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राजस्थान की राजनीति में फिर सक्रिय हुए सचिन पायलट, जानें क्या है वज़ह..

by PP Singh
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सचिन पायलट

राजस्थान की राजनीति में फिर सक्रिय हुए सचिन पायलट, जानें क्या है वज़ह..

कांग्रेस की पूर्व अशोक गहलोत सरकार में अपने अस्तित्व के लिए जूझ रहे सचिन पायलट एक बार फिर सक्रिय नजर आ रहे हैं। पूर्व सरकार में सचिन पायलट और अशोक गहलोत की खींचतान के चलते विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को खामियाजा भुगतना पड़ा और चुनाव हार गए। लेकिन अब भाजपा सरकार आने के बाद राजस्थान में सचिन पायलट एक बार फिर अपने बयानों के बदौलत राजनीति में सक्रिय होते दिखाई दे रहे हैं।

पेपर लीक मामले में अपने ही लोगों को लिया आड़े हाथ

जयपुर के बिड़ला सभागार में एनएसयूआई की नई कार्यकारिणी के शपथ ग्रहण समारोह में सचिन पायलट शामिल थे, तब सचिन पायलट ने पेपर लीक मामले में कहा कि उनका स्टैंड वही है जो उनकी सरकार में था और अब भाजपा सरकार में भी यही रहेगा। सचिन पायलट ने कहा पेपर लीक मामले में कोई भी हो, उसको जेल की सलाखों के पीछे जाना चाहिए।

सचिन पायलट ने अधिकारियों को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि पेपर लीक करने वाले अधिकारी को काली कमाई करनी है, तो कोई दूसरा विभाग चुन ले, कम से कम युवाओं का भविष्य खराब नहीं करें।

जयपुर से लेकर टोंक तक सक्रिय हुए सचिन पायलट

सचिन पायलट लगातार जयपुर और अपने विधानसभा क्षेत्र टोंक में सक्रिय दिखाई दे रहे हैं। यहां तक कि वह मीडिया में आकर सवालों के जवाब भी दे रहे हैं। इससे पहले सचिन पायलट अपनी ही कांग्रेस सरकार के समय मीडिया से दूरी बनाये हुए दिखते थे। लेकिन प्रदेश में भाजपा की सरकार बननेे के बाद एक बार फिर सचिन पायलट के पुराने तेवर देखने को मिल रहे हैं। वह लगातार मीडिया के सामने आकर खुलकर सवालों का जवाब दे रहे हैं। यही नहीं प्रदेश की भाजपा सरकार और केंद्र की मोदी सरकार पर भी महंगाई, बेरोजगारी, ट्रेन हादसों पर भी पूछे गये सवालों का बेबाकी से जवाब देते नजर आ रहे हैं।

आखिर पायलट के सक्रिय होने की क्या है वजह ?

विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सरकार की हार के बाद बेशक भाजपा की सरकार बन गई हो, लेकिन लोकसभा में कांग्रेस का परफॉर्मेंस बढ़िया रहा है। राजस्थान लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 11 सीट मिली हैं, जिसमें से अधिकांश वो सांसद लोकसभा में पहुंचे हैं, जिन्हें सचिन पायलट ने टिकट दिलाई। विधानसभा में भी अधिकांश विधायक सचिन पायलट की ओर से दी गई टिकट पर जीत कर आए हैं। ऐसे में सचिन पायलट का कद राजस्थान की राजनीति सहित केंद्र में भी बढ़ गया है।

कौन बन सकता है प्रदेश अध्यक्ष..?

राजस्थान में फिलहाल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा हैं। उनके कार्यकाल को 4 साल से ज्यादा समय हो गया है, जबकि किसी भी प्रदेश अध्यक्ष का कार्यकाल 3 साल का ही होता है। विधानसभा चुनाव में बेशक कांग्रेस की हार हुई, लेकिन लोकसभा में कांग्रेस ने 11 सीटें जीती। इस जीत
का सहरा भी गोविंद सिंह डोटासरा के सिर पर बंधा है।

सरकार से बगावत करने के बाद सचिन पायलट को हटाकर कांग्रेस ने डोटासरा को प्रदेश अध्यक्ष बनाया था। तब से अब तक डोटासरा को बतौर प्रदेश अध्यक्ष बने 4 साल से ज्यादा हो चुके हैं । ऐसे में प्रदेश में नगर निकाय, नगर पालिका, जिला प्रमुख, पंचायत के चुनाव के बाद में प्रदेश अध्यक्ष का चेहरा बदला जा सकता है। हालांकि हरीश चौधरी सबसे पहले दावेदार नज़र आते हैं। लेकिन 4 साल बाद विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का सबसे बड़ा चेहरा इस बार सचिन पायलट ही रहने की पूरी संभावना है।

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