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5 सीटों पर उपचुनाव का कौन होगा उप’विजेता’?
लोकसभा चुनाव के बाद अब राजस्थान में 5 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होंगे। इनमे दौसा, देवली-उनियारा, झुंझुनूं, खींवसर और चौरासी विधानसभा सीटें शामिल है। पांच सीटों में से तीन सीटें कांग्रेस के पास है। जबकि एक आरएलपी और एक बीएपी के पास है। हैरानी की बात ये है कि इन पांचों सीटों पर बीजेपी के पास एक भी सीट नहीं है। ऐसे में बीजेपी के लिए ये उपचुनाव किसी अग्नि परीक्षा से कम नहीं है।
बीजेपी के लिए बड़ी टेंशन
पिछले उपचुनावों का ट्रैक रिकॉर्ड देखें तो बीजेपी के मुकाबले हमेशा कांग्रेस का पलड़ा ही भारी रहा है। बावजूद इसके बीजेपी नेता दावा ठोक रहे हैं कि वो उपचुनाव की पांचों सीटों पर कमल खिलाकर रहेंगे। लेकिन पुराने ट्रैक रिकॉर्ड और समीकरण की माने तो यहां भी पासा पलटता दिख रहा है। ये बात बीजेपी के दिग्गज मन ही मन जानते भी हैं कि ये उपचुनाव जीतने का मतलब है उंगली टेड़ी करके घी निकालने जैसा है। क्योंकि बीजेपी के विधानसभा चुनाव में मिशन-25 और लोकसभा चुनाव में 400 पार के दावे हवाहवाई ही नजर आए।
I.N.D.I.A गठबंधन गले की हड्डी !
प्रदेश में बेशक सत्ता बीजेपी की है। लेकिन उपचुनाव ने सत्ता और संगठन दोनों की चिंता बढ़ा रखी है। क्योंकि उपचुनाव की पांचों सीटों में से एक भी बीजेपी के पास नहीं है। तीन सीटें कांग्रेस और एक आरएलपी और एक बीएपी के पास है। ऐसे में कांग्रेस की इंडिया गठबंधन के तहत आरएलपी और बीएपी से समझौता हो सकता है। जो बीजेपी के लिए किसी गले की हड्डी से कम नहीं है।
कांग्रेस का ट्रैक रिकॉर्ड मजबूत
सियासी समीकरण से लेकर पुराने रिकॉर्ड पर नजर डाले तो। हमेशा से ही कांग्रेस का पलड़ा भारी रहा है। पिछले 10 सालों का रिकॉर्ड देखे तो कांग्रेस की परफॉरमेंस शानदार रही है। इस बार के विधानसभा और लोकसभा चुनाव में बीजेपी के दावे हवाहवाई होने के बाद से कांग्रेस और गठबंधन में अलग ही जोश है। ऐसे में कांग्रेसी नेता एकबार फिर बीजेपी के दावों पर चुटकी ले रहे हैं। कांग्रेसी नेताओं का साफ कहना है कि ये सीटें तो हमारे पास है। बीजेपी किस सीट पर चुनाव जीतेगी।
लोकसभा-विधानसभा चुनाव में पलटा पलड़ा
पिछले तीन बार के लोकसभा चुनावों के रिजल्ट पर नजर डाले तो बीजेपी हैट्रिक बना नहीं पाई। 2014, 2019 में ही बीजेपी ने 25 की 25 सीटें जीती थी। लेकिन 2024 में बीजेपी महज 14 सीटों पर ही सिमट गई। पिछले तीन बार के विधानसभा चुनावों की बात करें तो इसमें भी बीजेपी दो ही बार सत्तारूढ़ हुई। मोदी लहर के बावजूद भी बीजेपी हैट्रिक नहीं बना पाई। साल 2018 में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने बाजी मारी। लेकिन धीरे-धीरे बदलते समीकरण भी बीजेपी के लिए चिंता की लकीरों के समान है।
विधानसभा से जुड़ा अजब-गजब संयोग
पिछले तीन साल के रिकॉर्ड की बात करें तो राजस्थान विधानसभा से अजब-गजब संयोग देखने को मिला। 2013, 2018 और 2023 के विधानसभा चुनावों में कभी भी पूरी 200 सीटों पर चुनाव नहीं हो पाए। जैसे ही चुनाव का वक्त नजदीक आता किसी ना किसी प्रत्याशी की मौत हो जाती। जिसकी वजह से उपचुनाव करवाना पड़ता था और उस उपचुनाव में हमेशा ही कांग्रेस का पलड़ा भारी रहा। 2018 में रामगढ़ सीट हो या फिर 2023 में करणपुर विधानसभा सीट हो दोनों ही बार कांग्रेस ने बाजी मारी। ऐसे में ये कयास लगाना मुश्किल है कि इस बार के उपचुनाव में कौन विजेता होगा और कौन उपविजेता होगा।
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