CM की महिलाओं को बड़ी सौगात, पुलिस विभाग में 33 फीसदी आरक्षण
भजनलाल सरकार एक के बाद एक ऐतिहासिक फैसले ले रही है। मुख्यमंत्री की एक्टिवनेस को लेकर मंत्रियों के साथ साथ विधायकों और विरोधियों में चर्चा का विषय बना हुआ है। हालही में मुख्यमंत्री ने पुलिस अफसरों को नसीहत देते हुए कहा था कि पुलिस चाहे तो क्या कुछ नहीं कर सकती। इसी दौरान सीएम ने पुलिस विभाग में महिलाओं को भागीदारी बढ़ाने के लिए भी कहा था। सीएम ने कहा था कि माताओं, बहनों और बेटियों के लिए पुलिस डिपार्टमेंट में महिलाओं की संख्या ज्यादा होनी चाहिए। उसके लिए वो हर संभव कोशिश करेंगे।
महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण
अपने वचनों पर कायम रहते हुए प्रदेश के मुखिया ने ये ऐतिहासिक फैसला ले ही डाला। राज्य की भजनलाल सरकार ने पुलिस विभाग में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण दिए जाने का अहम फैसला लिया है। इसके लिए राजस्थान पुलिस अधीनस्थ सेवा 1989 में संशोधन किया गया है। मुख्यमंत्री शर्मा ने पहले ही इस योजना की घोषणा कर दी थी। जिसे अब कैबिनेट द्वारा स्वीकृति मिल गई है। इस फैसले का उद्देश्य पुलिस बल में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाना और उन्हें अधिक रोजगार के अवसर प्रदान करना है।
महिलाओं के प्रति अपराध कम होंगे
सरकार का यह निर्णय राज्य में महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। कैबिनेट बैठक के बाद विधि मंत्री ने कहा कि इस निर्णय से पुलिस बल में लैंगिक समानता को बढ़ावा मिलेगा और महिलाओं के प्रति अपराधों में कमी आएगी। इस संशोधन के बाद राजस्थान पुलिस विभाग की आने वाली भर्तियों में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा, जिससे उनकी संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि की उम्मीद है। सीएम के फैसले के बाद अब उम्मीद है कि विपक्ष भी इस फैसले का स्वागत करेगा।
व्यूरो रिपोर्ट, लोकल पत्रकार।
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