Table of Contents
अब Chandrababu Naidu और नीतीश कुमार ही चलाएंगे Modi की सरकार…विपक्ष के दावे होंगे फेल..!
लोकसभा चुनाव के बाद देश में एक बार फिर एनडीए की सरकार बन गई है। लेकिन इस बार बीजेपी को पूर्ण बहुमत नहीं मिलने से कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर उनकी सरकार को सपोर्ट करने वाली अन्य पार्टियों का दबाव होगा, ऐसी बातें कही जा रहीं हैं। लेकिन जैसा कि पीएम मोदी की फितरत है कि वो दूर की सोचते हैं। ऐसे में उन्होंनेे केंद्र में उनकी सरकार बनाने वाली दोनों ही पार्टी को फेरबदल नहीं करने पर मज़बूर कर दिया है। दरअसल, 2025 में बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं। अब अगर सीएम नीतीश कुमार को अपनी जेडीयू पार्टी के लिए अधिक सीट चाहिए तो NDA के साथ बने रहना पड़ेगा। वहीं आंध्र प्रदेश के चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी 16 सीट जीतकर किंगमेकर ज़रूर बन गयी है, लेकिन बीजेपी ने उन्हें आंध्र प्रदेश का नया मुख्यमंत्री बना दिया है। ऐसे में केंद्र सरकार से अपना हाथ वापस खींचना उनके लिए मुश्किल हो गया है। इसलिए निश्चिंत होकर कहा जा सकता है कि एनडीए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार पूरे 5 साल चलेगी।
Jaipur में पलायन पर मजबूर हिंदू..! पोस्टर लगाकर लोगों से अपील, गैर हिंदू को ना बेचें मकान
किसी को नहीं मिला बहुमत, इसलिए नीतीश और नायडू जरूरी
केंद्र की सत्ता में इस बार जनता ने किसी को स्पष्ट बहुमत नहीं दिया है। बीजेपी 240 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी, लेकिन बहुमत का आंकड़ा 272 है। भाजपा के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन 292 सीटों के साथ बहुमत हासिल करने में सफल रहा है। टीडीपी भी एनडीए का हिस्सा है और उसने लोकसभा चुनाव में 16 सीटें जीती हैं। इस तरह केंद्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार में चंद्रबाबू नायडू की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है। वहीं नीतीश कुमार की जेडीयू ने बिहार में 12 सीटें हासिल की हैं। इसलिए नीतीश कुमार भी एनडीए सरकार के लिए बेहद जरूरी है।
टीडीपी और जेडीयू ने की वापसी
चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी ने आंध्र प्रदेश में प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी की है। वहीं लोकसभा चुनाव में भी पार्टी का प्रदर्शन बेहतर रहा है और आंध्र की 25 में से 16 संसदीय सीटों पर उसे जीत मिली है। वहीं बिहार में 40 सीटों में से जेडीयू उम्मीदवार 12 सीट पर जीत गए हैं। जेडीयू के इस प्रदर्शन के बाद नीतीश कुमार बिहार में एक बार फिर बड़ी ताकत के रूप में उभरे हैं और इस बार केंद्र में सरकार बनाने में उनकी अहम भूमिका रही है।
केंद्र की सत्ता में इस बार जनता ने किसी को स्पष्ट बहुमत नहीं दिया है। बीजेपी 240 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी है, लेकिन बहुमत का आंकड़ा 272 है। भाजपा के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन 292 सीटों के साथ बहुमत हासिल करने में सफल रहा है।
एनडीए का साथ देना नायडू नीतीश की बना मजबूरी
तेलुगु देशम पार्टी के सुप्रीमो एन चंद्रबाबू नायडू ने बुधवार को चौथी बार आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। नायडू को सीईओ चीफ मिनिस्टर भी कहा जाता है। उनके साथ ही जनसेना पार्टी के मुखिया और अभिनेता पवन कल्याण, नायडू के बेटे और तेदेपा महासचिव नारा लोकेश समेत अन्य ने मंत्री पद की शपथ ली। वहीं बिहार में भी 2025 में विधानसभा के चुनाव होने हैं। ऐसे में अगर जेडीयू को बीजेपी से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ना है तो उसे बीजेपी का साथ देना होगा। ऐसे में एनडीए की मोदी सरकार इस बार भी 5 साल का कार्यकाल पूरा करेगी, ऐसा यदि कहा जाए तो गलत नहीं होगा।