Rajasthan Sarkar में जल्द होगा मंत्रिमंडल का फेरबदल! कुछ मंत्रियों का जाएगा पद, तो कुछ को मिलेगी जगह..!
राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने के बाद भाजपा की सरकार बने हुए 9 महीने से ज्यादा का वक्त हो चुका है। भाजपा की भजनलाल शर्मा सरकार की अगर परफॉर्मेंस की बात की जाए तो विपक्ष लगातार विधानसभा में सरकार को घेरता चला आ रहा है। जहां भाजपा सरकार ईआरसीपी और यमुना जल समझौते को अपनी उपलब्धि बता कर संकल्प पत्र में किये गए अपने वादों के 80 फ़ीसदी काम पूरे करने का दावा कर रही है, तो वहीं कांग्रेस बीजेपी सरकार के दावों का खंडन करते हुए इसे दिल्ली में बैठी केंद्र के आदेशों पर चलने वाली पर्ची सरकार बता रही है। राजस्थान में नई सरकार बननेे के बाद अभी तक विधानसभा में दो सत्र पूरे हो चुके हैं। इन दोनों ही सत्रों में विपक्ष में बैठी कांग्रेस ने सरकार को जमकर घेरा। अब ऐसे में केंद्र जल्दी राज्य सरकार के मंत्रिमंडल में फेर बदल कर सकता है। चर्चा यह भी है कि इस मौजूदा सरकार के 5 से 6 मंत्रियों की छुट्टी हो सकती है।
इन पर गिर सकती है गाज
1. विधि कार्य मंत्री जोगाराम पटेल – विधि कार्य मंत्री जोगाराम पटेल का नाम विधानसभा के बजट सत्र में काफी उछला। दरअसल, उनके पुत्र मनीष पटेल AAG पद पर आसीन हुए, जिसके बाद विधानसभा में कांग्रेस ने यह मुद्दा बढ़ चढ़कर उठाया। कांग्रेस के लाडनूं से विधायक मुकेश भाकर ने मंत्री जोगाराम पटेल के पुत्र की नियुक्ति को लेकर सवाल भी पूछा। जिस पर सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया। वहीं मुकेश भाकर को सदन से निलंबित भी कर दिया, जिसके बाद कांग्रेस विधायकों ने रात भर सदन के अंदर ही धरना दिया। हाल ही में 25 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जोधपुर के कार्यक्रम में पहुंचे। उनके पहुंचने से 1 दिन पहले ही जोगाराम पटेल के पुत्र मनीष पटेल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। विपक्ष लगातार मंत्री जोगाराम पटेल पर अपने पद का दुरुपयोग करने का आरोप लगा रही है। ऐसे में अगर राजस्थान में मंत्रिमंडल का फेर बदल हुआ तो जोगाराम पटेल का मंत्री पद जा सकता है।
2. यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा – सियासी गलियों में चर्चा है कि यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा पिछले दिनों अधिकारियों से विवाद के चलते दिल्ली तक चले गए। वहां जाकर उन्होंने केंद्र से अधिकारियों की शिकायत तक कर दी। साथ ही केंद्र को यह भी जता दिया कि अगर अधिकारियों पर वह रोक नहीं लगा सकते, तो उनका मंत्री पद वापस ले लें। ऐसे में अब यह देखना होगा कि केंद्र से उनके मंत्री पद को छीना जाता है या अधिकारियों पर लगाम लगाई जाती है।
3. उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा – प्रदेश के कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं। चर्चा है कि वह अपने मंत्री पद से संतुष्ट नहीं है। ऐसे में उनका विरोध रोकने के लिए केंद्र की तरफ से उन्हें उपमुख्यमंत्री का पद ऑफर किया जा सकता है। अगर ऐसा हुआ तो उपमुख्यमंत्री के पद से डॉक्टर प्रेमचंद बैरवा को हटाया जा सकता है।
4. डॉक्टर किरोड़ीलाल मीणा – राजस्थान में भाजपा की सरकार बननेे के बाद कृषि मंत्री के रूप में डॉक्टर किरोड़ीलाल मीणा ने शपथ ली थी। उनके कद को देखते हुए लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें प्रदेश की कई सीटें जिताने की बड़ी जिम्मेदारी भी दी थी, लेकिन लोकसभा चुनाव में दौसा की सीट पर बीजेपी हार गई। जिसके बाद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। ऐसे में केंद्र सरकार उन्हें मनाने के लिए या तो कोई बड़ा पद दे सकती है या फिर उनका मंत्री पद पर से इस्तीफा स्वीकार कर उन्हें हटा सकती है।
5. सियासी गलियारों में चर्चा है कि दो बार सांसद एक बार केंद्र में मंत्री और वर्तमान में राजस्थान सरकार में मंत्री रहे एक वरिष्ठ नेता
को भी अपने मंत्री पद से हाथ धोने पड़ सकते हैं। चर्चा है कि उनकी शिकायत खुद मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से की है। मुख्यमंत्री का कहना है कि उनके कार्यक्रम में यह मंत्री शामिल नहीं होते। वहीं अपने भाषणों में मुख्यमंत्री और उनकी परियोजनाओं का जिक्र तक नहीं करते। अपने भाषणों में सिर्फ अपने कामों का जिक्र करते हैं। ऐसे में अगर सच में मुख्यमंत्री ने इस मंत्री की शिकायत की है, तो इन्हें भी अपना पद गंवाना पड़ सकता है।
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