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कांवड़ियों पर देर रात बरसीं लाठियां, फिर भोले बाबा के भक्तों का फूटा गुस्सा
श्रावण मास में भोले बाबा के जयकारे हर और गूंज रहे हैं। जगह-जगह भोले बाबा के भक्त कांवड़ लेकर सड़कों पर आपको दिख भी जाएंगे। सोमवार भोले बाबा का वार कहलाता है। इस दिन खासतौर पर शिवालयों में सबसे ज्यादा भीड़ देखने को मिलती है। कुछ जगह तो श्रद्धालुओं का सैलाब इतना उमड़ पड़ता है कि हालात बेकाबू हो जाते हैं। कुछ ऐसा ही हुआ राजस्थान में झुंझुनूं के लोहार्गल धाम पर भी । जहां रविवार देर रात जमकर बवाल मचा। आधी रात को करीब एक बजे के आसपास कांवड़ियों पर जमकर लाठियां भांजी गई। जिसके बाद भोले बाबा के भक्तों का रौद्र रूप देखने को मिला। हंगामे और तोड़फोड़ की ख़बरे कई जगहों पर देखने और सुनने को मिली।
जनाना कुंड में घुसने पर बवाल
जिला मुख्यालय से करीब 70 किलोमीटर दूर गोठड़ा इलाके में लोहार्गल धाम है। जहां सूर्यकुंड मौजूद है। इस कुंड में हर साल बड़ी तादाद में भक्त कांवड़िए पहुंचते हैं। स्नान करते हैं साथ ही जल भर कर भी ले जाते हैं। रविवार रात भी कांवड़ियों की भीड़ लोहार्गल धाम में जुटी। बड़ी संख्या में भक्त स्नान के लिए पहुंचे। लेकिन श्रद्धालुओं की संख्या इतनी थी कि भीड़ बेकाबू हो गई। लोहार्गल धाम में मुख्य कुंड से 20 मीटर की दूरी पर जनाना कुंड मौजूद है। भीड़ इतनी थी कि कांवड़िएं महिला कुंड की तरफ आ गए। जिससे महिलाओं को स्नान करने में परेशानी होने लगी। जिसके बाद वहां मौजूद पुलिस ने कांवड़ियों को वहां से जाने के लिए कहा। लेकिन हालात बेकाबू होते देख पुलिस को लाठियां भांजनी पड़ी।
कांवड़ियों ने की मारपीट, दुकानों में की तोड़फोड़
पुलिस के डंडे बरसने के बाद भोले बाबा के भक्त कांवड़ियों को रौद्र रूप देखने को मिला। लाठीचार्ज से गुस्साएं कांवड़ियों ने तोड़फोड़ शुरू कर दी। धाम में मौजूद वॉलंटियर्स के साथ भी मारपीट की गई। इतना ही नहीं लोहार्गल धाम के बाहर मौजूद दुकानों पर भी कांवड़ियों का कहर बरपा। कई दुकानों और गाड़ियों में कांवड़ियों ने जमकर तोड़फोड़ की। जिसके बाद पूरे सीकर रोड पर जाम लग गया। कई कांवड़ियों और वहां मौजूद लोगों का आरोप था कि लोहार्गल धाम में माकुल इंतजामात नहीं थे। पर्याप्त संख्या में भी पुलिस बल नहीं था। जिसकी वजह से हालात बेकाबू हुए। हालांकि पुलिस ने कांवड़ियों के आरोपों से साफ इनकार किया। पुलिस ने कहा कि भीड़ को काबू करने के लिए थोड़ी सख्ती बरती गई थी। ना कि उन पर लाठीचार्ज किया गया। हालांकि वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि पुलिस कैसे कुंड में उतरकर कांवड़ियों पर डंडे बरसा रही है।
पुराणों में जिक्र है लोहार्गल धाम का
जानकारों की माने तो लोहार्गल धाम का जिक्र हमारे पुराणों में भी है। पवित्र स्थानों में शुमार लोहार्गल धाम को लेकर कई मान्यताएं हैं। ये धाम शेखावाटी इलाके में मौजूद झुंझुनू के नवलगढ़ तहसील इलाके आड़ावल पर्वत पर मौजूद है। लोहार्गल की महत्वता को पांडवों ने समझा था और इसे तीर्थराज की भी उपाधि दी गई थी। लोहार्गल का सूर्य मंदिर काफी प्राचीन और मशहूर है। यहां मौजूद सूर्यकुंड में डुबकी लगाने के लिए भक्त दूर-दूर से आते हैं। कहा जाता है कि इस कुंड के पानी में पांडवों के हथियार भी गल गए थे। जिसके बाद उन्हे अपने पापों से मुक्ति मिली थी।
ब्यूरो रिपोर्ट, लोकल पत्रकार..।।
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