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बोला था…. मैं वापस आऊंगा, वादे से एक दिन पहले ही घर पहुँचे गये अजय… पर तिरंगे में लिपटे हुए…
जम्मू-कश्मीर में डोडा जिले के डेसा में आतंकवादियों के हमले में सेना के कैप्टन समेत 4 जवान शहीद हो गए। डोडा शहर से करीब 55 किमी दूर हुए आतंकी मुठभेड़ हुई। जिसमें झुंझुनूं के 2 जवान शामिल हैं। जिसमें एक बुहाना तहसील के भैसावता कलां के सिपाही अजय सिंह नरूका पुत्र कमल सिंह नरूका और डूमोली कलां की ढाणी खुबा के रहने वाले बिजेंद्र सिंह दौराता पुत्र रामजीलाल शहीद हुए हैं। मंगलवार सुबह दोनों जवानों के परिवार को शहादत की खबर मिली और आज दोनों के पार्थिव देह जयपुर एयरपोर्ट पहुंचे। जहाँ से इन्हें उन्हें उनके झुंझुनूं के पैतृक गांव लाया गया ।दोनों जवान राष्ट्रीय रायफल्स में तैनात थे।
शहिद अजय का पूरा परिवार जन सेवा से जुड़ा है :
अजय सिंह की पार्थिव देह बुधवार सुबह सिंघाना से भैसावता कलां (झुंझुनूं) लाया गया। जहाँ से शहीद के सम्मान में यात्रा निकाली गई। अजय के पिता कमल सिंह नरूका भी सेना में हवलदार रह चुके हैं। कमल सिंह 2015 में रिटायर हुए थे। शहीद अजय सिंह नरूका की शादी 21 नवंबर 2021 को शालू कंवर से हुई थी। मां सुलोचना देवी गृहिणी हैं। अजय सिंह का छोटा भाई करणवीर सिंह बठिंडा, पंजाब के AIMS में डॉक्टर है। पत्नी शालू कंवर ने इसी साल चिड़ावा के कॉलेज से M.Sc. क्लियर किया है। शहिद की पत्नी शालू कंवर के पास सेना के अधिकारियों का फोन आया था ।
एक दिन पहले पहुँचे अजय, पर तिरंगे में –
शहिद अजय सिंह के परिजनों ने बताया कि अजय 18 जुलाई को घर आने वाले थे । अजय सिंह दो महीने पहले छुट्टी पर घर आए थे। इसके बाद ड्यूटी पर वापस लौट गए थे। दो दिन बाद 18 जुलाई को छुट्टी लेकर गांव आने वाले थे। लेकिन इससे पहले मुठभेड़ में शहीद हो गए और अपने वादे से एक दिन पहले ही अजय अपने घर वापस आये, पर तिरंगे में लिपटे हुए।
5 दिन पहले ही हुई थी बिजेंद्र सिंह की छुट्टी कैंसिल, भाई भी सेना में
जम्मू-कश्मीर में डोडा जिले में डेसा जंगल के धारी गोटे उरारबागी में राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस सोमवार से ही सर्च ऑपरेशन चला रही थी। इस दौरान आतंकवादी फायरिंग करते हुए भागे। जिसके बाद भारतीय सेना के जवानों ने उनका पीछा किया। घना जंगल होने की वजह से आतंकी सुरक्षाबलों को चकमा देते रहे। सोमवार रात करीब 9 बजे फिर गोलीबारी हुई। इसमें 5 जवान गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इन्होंने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। इनमें से एक झुंझुनू के डूमोली कलां की ढाणी खुबा के रहने वाले बिजेंद्र सिंह दौराता पुत्र रामजीलाल भी शामिल थे, जो देश की रक्षा करते हुए सरहाद पर शहिद हो गये।
4 महीने बाद आना था, लेकिन छुट्टी कैंसिल हुई थी –
बिजेंद्र सिंह फरवरी में एक महीने की छुट्टी पर अपने घर आए थे। पांच दिन पहले घर आने वाले थे, लेकिन आतंकी घटनाओं के चलते छुट्टी कैंसिल हो गई थी।
2018 में आर्मी में हुए थे भर्ती, छोटा भाई भी सेना में –
बिजेंद्र सिंह 2018 में आर्मी में भर्ती हुए थे। 8 नवंबर 2019 में उनकी शादी नयाबास मानोता कलां, खेतड़ी की रहने वाली अंकिता से हुई थी। परिवार में तीन बहनें है, जिनकी शादी हो चुकी हैं। पिता रामजीलाल गांव में खेती करते हैं। मां धोली देवी गृहिणी है। छोटा भाई दशरथ सिंह भी सेना में हैं, जो लखनऊ में तैनात है। दशरथ सिंह को सेना के अधिकारियों का कॉल आया था। इसी के बाद उनको बिजेंद्र के शहीद होने की जानकारी हुई।
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