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फर्जी NOC से ऑर्गन ट्रांसप्लांट, 3 नामचीन डॉक्टर्स पर गिरी गाज

by PP Singh
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फर्जी NOC से ऑर्गन ट्रांसप्लांट, 3 नामचीन डॉक्टर्स पर गिरी गाज

राजस्थान मेडिकल के लिहाज से आसपास के राज्यों की तुलना में कहीं ज्यादा आगे है। यही वजह है कि आसपास के राज्यों के लोग भी राजस्थान में इलाज के लिए आते हैं। लेकिन हालही में ऑर्गन ट्रांसप्लांट के फर्जी NOC मामले ने शर्मसार कर दिया है। जिसमें चंद रुपयों की खातिर फर्जी NOC की बंदरबांट की गई।

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पैसों के बदले बांटी फर्जी NOC

ऑर्गन ट्रांसप्लांट फर्जी NOC मामले ने पूरे राजस्थान को हिलाकर रख दिया था। कैसे पैसों के लिए नियम-कायदे ताक पर रखकर फर्जी NOC बांटी गई। एंटी करप्शन ब्यूरो की कार्रवाई के बाद इसका खुलासा हुआ। करीब एक महीने पहले एसीबी ने सवाईमानसिंह अस्पताल के सहायक प्रशासनिक अधिकारी को ट्रैप किया। जिससे पूछताछ में खुलासा हुआ कि उसने जयपुर के फोर्टिस और ईचसीसी अस्पताल को 25 से 35 हजार रुपए में फर्जी NOC बांटी थी। परत दर परत मामले में बड़े खुलासे होते रहे।

फर्जी NOC से ऑर्गन ट्रांसप्लांट, 3 नामचीन डॉक्टर्स पर गिरी गाज

3 अधिकारी डॉक्टर्स पर गिरी गाज

एक महीने की जांच के बाद आखिरकार अधिकारियों पर कार्रवाई की गाज गिरी। इस मामले को लेकर SMS मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. राजीव बगरहट्टा और SMS अस्पताल अधीक्षक डॉ. अचल शर्मा को इस्तीफा देना पड़ गया। जांच रिपोर्ट के आधार पर दोनों अधिकारियों का इस्तीफा भी मंजूर कर लिया गया। वहीं सोटो के चेयरमैन पद पर लगे डॉ. सुधीर भंडारी को भी हटा दिया गया है।

RUHS के VC पद से हटाने की सिफारिश

डॉ. सुधीर भंडारी बेशक खुद को इस मामले से अलग बता रहे हैं। यही वजह है कि उन्होने इस्तीफे की पेशकश नहीं की। लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने उन्हे SOTO के चेयरमैन के पद से हटा दिया है। जांच में सामने आया था कि सितंबर महीने में हुए ऑर्गन ट्रांसप्लांट कॉर्डिनेटर के प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभागियों को दिए प्रमाण पत्र पर डॉ. सुधीर भंडारी ने बतौर SOTO चेयरमैन के सिग्नेचर किए थे। मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार जांच कमेटी की रिपोर्ट अब राजभवन भिजवाई जाएगी और उन्हे RUHS के VC के पद से भी हटाने की सिफारिश की जाएगी।

क्या था ऑर्गन ट्रांसप्लांट NOC का खेल

दरअसल प्रदेश के प्राइवेट अस्पतालों में अवैध अंग प्रत्यारोपण स्वास्थ्य विभाग और अधिकारियों के लिए चिंता का विषय बन चुका था। चिकित्सा विभाग के कुछ अधिकारियों की लापरवाही और मिलीभगत की वजह से प्राइवेट अस्पतालों को फर्जी NOC जारी की गई। जिसकी वजह से गैर कानूनी तरीके से ऑर्गन ट्रांसप्लांट किए जा रहे थे।

ACB ने पूरे नेक्सस का किया भंडाफोड़

लगभग एक महीने पहले इस पूरे नेक्सस का एसीबी ने खुलासा किया। एसीबी ने SMS अस्पताल के सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह को गिरफ्तार किया। साथ ही दो प्राइवेट अस्पतालों के अधिकारियों को भी दबोचा। ACB ने गौरव सिंह के घर पर छापा मारा तो सैंकड़ों फर्जी एनओसी बरामद हुई। इसके बाद जयपुर के ही निजी अस्पतालों की मिलीभगत सामने आने पर तीन बड़े अधिकारी डॉक्टर्स पर गाज गिरी।

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