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अगले साल तक सभी स्टेट हाइवे पर फास्टैग: 92% टोल बूथों पर लागू, कैश वसूली पूरी तरह बंद होगी
राजस्थान में अगले साल की पहली तिमाही तक सभी स्टेट हाइवे पर टोल कलेक्शन पूरी तरह से Fastag के जरिए किया जाएगा। इस प्रक्रिया को तेजी से लागू करने के लिए उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने PWD के प्रमुख शासन सचिव को निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जिन टोल बूथों पर अब तक फास्टैग सिस्टम नहीं लगा है, वहां इसे जल्द से जल्द इंस्टॉल किया जाए। साथ ही, जहां सिस्टम लगा हुआ है लेकिन फिर भी कैश वसूली हो रही है, वहां इसे तुरंत ठीक करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
अब तक 172 टोल बूथों पर फास्टैग लागू
राजस्थान में 74 से अधिक स्टेट हाइवे हैं, जिन पर कुल 186 टोल बूथ हैं। इनमें से 172 टोल बूथों पर फास्टैग सिस्टम लगाया जा चुका है। अगले महीने तक 8 और टोल बूथों पर इसे लागू कर दिया जाएगा। उपमुख्यमंत्री ने अगले साल की पहली तिमाही तक सभी टोल बूथों पर फास्टैग लगाने का लक्ष्य तय किया है।
एक साल में 131 टोल बूथों पर इंस्टॉलेशन
PWD के प्रमुख शासन सचिव प्रवीण गुप्ता ने बताया कि पिछले एक साल से भी कम समय में 131 टोल बूथों पर फास्टैग इंस्टॉलेशन का काम पूरा किया गया है। इनमें से अधिकांश बूथों पर ऑनलाइन टोल कलेक्शन की सुविधा शुरू हो गई है। उन्होंने यह भी कहा कि जहां फास्टैग लग चुका है लेकिन अभी भी कैश कलेक्शन किया जा रहा है, वहां जल्द ही पूरी तरह से ऑनलाइन कलेक्शन शुरू किया जाएगा।
मौजूदा ऑपरेटरों की लापरवाही
गुप्ता ने बताया कि कुछ टोल ऑपरेटर ऐसे हैं, जो सिस्टम होने के बावजूद कैश वसूली कर रहे हैं। ये ऑपरेटर जानबूझकर फास्टैग सिस्टम को खराब कर देते हैं ताकि अवैध वसूली की जा सके। इनमें से कई ऑपरेटर ऐसे हैं जिनका टेंडर खत्म हो चुका है और वे केवल एक्सटेंशन पर काम कर रहे हैं।
नई व्यवस्था: मैनपावर आधारित टेंडर
अब सरकार ने नई व्यवस्था लागू की है, जिसके तहत मैनपावर के आधार पर टेंडर किए जा रहे हैं। इस प्रक्रिया में केवल टोल बूथों पर मैनेजमेंट के लिए मैनपावर रखा जाएगा, जबकि टोल कलेक्शन पूरी तरह ऑनलाइन होगा। इस बदलाव से सारा पैसा सीधे सरकार के खाते में जाएगा, जिससे अवैध वसूली की संभावना खत्म हो जाएगी।
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