तलाकशुदा महिलाओं को भत्ता देना पुरुषों के लिए पनिशमेंट ! UCC का भी विरोध करेंगे…
लोकसभा चुनाव के बाद मुस्लिम समाज से जुड़े संगठन एक बार फिर सक्रिय हो गये हैं। अब ये संघठन सरकार और कोर्ट दोनों को ही दिये गये फैसलों पर फिर से विचार करने की सलाह दे रहें हैं । मामला UCC का हो या उनके समाज को लेकर तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं को गुजारा भत्ते देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हो। दोनों ही मामलों पर अब खुलकर विरोध कर रहें हैं।
लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद और भाजपा को सिर्फ 240 सीट मिलने पर अब NDA की मिलीजुली सरकार पर फिर से उनके विरोध घटकों ने प्रहार करना शुरु कर दिया है। मोदी सरकार के पूर्व में बनाये गये कानूनों और कोर्ट के फैसले तक को अब कुछ समाज चैलेंज करते नज़र आ रहें हैं। अलज्जामितुल आल्या के सेक्रेटरी सैयद अनवर शाह ने सुप्रीम कोर्ट का तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं को गुजारा भत्ता देने के आदेश का विरोध किया है। अलज्जामितुल आल्या के सेक्रेटरी सैयद अनवर शाह ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि सरकार या कोर्ट को किसी के धर्म में दखल करनी है तो पहले उसके धर्मगुरु से चर्चा करनी चाहिए, ना कि उसे उनपर धोपना चाहिए। उन्होंने कहा कि ये आदेश तलाकशुदा मुस्लिम पुरुष के लिए पनिशमेंट है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का मुस्लिम महिलाओं को गुजारा भत्ते को लेकर फैसले का विरोध किया।
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यही नहीं अलज्जामितुल आल्या के सेक्रेटरी सैयद अनवर शाह ने उत्तराखंड में UCC कानून को भी बिल्कुल गलत बताया। उन्होंने कहा कि मैं इसका विरोध करता हूँ । जब समानता की बात की जा रही है तो हिन्दुओं पर क्यों लागू नहीं होती। अलज्जामितुल आल्या के सेक्रेटरी सैयद अनवर शाह ने यहाँ तक कह दिया कि जब दक्षिण भारत में मामा भांजी से शादी कर रहा है,ये क्यों नही दिखता। AIMIM ने फिलिस्तीन का समर्थन कभी भी धर्म के आधार पर नहीं किया,मानवता के आधार पर किया। सैयद अनवर शाह कि बीफ को लेकर खुद हिन्दुओं में विरोधाभास है। नार्थ में गाय को माता का दर्ज़ा देते हैं, लेकिन साउथ में बीफ में खाते हैं। इसलिए प्रधानमंत्री को सभी धर्मगुरुओं और संस्थाओं से बात करके इस कानून पर फिर से विचार करना चाहिए। हम कोर्ट का दरवाज़ा फिर से खट खटाएंगे।
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