क्या आप जानते हैं कि दुनिया की सबसे रहस्यमयी सोसाइटी, इल्युमिनाटी, आज भी छिपी हुई है? जानें उनकी सच्चाई!
इतिहास के पन्नों को पलटे तो एक दुनिया ऐसी भी थी… जिसके बारे में सुना तो बहुत लोगों ने पर देखा शायद किसी ने नहीं। हम आपको बताएंगे उस सीक्रेट सोसाइटी के बारे में। जो सबकुछ देख सकती थी लेकिन कोई उसे नहीं देख सकता था। उस रहस्यमयी ग्रुप का नाम था इल्युमिनाटी। 18वीं सदी में शुरू हुआ ये ग्रुप ऐसे लोगों का समूह था। जो भगवान को नहीं बल्कि शेतान को मानते थे। अलग सोच रखने वाले इस ग्रुप से कई फिल्म स्टार, बिजनेसमैन यहां तक पॉलिटिकल लोग भी जुड़े हुए थे। इल्युमिनाटी ग्रुप इतना पावरफुल था कि उस पर सरकार गिराने, सरकार बनाने, यहां तक की कोरोना महामारी को फैलाने के पीछे भी इस ग्रुप का हाथ बताया जाता है। इस ग्रुप के लोगों के लिए किसी को मारना बहुत आम बात थी।
इल्युमिनाटी ग्रुप से जुड़े लोग ज्यादा ज्ञानी, प्रभावशाली और ताकतवर होने का दावा करते थे। इस ग्रुप को एडम ने ही इल्युमिनाटी नाम दिया था। इस ग्रुप का कोई ऑफिशियल लोगो नहीं था। लेकिन ग्रुप से जुड़े लोग एक पिरामिड में बनी आंख को ही अपना चिन्ह मानते थे। क्योंकि उनका मानना था कि ये सीक्रेट आंख पूरी दुनिया को देखती है। आपने ना जाने कितनी मूवीज में कई बार ऐसा हुआ बड़े बड़े फिल्म स्टार से लेकर पॉलिटिशयन तक इस ग्रुप के लोगो के साइन को हाथों के जरिए दिखा चुके हैं।
शेतान की पूजा करने वाला ये ग्रुप धार्मिक लोगों के खिलाफ एक्टिविटी करने लगा। काला जादू इनके लिए बड़ी बात नहीं थी। शेतान को खुश करने के लिए वो किसी की भी बलि देने से भी गुरेज नहीं करते थे। आत्माओं को गिरवी रखने वाले लोगों को इस ग्रुप में ऊंचा समझा जाता था। आत्माओं को गिरवी रखने के लिए ये लोग एबॉरशन और आत्महत्या तक को बढ़ावा देते थे। सीक्रेट सोसायटी के लोगों का टारगेट था कि एक अलग दुनिया बनाएं जहां ना तो कोई राजा हो ना ही सरकार और ना ही कोई रोक टोक। यही वजह थी भारत समेत दुनियाभर की कई नामचीन हस्तियों पर इस ग्रुप से जुड़ने के आरोप लगे।
इल्युमिनाटी ग्रुप का नेटवर्क इतना स्ट्रोंग और सीक्रेट था कि कोई चाहकर भी उन तक नहीं पहुंच सकता था। उनके फैलते जाल और लोगों में डर की वजह से सरकार को इस ग्रुप पर बैन लगाना पड़ा। सरकार ने ऐलान किया कि जो भी इस ग्रुप से जुड़ेगा। उसे सीधे सजा-ए-मौत मुकरर की जाएगी। बावजूद इसके इल्युमिनाटी के कदम नहीं रूके। इस ग्रुप के लोग अपने सीक्रेट मैसेज ट्रांसपेरेंट इंक के जरिए भेजते थे जिसके जरिए वो नेगेटिव गतिविधियां किया करते थे। सरकार की पड़ताल में सामने आया कि ये ग्रुप समाज के साथ साथ दुनिया के लिए बड़ा खतरा बनता जा रहा है। उसके बाद इसके ठिकानों और उससे जुड़े लोगों के घरों पर छापा मारा गया। जहां से ट्रांसपेरेंट इंक भी बरामद हुई। सरकार ने इसे 1780 में बंद कर दिया। हालांकि कुछ लोगों का मानना है कि अब भी ये सीक्रेट सोसाइटी इस दुनिया पर नजर बनाए हुए है।
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