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इमरजेंसी में तिहाड़ जेल में कैद रहीं थीं जयपुर की यह खूबसूरत महारानी
25 जून 1975 यह वही काला दिन था जब देश में पहली बार आपातकाल यानी इमरजेंसी की घोषणा की गई। उस समय देश की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपनी सरकार गिरते हुए देख देश में इमरजेंसी की घोषणा की थी।
25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक 21 महीने की अवधि में भारत में आपातकाल घोषित था। इस दौरान इमरजेंसी का विरोध करने वाले सभी जनों को इंदिरा गांधी ने एक-एक करके जेल का रास्ता दिखा दिया था। यह वही समय था जब देश की जेल में अपराधियों से ज्यादा देश और संविधान को बचाने वाले लोग रखे गए थे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस इमरजेंसी में राजस्थान ही नहीं बल्कि दुनिया की सबसे खूबसूरत महिला को भी तिहाड़ जेल में रखा गया था। यह महिला कोई और नहीं बल्कि जयपुर राजघराने की महारानी गायत्री देवी थीं। दरअसल, उनके जेल जाने का कनेक्शन देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से जुड़ा है।
गायत्री देवी की शोहरत से परेशान थी इंदिरा गांधी
इतिहास के पन्ने बेशक इंदिरा गांधी को लेडी आयरन के रूप में जानते हों, लेकिन प्रधानमंत्री रहते देश में पहली बार इमरजेंसी लगाने वाली महिला के रूप में भी उन्हें जाना जाता है। इतिहासकारों का मानना है कि जब इंदिरा गांधी और गायत्री देवी साथ-साथ थीं। तब से इंदिरा को गायत्री की खूबसूरती और शोहरत से परेशानी थी। 1962 में लोकसभा चुनाव जीतने के बाद गायत्री देवी का दायरा और भी बढ़ गया।
1965 में प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री ने गायत्री देवी को पार्टी जॉइन करने को कहा, जिससे उन्होंने इनकार कर दिया। वे स्वतंत्र पार्टी से चुनाव लड़ीं और 1967 में भारी वोटों से जीत हासिल की, लेकिन बाद में मालपुरा विधानसभा सीट से उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
झूठे आरोप लगाकर तिहाड़ जेल भेजा
इमरजेंसी के दौरान प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जिन लोगों को जेल भिजवाया। उनमें विपक्ष के कई नेता, पत्रकार और अन्य लोग शामिल थे। कई लोगों को आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था अधिनियम (मीसा एक्ट) के तहत जेल में रखा गया था।
25 जून, 1975 में जब इंदिरा गांधी ने देश में इमरजेंसी का ऐलान किया। तब गायत्री देवी मुंबई में अपना इलाज करा रही थीं। जैसे ही उन्हें इस बात का पता चला, वो तुरंत वो दिल्ली लौटीं। लोकसभा पहुंचने पर विरोध दल की सारी सीटें उन्हें खाली मिलीं। औरंगजेब रोड पर उनके घर पर इनकम टैक्स का छापा मारा गया। जिसमें उन पर विदेशी मुद्रा कानून के तहत सम्पत्ति छुपाने का आरोप लगाया गया और उन्हें तिहाड़ जेल में रखा गया।
गायत्री देवी को चोर और वेश्याओं के साथ रखा गया जेल में
इमरजेंसी लगने के बाद जयपुर की महारानी गायत्री देवी को तिहाड़ जेल ले जाया गया। महारानी गायत्री देवी को चोर और वेश्याओं के साथ एक ही सेल में रखा गया था। यही नहीं महारानी गायत्री देवी को जेल में रखकर बासी खाना परोसा जाता था। जिसके कारण उनकी तबीयत भी खराब होने लग गई थी। इमरजेंसी और तिहाड़ जेल की यात्रा के बारे में गायत्री देवी ने एक बयान में कहा था कि तिहाड़ जेल में उन्हें ऐसी सेल में रखा गया जहां वेश्याएं और चोर रखे जाते थे। उनकी चीख और शोर के कारण उन्हें रात भर नींद नहीं आती थी। तिहाड़ जेल से आने के बाद महारानी गायत्री की सेहत काफी खराब रहने लग गई थी।
गायत्री देवी को जयपुर की राजमाता के नाम से भी जाना जाता है। उनका जन्म कूच बिहार की राजकुमारी गायत्री देवी के रूप में हुआ था। वह महाराजा सवाई मान सिंह द्वितीय से विवाह के बाद जयपुर की तीसरी महारानी थीं। वह स्वतंत्रता के बाद भारतीय राजनीति में शामिल हुईं और एक बेहद सफल राजनीतिज्ञ बन गईं।
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