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उत्तर प्रदेश के बिजनौर में एक प्रेरणादायक किसान: जैविक खेती की सफलता की कहानी
राहुल का संघर्ष और सफलता
बिजनौर जिले के रहने वाले पूर्व सैनिक राहुल ने सेना की नौकरी छोड़कर गांव में ही जैविक खेती करने का साहस दिखाया। उनके माता-पिता के कैंसर के समय में, उन्होंने अपने परिवार की सेवा के लिए नौकरी छोड़ी और जैविक खेती की शुरुआत की। आज वह महीने में 50000 रुपये की आमदनी कर रहे हैं और इलाके में किसानों को जैविक खेती की तकनीक सिखाने का काम भी कर रहे हैं।
जैविक खेती: स्वास्थ्य और आर्थिक सहारा
राहुल ने जैविक खेती को अपनाकर न केवल अपने लिए बल्कि अपने समुदाय के लिए भी एक सकारात्मक परिवर्तन लाया है। उनका कहना है कि जैविक खेती से न केवल खाद्य उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ती है, बल्कि यह लोगों के स्वास्थ्य को भी बचाव करने में मदद करती है। उन्हें चाहिए कि ज्यादा से ज्यादा किसान जैविक खेती करें ताकि इसके फायदों को और अधिक लोगों तक पहुंचाया जा सके।
प्रौद्योगिकी का उपयोग: ड्रिप सिंचाई
राहुल का खेत में ड्रिप सिंचाई का उपयोग करना उनकी प्रेरणा का एक अन्य उदाहरण है। इस तकनीक से वह पानी की बचत करते हैं और प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग सही ढंग से करते हैं। इसके अलावा, उनका खुद का यूट्यूब चैनल भी है जहां वह अपने अनुभवों और ज्ञान को बाँटते हैं ताकि और लोग भी जैविक खेती का अनुभव कर सकें।