पिता के रिटायरमेंट पर बेटे के साइन
ऐसा कहते हैं कि एक पिता के लिए उसका बेटा उस दिन बड़ा हो जाता है। जब दोनों के शूज एक साइज के हो जाते हैं। लेकिन पिता के लिए गर्व का वो पल होता है। जब पिता और बेटा कंधे से कंधा मिलाकर साथ खड़े होते हैं। कुछ ऐसी ही कहानी है एक IAS पिता और IAS बेटे की। राजस्थान में IAS अधिकारी सांवरमल वर्मा भरतपुर संभागीय आयुक्त के पद से रिटायर हो चुके हैं। हालांकि उनकी रिटायरमेंट ज्यादा चर्चा का विषय नहीं है बल्कि चर्चा उनके रिटायरमेंट पर जारी हुए एडिशनल चार्ज के ऑर्डर की है।
दरअसल सांवरमल वर्मा के रिटायरमेंट के बाद उनकी जगह एडिशनल चार्ज देने के आदेश पर उनके बेटे IAS कनिष्क कटारिया के साइन है। इस दौरान सांवरमल वर्मा ने कहा कि एक पिता होने के नाते ये मेरे लिए गौरव का क्षण है। कनिष्क कटारिया कार्मिक विभाग में संयुक्त सचिव के पद पर तैनात है। किसी भी आईएएस, आईपीएस और आरएएस अधिकारी के ट्रांसफर, रिटायरमेंट समेत अन्य सेवा संबंधी आदेश पर संयुक्त सचिव ही हस्ताक्षर करते है। 30 सितंबर को IAS सांवरमल वर्मा के रिटायरमेंट के समय उनका चार्ज अतिरिक्त संभागीय आयुक्त को देने के आदेश पर उनके बेटे कनिष्क कटारिया ने साइन किए।
सांवरमल वर्मा राजस्थान प्रशासनिक सेवा यानि RAS से IAS बने थे। वहीं उनके बेटे कनिष्क कटारिया ने संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा यानि की UPSC 2018 में टॉप किया था। दिलचस्प बात ये भी है कि पिता-पुत्र कुछ महीनों पहले ही IAS बने। कनिष्क ने IAS बनने से पहले IIT बॉम्बे से कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग में बीटेक की थी। बीटेक के बाद उन्हें विदेश में 1 करोड़ के सालाना पैकेज पर नौकरी का ऑफर मिला। कनिष्क ने कुछ दिन नौकरी की और इस्तीफा देकर भारत लौट आए। यहां कनिष्क ने यूपीएससी की तैयारी की और अपने पहले ही अटेम्प में टॉप कर IAS अधिकारी बन गए।
ब्यूरो रिपोर्ट, लोकल पत्रकार