1700 करोड़ खर्च,”नाला नहीं बन पाया नदी” !
नाम द्रव्यवती नदी…लेकिन काम बदबू मारना। ये कहना है द्रव्यवती नदी के पास रहने वाले और वहां से गुजरने वाले लोगों का। लोगों का कहना है कि पिछले 6 सालों में भी STP यानि की सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट अबतक नहीं बन पाया। जिसके लिए कहीं ना कहीं JDA की कमजोर पैरवी भी जिम्मेदार है। क्योंकि जब प्लांट का काम शुरू ही हुआ था। तभी कुछ लोग कोर्ट से स्टे ले आए उसके बाद से हालात बद से बदतर होते चले गए। हालात ये है कि करोड़ों की लागत से बना ट्रैक भी अब सूना पड़ा रहता है। इसलिए दुर्गंध के कारण 1700 करोड़ रूपये खर्च करने के बाद भी नाला अभी तक नदी का स्वरूप नहीं ले पाया।
राइजिंग राजस्थान से अब द्रव्यवती नदी की दशा बदलने वाली है। UDH प्रमुख शासन सचिव वैभव गालरिया ने अपने निरीक्षण के दौरान कहा– द्रव्यवती की सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने को लेकर टाटा कंपनी के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। गालरिया ने कहा कि बारिश का मौसम खत्म हो चुका है और बारिश के दौरान आने वाला पानी भी अब बंद हो चुका है। ऐसे में अब तुरंत प्रभाव से द्रव्यवती नदी की सफाई करवाई जाए। महज 45 दिनों में सफाई व्यवस्था दुरुस्त कर टाइम शेड्यूल तैयार किया जाए।
प्रदेश में इन्वेस्टमेंट समिट होने जा रहा है उसकी तैयारियां युद्ध स्तर पर की जा रही है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर पूरे शहर को दुरुस्त किया जाना है। लेकिन बारिश के दौरान जो भी गड्ढे हैं उन सबको भरने से लेकर सही करने का भी काम किया जा रहा है। राइजिंग राजस्थान को ध्यान में रखते हुए जेडीए और निगम दोनों संस्थाएं मिलकर राइजिंग राजस्थान को सफल बनाने की जुगत में जुटी है। मेगा इवेंट से ना सिर्फ राजस्थान में इन्वेस्टमेंट आएगा बल्कि राजधानी के हालात भी बदल जाएंगे।
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ब्यूरो रिपोर्ट, लोकल पत्रकार।
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