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राष्ट्रीय पर्वों पर फहराया जाता है यहाँ का बनाया झंडा, 16 राज्यों में होता है सप्लाई
भारत की आन बान शान राष्ट्रीय ध्वज का निर्माण उत्तर मध्य भारत में एकमात्र शहर ग्वालियर में होता है। पिछले 25 वर्षों से राष्ट्रीय ध्वज का निर्माण मध्य भारत खादी संघ संस्था ग्वालियर में कर रही है। पूरे वर्ष इसका निर्माण अलग-अलग साइज में किया जाता है और देश के 16 से अधिक राज्यों में यहां से निर्मित राष्ट्रीय ध्वजों की सप्लाई की जाती है। 15 अगस्त और 26 जनवरी को देश की बड़ी और ऐतिहासिक इमारतों पर भी यहीं से बने हुए राष्ट्रीय ध्वज को फहराया जाता है।
लाखों की संख्या में यहां राष्ट्रीय ध्वज का निर्माण
जब देश में हर घर तिरंगा का अभियान चलाया जाता है, तो संस्था में राष्ट्रीय ध्वज निर्माण की डिमांड और बढ़ जाती है। यहां कार्य करने वाले कर्मचारियों को भी बड़ी खुशी और गर्व होता है।
ये हमारा सौभाग्य
हमें देश की आन बान शान यानि राष्ट्रीय ध्वज का निर्माण करने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है। हम जो झंडा बनाते हैं, वह साइज के हिसाब से कम ज्यादा निकलते हैं। अगर 2×3 का साइज बनाते हैं, तो लगभग 10 झंडे हम रोज के बना लेते हैं और उससे बड़ा होता है 3×4.5 का तो 8 हो जाते हैं। झंडा बनाने में नापतोल भी देखी जाती है। मेज़रमेंट भी सही होना चाहिए। थोड़ी बहुत कमी होती है, तो हम यहीं पर पूरी कर लेते हैं। जब हम भारत का राष्ट्रीय ध्वज बनाते हैं, तो हमको बहुत अच्छा लगता है और हमारे लिए गर्व की बात भी है और फिर यह ग्वालियर में बन रहा है, तो हमारे लिए और बड़े गर्व की बात हो जाती है। ये ग्वालियर की एकमात्र संस्था है, जो राष्ट्रीय ध्वज का निर्माण कर रही है। मुझे यहां काम करते-करते 2 साल हो गए हैं। ये कहना है यहाँ की कर्मचारी प्रियंका का।
इतना ऑर्डर कि पूरा करने में असमर्थ
राष्ट्रीय ध्वज निर्माण उत्तर मध्य खादी संस्था ग्वालियर के सचिव रमाकान्त शर्मा का कहना है कि यहां झंडा बनाने का काम 12 महीने चलता है। यह उत्तर भारत की BIS प्रमाणित एक ही संस्था है। यहां राष्ट्रीय ध्वज का निर्माण सभी मानकों के अनुसार होता है। अभी हम लोग भारत के 16 राज्यों में राष्ट्रीय ध्वज भेज चुके हैं। लगभग 7000 झंडे हम भेज चुके हैं और रोजाना लगातार ऑर्डर आ रहे हैं। हमको बहुत ही गर्व महसूस होता है कि हमारे द्वारा राष्ट्रीय ध्वज का निर्माण ग्वालियर में हमारी संस्था में हो रहा है और देश की आन बान शान का प्रतीक राष्ट्रीय ध्वज हमारा स्टाफ और हम सब मिलकर तैयार करते हैं।
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वहीं डिमांड की बात करें, तो इस साल डिमांड पिछली साल की अपेक्षा कम है, लेकिन अभी 5 से 7 दिन बाकी हैं। डिमांड आ रही है। हर साल की बात करें, तो हमारे पास इतना ऑर्डर आता है कि हम उनकी पूर्ति नहीं कर पाते हैं, क्योंकि BIS प्रमाणित झंडे बनाने वाले लोग कम ही हैं और पूरे भारत में केवल 3 जगह ही यह राष्ट्रीय ध्वज बनाया जाता है। हमारे झंडे की मांग बहुत रहती है। शासकीय कार्यालय और शासकीय दफ्तरों में हमारे ही झंडे जाते हैं। भारत सरकार द्वारा अभी हर घर तिरंगा अभियान चालू किया है, जो 7 तारीख से 15 तारीख तक चलने वाला है। उस अभियान में भी लोग अपने घर पर सम्मान से राष्ट्रीय ध्वज फहराएं और देश की आन बान शान को सेल्यूट करें। हमारे यहां तिरंगा 25 साल से बनाया जा रहा है, लेकिन BIS प्रमाणित तिरंगा हम 2016 से बना रहे हैं। हमारे यहां अधिकतर महिला उद्यमी काम करती हैं। हमारे यहां 17 लोग काम करते हैं, जिसमें 13 महिलाएं काम करती है और कृत्रिम बुनकर भी हमारे यहां लगभग 196 हैं। जो लोग इसका धागा बनाते हैं और कपड़ा बुनते हैं, वही हमारा स्टैंडर्ड साइज 2×3, 3×4.5, और 4×6 फ़ीट में यह साइज सबसे ज्यादा बिकते हैं और हमारे यहां 8×12 तक का झंडा बनता है। 1×1.5 का छोटा झंडा भी बनता है। हमारे यहां से खादी ग्राम उद्योग भारत सरकार खरीदता है और फिर वह अलग-अलग एंबेसी, शासकीय इमारतों और सरकारी दफ्तरों तक भेजता है। फिर वहां झंडा फहराया जाता है। हमारे स्टाफ को बहुत ही गर्व महसूस होता है, जब हम राष्ट्रीय ध्वज बनाते हैं। इससे हमारे ग्वालियर का भी नाम होता है। दिल्ली की संसद भवन, राष्ट्रपति भवन, लाल किले पर भी हमारा झंडा फहराया जाता है।
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