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कहीं आपका मोबाइल चोरी का तो नहीं, जयपुर में बड़े गैंग का खुलासा
सही सुना आपने, गुलाबी नगरी में पुलिस ने एक ऐसे गैंग को पकड़ा है। जिसके कारनामे सुनकर आप भी हैरान और परेशान हो जाएंगे। ये गैंग किसी शख्स को अपना टारगेट नहीं बनाते थे। बल्कि ये गैंग आपके मोबाइल और डाटा को अपना शिकार बनाता था। इस गैंग के खुलासे ने पुलिस के भी होश उड़ा दिए। पुलिस भी सकते में आ गई कि क्या ऐसा भी हो सकता है।
मोबाइल रिपेयरिंग की आड़ में धंधा
क्या आपने भी कभी अपना मोबाइल किसी मोबाइल शॉप पर ठीक करवाया है। अगर रिपेयर करवाया है तो आपको सावधान हो जाना चाहिए। कहीं आपका मोबाइल किसी चोरी वाले मोबाइल से रिप्लेस तो नहीं कर दिया। हम ऐसा इसलिए बोल रहे हैं क्योंकि इन शातिर बदमाशों का काम भी यही था। रिपेयरिंग के लिए आने वाले मोबाइल को ठीक करने की आड़ में ये अपना धंधा चला रहे थे। जिसकी किसी को कानो कान ख़बर तक नहीं होती थी।
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मोबाइल लॉक तोड़ना बाएं हाथ का खेल
रिपेयर शॉप के जरिए ये गैंग कई सालों से पुलिस और आम लोगों की आंखों में धूल झोंक रहे थे। इनके लिए किसी भी मोबाइल का स्क्रीन लॉक तोड़ना कोई बड़ी बात नहीं है। ये लोग ऐसे सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते थे कि आसानी से मोबाइल का लॉक तोड़ देते थे। इन लोगों के तार कई और शातिर लोगों से जुड़े हैं। ये काम कोई एक शख्स नहीं बल्कि पूरा गैंग मिलकर कर रहा था। खुद को लॉक तोड़ने में मास्टर बताने वाले बदमाश अब पुलिस के हत्थे चढ़ चुके हैं।
IMEI नंबर क्रैकिंग का भी खुलासा
गिरफ्त में आए गैंग से पूछताछ में खुलासा हुआ कि ये लोग मोबाइल लॉक ही नहीं बल्कि IMEI नंबर को भी आसानी से क्रैक कर लेते थे। गैंग के लोग मोबाइल के ना सिर्फ IMEI नंबर को क्रैक करते थे। बल्कि किसी दूसरे मोबाइल के IMEI नंबर से भी बदल देते थे। ऐसा करने के लिए गैंग के लोग 25-25 हजार के ऑनलाइन सॉफ्टवेयर का भी इस्तेमाल करते थे। ये लोग अपने कम्प्यूटर में कई ऑनलाइन सॉफ्टवेयर और एप्लीकेशन इंस्टाल करके रखते थे। फिर किसी भी मोबाइल फोन हैंडसेट का आईएमईआर नंबर क्रेक कर किसी दूसरे मोबाइल के आईएमईआर नंबरों को इंस्टाल कर बदल देते थे।
गैंग के पास से 250 मोबाइल बरामद
राजधानी जयपुर की कोतवाली थाना पुलिस और DST नॉर्थ ने इस पूरे गिरोह का पर्दाफाश किया है। डीसीपी नार्थ राशि डोगरा डूडी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी अतुल गुप्ता, महेश मुरजानी, गौतम सैनी और लोकेश गर्ग है। आरोपियों के कब्जे से 250 से ज्यादा मोबाइल फोन रिकवर हुए है। इनमें 100 फोन हैंडसेट ऐसे भी हैं जिनमें आईएमईआर नंबर क्रैक कर सॉफ्टवेयर से बदल दिया गया था। 250 से ज्यादा मोबाइल के अलावा इनके पास से कंप्यूटर, डेस्कटॉप, मोबाइल फोन का लॉक और IMEI नंबर क्रैक करने का सॉफ्टवेयर डिवाइस भी बरामद किया है।
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