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इन गलतियों से बचें! स्टॉक मार्केट (Stock Market) में 70% लोगों के पैसे डूबते क्यों हैं?

by PP Singh
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Stock Market

इन गलतियों की वजह से स्टॉक मार्केट (Stock Market) में 70% लोगों के पैसे डूब जाते हैं, रिपोर्ट का बड़ा खुलासा

स्टॉक मार्केट में निवेश करने का सपना कई लोग देखते हैं, लेकिन सही जानकारी और रणनीति के बिना इसमें पैसा लगाना नुकसानदायक हो सकता है। भारतीय शेयर बाजार में करीब 70% रिटेल निवेशकों को घाटे का सामना करना पड़ता है। चौंकाने वाली बात यह है कि केवल 12% निवेशक ही वित्तीय सलाहकारों की मदद लेते हैं। कई बार अनुभवी निवेशक भी बड़ी गलतियां कर बैठते हैं, क्योंकि वे इन तीन अहम मुद्दों को नजरअंदाज कर देते हैं।

किन तीन मुद्दों पर ध्यान देना जरूरी है?

2018 की ET वेल्थ सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, रिटेल निवेशकों का पैसा अक्सर इसलिए डूबता है क्योंकि वे निवेश से पहले जरूरी पहलुओं पर ध्यान नहीं देते। मुख्य गलतियां हैं:

  1. सही एसेट एलोकेशन का अभाव: यह तय करना कि किस तरह के निवेश में कितना पैसा लगाना चाहिए।
  2. जोखिम का सही मूल्यांकन न करना: निवेश करने से पहले जोखिम के स्तर को नहीं समझना।
  3. शेयर से जुड़े पहलुओं पर ध्यान न देना: शेयर चुनने से पहले उसके फंडामेंटल और तकनीकी विश्लेषण को न देखना।

निवेश करते समय क्या देखना चाहिए?

द फाइनेंशियल एनालिस्ट जर्नल के अनुसार, किसी भी निवेश का 91.5% रिटर्न सही एसेट एलोकेशन पर निर्भर करता है, जबकि स्टॉक सिलेक्शन का योगदान केवल 7% से भी कम होता है। उदाहरण के तौर पर, यदि किसी निवेश पर 20% का मुनाफा मिलता है, तो इसमें से 18.3% एसेट एलोकेशन और केवल 1.7% स्टॉक सिलेक्शन व बाजार की टाइमिंग से आता है।

अक्सर निवेशक या तो ट्रेंडिंग स्टॉक खरीदते हैं या दोस्तों और परिचितों की सलाह पर पैसा लगाते हैं। इसका परिणाम यह होता है कि लाभ के साथ-साथ जोखिम भी बढ़ जाता है। सही एसेट एलोकेशन से हाई ग्रोथ वाले एसेट्स और कम जोखिम के बीच संतुलन बनाया जा सकता है। साथ ही, बाजार में प्रवेश और निकासी का सही समय समझना भी जरूरी है।

निवेशकों की आम गलतियां

स्मार्ट एसेट फाइनेंशियल एसेट सर्वे में यह पाया गया कि 52% वित्तीय सलाहकारों का मानना है कि निवेशक सबसे बड़ी गलती यह करते हैं कि वे सही समय का इंतजार करते रहते हैं। वास्तव में, बाजार की भविष्यवाणी करने के बजाय लॉन्ग टर्म निवेश अधिक फायदेमंद होता है।

उदाहरण के लिए, यदि आपने 1999 में Nifty 50 में सात साल के लिए निवेश किया होता, तो नुकसान की संभावना 0% होती और 10% वार्षिक रिटर्न मिलने की 82% संभावना रहती।

लॉन्ग टर्म निवेश का महत्व

SEBI के अनुसार, म्युचुअल फंड्स में अधिकतम पांच साल तक लोग निवेश करते हैं, लेकिन 71% निवेशक दो साल के भीतर ही पैसा निकाल लेते हैं। इससे साफ है कि लॉन्ग टर्म निवेश की प्रवृत्ति कम है। अक्सर निवेशक सही समय और सही जानकारी के अभाव में नुकसान उठाकर बाजार से बाहर हो जाते हैं।

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