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राजस्थान रचेगा इतिहास, ‘सोलर सेक्टर में बनेगा हब’
राजस्थान आने वाले दिनों में देश ही नहीं बल्कि दुनिया में भी जाना जाएगा। ऐसा मानना है ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर का। राज्य सरकार प्रदेश में सोलर सेक्टर को बढ़ावा दे रही है। हीरालाल नागर ने कहा कि हमारी कोशिश है कि राजस्थान सौर ऊर्जा उत्पादन के साथ ही सोलर उपकरणों की असेंबलिंग के साथ साथ मैन्यूफैक्चरिंग का हब बने। इसको लेकर सोलर उपकरण विनिर्माण इकाइयों से जुड़े उद्यमी सुझाव दें। जिनके आधार पर नीति एवं नियमों में संशोधन की जरूरत हुई तो उन पर भी सरकार विचार करेगी।
सोलर कंपोनेंट एक्सपो का अवलोकन
राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में राजस्थान सोलर एसोसिएशन की तरफ से भारत सोलर कंपोनेंट एक्सपो का आयोजन किया गया। जिसका ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने अवलोकन किया। मंत्री हीरालाल नागर ने संबोधित करते हुए कहा कि राजस्थान आने वाले दिनों सोलर के सेक्टर में हब बनकर उभरेगा। उसके लिए जो भी जरूरत होगी। उसको पूरा किया जाएगा। उन्होंने पीएम कुसुम योजना के लाभार्थियों तथा सोलर उपकरणों की विनिर्माण इकाइयों से जुड़े उद्यमियों के साथ संवाद किया और उनके सवालों के जवाब भी दिए। उन्होने ये भी कहा कि राजस्थान आने वाले दिनों में कई क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बनने की कोशिशों में जुटा है। जिसके लिए सरकार हर संभव मदद करने की कोशिश करेगी।
रोजगार के बेहतर मौके मिलेंगे- नागर
ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि स्थानीय स्तर पर ही सोलर कंपोंनेंट मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट्स के लगने से सोलर पैनल, सोलर केबल, एलुमिनियम स्ट्रक्चर की निर्माण लागत में कमी आएगी और युवाओं को इस उभरते सेक्टर में रोजगार के बेहतर अवसर मिलेंगे। सौर ऊर्जा भविष्य की जरूरत है और हमारे प्रदेश में सोलर एनर्जी के क्षेत्र में निवेश की अपार संभावनाएं भी हैं। ऊर्जा मंत्री ने सौर ऊर्जा को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य कैबिनेट द्वारा हाल ही में किए गए अक्षय ऊर्जा नीति-2023 और राजस्थान भू-राजस्व नियम, 2007 के प्रावधानों में संशोधन का भी जिक्र किया।
10 हजार करोड़ के प्रस्ताव
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि राज्य में विद्युत तंत्र के सुदृढीकरण के लिए आरडीएसएस योजना के माध्यम से 10 हजार करोड़ के कार्यों के प्रस्ताव तैयार किए जा रहे हैं। जिससे नए ग्रिड सब स्टेशनों के निर्माण और फीडर सुधार जैसे कामों को स्पीड मिलेगी। इतना ही नहीं ऊर्जा मंत्री ने कहा कि किसानों के लिए दिन में सस्ती बिजली सुलभ कराने के उद्देश्य से कुसुम योजना को गति दी जा रही है। जल्द ही इस योजना में 5 हजार मेगावाट के प्लांट और आने की प्रक्रिया में हैं। इस योजना से जुड़कर किसान अपनी अनुपजाऊ भूमि का उपयोग ऊर्जा उत्पादन में कर पाएंगे। साथ ही घरों पर रूफ टॉप पर सोलर पैनल लगाने के काम में तेजी लाएंगे।
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