बन गए ?
4. इसबार कट ऑफ 164 तक कैसे पहुंच गई ?
5. NEET अगर है क्लीन तो क्यों हो रहा देशभर में विरोध ?
छात्रों के प्रदर्शन के बाद नीट के चीट को लेकर सियासत शुरू हो गई है। अब सवाल ये है कि जिन छात्रों को नीट एग्जाम में 650 से 700 नंबर लाने पर सरकारी कॉलेज में एडमिशन मिल जाता था। अब उनका क्या होगा। क्या उनके अभिभावक प्राइवेट कॉलेज की महंगी फीस भर पाएंगे। हालांकि NTA ने साफ कर दिया है कि कमेटी का गठन कर दिया गया है। उसकी जांच रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। क्या नीट के एग्जाम फिर से कंडेक्ट किए जाएंगे।
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