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बजट सत्र में ‘बाबा’ के इस्तीफे की गूंज, क्या छुट्टी पर हैं Dr. Kirodi Lal Meena?
डॉ. किरोड़ीलाल मीणा मंत्री पद से इस्तीफा दे चुके हैं। बावजूद इसके विपक्ष उनका पीछा नहीं छोड़ रहा है। आए दिन कोई ना कोई मंत्री उनके इस्तीफे का राग छेड़ ही देता है। पहले गोविंद सिंह डोटासरा और अब नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने डॉ. किरोड़ीलाल मीणा के इस्तीफे का जिक्र विधानसभा में कर डाला। बजट सत्र के दौरान बाबा के इस्तीफे को लेकर कई बार कटाक्ष और हमले किए गए। लेकिन बाबा ने एकबार भी विपक्ष को पलटकर जवाब नहीं दिया। यहां तक की उन्होनें मीडिया के सामने हमेशा यही कहा कि उनके लिए पद नहीं बल्कि जनता मायने रखती है।
विधानसभा में विपक्ष ने छेड़ा राग
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने अपने संबोधन के दौरान एकबार फिर डॉ. किरोड़ीलाल मीणा के इस्तीफे का जिक्र कर डाला। उन्होने प्रश्नकाल के दौरान भरे सदन में सरकार से सवाल किया। तो स्पीकर वासुदेव देवनानी ने जवाब देते हुए कहा कि डॉ. किरोड़ीलाल मीणा छुट्टी पर हैं। इसी सदन ने उनकी छुट्टी स्वीकार की है। इससे पहले भी डॉ. साहब के इस्तीफे को लेकर विपक्ष सदन के अंदर और बाहर कटाक्ष कर चुका है।
‘मैं इस्तीफा दे चुका हूं, मंजूर का पता नहीं’
डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने साफ कर दिया है कि वो मंत्री पद से इस्तीफा दे चुके हैं। मंजूर हुआ है या नहीं.. ये उन्हे नहीं पता। डॉ. साहब ने कहा कि वो बिना मंत्री रहकर भी काम करते आए हैं और आगे भी करते रहेंगे। पहले भी वो कई साल मंत्री रहे। उसके बाद कुछ महीने मंत्री रहे। लेकिन वो बिना मंत्री रहकर भी अपनी मांग मनवाने से गुरेज नहीं करते। फिर चाहे सरकार पार्टी पक्ष की हो या फिर विपक्ष की। डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने साफ कर दिया है कि मैं अपना काम कर चुका हूं। जो मुझे सही लगा। लेकिन आखिरी फैसला अब आलाकमान करेगा। जो उनको सही लगेगा वो फैसला लेंगे।
अटकलों पर लगा चुके हैं विराम
प्रदेश में भजनलाल सरकार में मंत्री और पूर्वी राजस्थान के कद्दावर नेता डॉ. किरोड़ी लाल मीणा के इस्तीफे को लेकर तमाम अटकले लगाई जा रही थी। कोई इसे सियासी शिगुफा करार दे रहा था तो कोई इसे महज एक सियासी स्टंट बता रहा था। इतना ही नहीं विपक्षी दलों के नेता तो ये तक कह रहे थे कि बाबा का इस सरकार में दम घुट रहा है। वो सत्ता पक्ष से संतुष्ट नहीं थे। यहां तक की पिछली कई बैठकों में भी वो शामिल नहीं हुए थे। लेकिन डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए सत्ता संगठन से नाराजगी की बात से इंकार कर दिया।
‘बाबा’ ने क्या दिया था वचन
डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने लोकसभा चुनाव के दौरान कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुझे 7 सीटों की जिम्मेदारी दी थी। इस बार अगर इन सात सीटों में से एक भी सीट हार गए तो मैं कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा दे दूंगा। इन सात में से एक बेहद महत्वपूर्ण सीट जहां किरोड़ी लाल मीणा की खासी पकड़ मानी जाती है दौसा है। जहां से कांग्रेस के मुरारी लाल मीणा ने बड़ी जीत हासिल की है। उसके बाद से ही विपक्ष हाथ धोकर पीछे पड़ गया था। बार-बार उनको ‘रघुकुल रीत सदा चल आई, प्राण जाई पर वचन न जाई’ चौपाई की याद दिलाई जा रही थी।
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