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राजस्थान की बेटियों ने रचा इतिहास, पेरिस पैरालिंपिक में भारत को दिलाये मेडल
राजस्थान की दो बेटियों ने पेरिस पैरालिंपिक में इतिहास रच दिया है। भारत को एक ही दिन दो मेडल जितवा कर देश को गौरवान्वित किया है। जयपुर की अवनी लेखरा और मोना अग्रवाल ने शूटिंग कॉम्पिटिशन में भारत के लिए दो मेडल जीते। जहां अवनी लेखरा ने स्वर्ण पदक झटका, तो वहीं मोना अग्रवाल ने ब्रॉन्ज मेडल देश को दिया।
आपको बता दें कि अवनी लेखरा का पैरालिंपिक में यह दूसरा गोल्ड मेडल है। अवनी ने इससे पहले टोक्यो पैरालिंपिक में गोल्ड और ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किये थे। राजस्थान के लिए तो इसलिए भी गर्व की बात है कि अवनी पैरालिंपिक में तीन मेडल जीतने वाली भारत की पहली खिलाड़ी बन गई हैं।
अवनी ने तोड़ा खुद का रिकॉर्ड
आर-2 महिला 10 एम एयर राइफल एसएच-1 के फाइनल राउंड में अवनी फर्स्ट पोजीशन पर थी और मोना थर्ड पोजीशन पर थी। इस दौरान अवनी ने खुद का ही रिकॉर्ड भी तोड़ा। टोक्यो पैरालिंपिक में 249.6 पॉइंट ले कर अवनी ने पैरालिंपिक रिकॉर्ड बनाया था और अब पेरिस में 249.7 पॉइंट हासिल कर नया रिकॉर्ड बनाया है। जबकि कोरिया की युनरी ली को सिल्वर से संतोष करना पड़ा। युनरी का स्कोर 246.8 था। आपको ये भी बता दें कि मोना अग्रवाल ने 228.7 पॉइंट स्कोर किये और भारत को मेडल दिलाया।
एक्सीडेंट के बाद डिप्रेशन में चली गई अवनी
अवनी लेखरा का ये सफर आसान नहीं था। साल 2012 में उनका एक्सीडेंट हो गया था, जिसके बाद वो डिप्रेशन में चली गई थी। उनका मोरल
गोल्ड मेडलिस्ट अभिनव बिंद्रा की बायोग्राफी पढ़ने से बूस्ट हुआ। अवनी ने अपनी ट्रेनिंग साल 2015 में जयपुर के जगतपुरा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में शुरू की थी। पेरिस पैरा ओलिंपिक से पहले लेखरा टोक्यो पैरालिंपिक-2020 में एक गोल्ड और एक ब्रॉन्ज पदक जीत चुकी हैं। ऐसा करने वाली वे पहली भारतीय महिला हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी उन्हें बधाई दी हैहार
पैदा होने के बाद हुआ पोलियो, फिर भी नहीं मानी हार
मोना अग्रवाल को जन्म के कुछ ही महीनों बाद पोलियो हो गया था, लेकिन फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी। मोना ने स्टेट लेवल पर गोला फेंक और वेटलिफ्टिंग भी खेला है। शूटिंग उन्होंने दिसंबर 2021 में ही करना शुरू किया था। बता दें कि मोना ने 9 मार्च 2024 को पैरा शूटिंग वर्ल्ड कप में गोल्ड मेडल जीता था।
रामचरित मानस की चौपाई से किया मोटिवेट
अवनी लेखरा के दूसरी बार पैरा ओलिंपिक में गोल्ड मेडल जीतने के बाद उनके परिवार में खुशी की लहर है। अवनी के पिता प्रवीण लेखरा ने बताया कि उन्हें अवनी की उपलब्धि से बहुत खुशी है। ओलंपिक में जाने से पहले रामचरित मानस की इस चौपाई से उसका मोरल बूस्ट किया था..
कवन सो काज कठिन जग माहीं। जो नहिं होइ तात तुम्ह पाहीं॥ राम काज लगि तव अवतारा। सुनतहिं भयउ पर्बताकारा ॥
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