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बिजनेस में लॉस से आहत इंजीनियर ने उठाया खौफनाक कदम, जानकर हो जाएंगे हैरान
जयपुर से किडनैप हुए युवक को पुलिस ने 528 किलोमीटर दूर हिमाचल के सोलन से छुड़ाया। पुलिस ने किडनैप करने वाली गैंग के मास्टरमाइंड सॉफ्टवेयर इंजीनियर समेत चार बदमाशों को गिरफ्तार किया है। इनमें एक महिला भी शामिल है।
जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने पूरे मामले का खुलासा करते हुए बताया- 18 अगस्त को अनुज मीणा (21) और सोनी सिंह चौहान (22) नाहरगढ़ पहाड़ पर घूमने गए थे। रात करीब 7 बजे अनुज मीणा के पिता शिव लहरी मीणा ने बेटे को फोन कर घर लौटने के लिए कहा। अनुज ने साढ़े 8 बजे तक घर लौटने की बात कही। इसके बाद अनुज और सोनी सिंह चौहान का फोन बंद हो गया।
कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने बताया-
नाहरगढ़ पहाड़ी पर रात करीब सवा 7 बजे कार सवार चार बदमाशों ने अनुज के कपड़े देखकर समझा उसे पैसे वाले का बेटा समझा। बदमाशों ने अनुज और सोनी सिंह से मारपीट की। इसके बाद नशीली दवा सुंघाकर बेहोश कर दिया।
बदमाशों ने अनुज के मुंह पर पट्टी लगा दी। फिर कार में डालकर हिमाचल ले गए। घायल सोनी को मौके पर छोड़कर भाग निकले। सोनी को होश आया, तब उसने फोन कर परिवार और पुलिस को जानकारी दी। इसके बाद पुलिस एक्टिव हुई और नाहरगढ़ पहुंची। पुलिस ने आधी रात करीब साढ़े 11 बजे तक नाहरगढ़ की पहाड़ियों में किसी अनहोनी को लेकर अनुज की तलाश शुरू की लेकिन नहीं मिला।
अपहरणकर्ताओं ने की 20 लाख की डिमांड
अपहरण के दो दिन बाद 20 अगस्त को अनुज के मोबाइल से उसके पिता के पास फोन आया। फोन करने वाले ने कहा- बेटा उनके पास है। 20 लाख रुपए की व्यवस्था कर। बेटा जिंदा मिल जाएगा। अनुज के पिता शिव लहरी मीणा जयपुर में ऑटो चलाते हैं। 20 लाख रुपए की रकम सुन कर वह घबरा गए। पुलिस को सूचना दी गई।
बदमाशों ने किए चार कॉल
बदमाशों ने 20 तारीख को पहला कॉल किया था, उसे पुलिस ने ट्रेस किया तो वह मथुरा का निकला। दूसरे दिन फिर से फोन आया। इसमें भी 20 लाख रुपए मांगे गए।
अपहरणकर्ताओं ने की 20 लाख की डिमांड
अपहरण के दो दिन बाद 20 अगस्त को अनुज के मोबाइल से उसके पिता के पास फोन आया। फोन करने वाले ने कहा- बेटा उनके पास है। 20 लाख रुपए की व्यवस्था कर। बेटा जिंदा मिल जाएगा। अनुज के पिता शिव लहरी मीणा जयपुर में ऑटो चलाते हैं। 20 लाख रुपए की रकम सुन कर वह घबरा गए। पुलिस को सूचना दी गई।
बदमाशों ने किए चार कॉल
बदमाशों ने 20 तारीख को पहला कॉल किया था, उसे पुलिस ने ट्रेस किया तो वह मथुरा का निकला। दूसरे दिन फिर से फोन आया। इसमें भी 20 लाख रुपए मांगे गए।
यह कॉल देहरादून से आया था। तीसरा कॉल 22 अगस्त को आया। जो पंचकुला से आया था। इसमें कहा गया कि पैसा लेकर चंडीगढ़ आना है।
22 अगस्त को ही अनुज की मां और पुलिस की टीम पैसा लेकर रवाना हो गए। फिर कॉल आया। इसमें बोला गया- आप लोग वेट करो जल्द बता दिया जाएगा कि कहां आना है। इसके बाद बदमाशों ने अगले दिन शिमला कालका रेलवे स्टेशन आने के लिए कहा। ट्रेन की लास्ट बोगी में बैठने के लिए कहा।
23 अगस्त की सुबह 3.45 बजे ट्रेन में युवक की मां और पुलिस बैठ गई। इसके बाद बदमाशों ने धर्मपुर रेलवे स्टेशन के आसपास बैग फेंकने के लिए कहा। इस पर पहले से मौजूद पुलिस टीम को धर्मपुर
स्टेशन पर वॉकी टॉकी लेकर घूम रहे युवक पर शक हुआ। उसे डिटेन कर पूछताछ की गई। इस पर आरोपी पुलिस को वहां लेकर गया। जहां बच्चे को बंधक बना रखा था।
युवक का पीछा कर पकड़ा
धर्मपुर स्टेशन पर पुलिस को जब संदिग्ध युवक वॉकी टॉकी के साथ मिला। पुलिस ने उसका पीछा करना शुरू किया। एसआई हरिओम सिंह ने शक होने पर पीछे किया।
युवक को पुलिस की मौजूदगी का शक हुआ तो वह भागने लगा। हरिओम और अन्य पुलिसकर्मियों ने उसे दबोच लिया। पूछताछ में आरोपी ने युवक का किडनैप करना कबूल कर लिया। उसने अपने अन्य सदस्यों की लोकेशन के बारे में जानकारी दी। जिसके बाद पुलिस टीम उस जगह तक पहुंची, जहां पर बच्चे को रखा हुआ था।
आरोपी विरेन्द्र सिंह (40) सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। उसने यूपी में एक काम शुरू किया था। जिसमें उसे भारी नुकसान हुआ था। इस नुकसान की भरपाई के लिए उसने किडनैपिंग का प्लान बनाया था। इन लोगों का पहले कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है।
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