अब लगेंगे स्मार्ट मीटर (Smart Meters), जितना रिचार्ज उतना ही चलेगा मीटर
राजस्थान में बिजली चोरी बहुत बड़ा मुद्दा है। जिसकी वजह से बिजली विभाग को करोड़ों का नुकसान झेलना पड़ता है। इसी घाटे को कम करने के लिए अब राजस्थान के बिजली विभाग ने स्मार्ट मीटर लगाने का फैसला किया है। इन प्रीपेड मीटर की खास बात ये होगी। आपको जितनी बिजली यूज करनी है बिल भी आपको उतना ही देना होगा। हालांकि बिजली उपभोक्ताओं को पहले ही मीटर को रिचार्ज करना होगा। रिचार्ज खत्म होते ही बिजली की सप्लाई भी बंद हो जाएगी।
अगले महीने से लगेंगे प्रीपेड मीटर !
पहले तो ये नवाचार लटकता हुआ दिख रहा था। लेकिन अब बिजली विभाग ने अपनी कमर कस ली है। करीब डेढ़ करोड़ बिजली उपभोक्ताओं को प्रीपेड स्मार्ट मीटर से बिजली मिलेगी। ये काम प्रदेश में कई फेज में पूरा किया जाएगा। जिसकी शुरूआत अगले महीने से होगी और पहले फेज में 25 लाख स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। करीब 30 महीने में इस काम को पूरा करने का टारगेट रखा गया है। जिसमे 15 लाख कृषि उपभोक्ता को इस दायरे से बाहर रखा गया है। इस पूरे प्रोजेक्ट पर 10 हजार करोड़ रूपए खर्च होगा। जिसमें केंद्र सरकार 15 और राज्य सरकार 85 प्रतिशत राशि वहन करेगी। आरईसी लिमिटेड कंपनियों को फंडिंग करेगी और एक मीटर की लागत लगभग 900 रूपए आएगी।
उपभोक्ता, विभाग और कंपनियों को फायदा
ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर का भी मानना है कि प्रदेश में छीजत बहुत बड़ी समस्या है। जिसकी वजह से विभाग को बड़ा नुकसान होता है। लेकिन अब स्मार्ट मीटर से पता चलेगा कि किस फीडर पर कितना कंजप्शन हो रहा है। इससे उपभोक्ताओं को भी फायदा मिलेगा और बिजली का दुरुपयोग भी रूकेगा।
इसके लिए जयपुर में स्टेट डाटा सेंटर बनाया जाएगा। बैकअप के लिए जोधपुर में डिजास्टर रिकवरी सेंटर भी बनेगा। स्मार्ट मीटर से बिजली कंपनियों को भी फायदा होगा। करीब 15 प्रतिशत से ज्यादा चोरी से कंपनियों को और घाटा लगता है। ऐसे में अब स्मार्ट मीटर लगने से एडवांस राशि खाते में जमा होगी। साथ ही उपभोक्ताओं की ज्यादा रीडिंग ज्यादा बिल आने की शिकायतें भी दूर होंगी।
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