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पुलिस से बोले CM, ‘अपराध की स्थिति बदली, अब बदलने होंगे तरीके’
जयपुर के आरआईसी में “पुलिसिंग विद एक्सीलेंस: द वे फॉरवर्ड” कांफ्रेंस का आयोजन राजस्थान पुलिस द्वारा किया गया। इस सम्मेलन का उद्घाटन मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने किया।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सम्मेलन के दौरान संबोधित करते हुए कहा, “मैं डीजीपी को धन्यवाद देना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री ने इस कांफ्रेंस के लिए राजस्थान को चुना। यह हमारे लिए गर्व की बात है कि प्रधानमंत्री ने राजस्थान की सराहना की है। वर्तमान समय में अपराध की स्थिति बदल गई है और इसके साथ हमारी चुनौतियां भी बढ़ गई हैं। हमें इन चुनौतियों का सामना करने के लिए अपने तरीके को बदलना होगा और नई तकनीक का उपयोग करना होगा।”
मुख्यमंत्री ने 15 दिसंबर को अपनी सरकार के गठन के एक दिन बाद एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स की स्थापना की बात की और कहा कि अब इसके परिणाम सामने आ रहे हैं। उन्होंने पुलिसिंग को बेहतर बनाने के लिए लक्ष्य तय करने की आवश्यकता पर बल दिया। मुख्यमंत्री ने धार्मिक कट्टरता और साइबर क्राइम पर भी ध्यान देने की बात की और कहा कि ठगी के शिकार लोग भी कहीं न कहीं दोषी होते हैं, क्योंकि वे लालच में आकर ठगों के जाल में फंस जाते हैं।
भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टोलरेंस नीति
भजनलाल शर्मा ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति की पुष्टि की और कहा कि समाज में अच्छे कार्यों के साथ-साथ बुरे कार्यों की चर्चा भी होती है। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को सलाह दी कि वे निष्ठा और ईमानदारी से काम करें ताकि लोगों का सम्मान प्राप्त हो। साथ ही, उन्होंने पुलिस विभाग की जरूरतों को पूरा करने के लिए अतिरिक्त भर्ती की संभावना पर भी चर्चा की।
मुख्यमंत्री ने नशे की प्रवृत्ति पर ध्यान देने की आवश्यकता जताई और कहा कि पंजाब से गुजरात बॉर्डर पर पकड़े गए ट्रकों की जांच करनी चाहिए ताकि दोषियों का पता लगाया जा सके। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को याद दिलाया कि हमें व्यक्तिगत रिश्तों और कमजोरी को भुलाकर अपने कर्तव्यों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
साइबर अपराध एक बड़ी चुनौती
आनंद कुमार ने कहा, “साइबर अपराध एक बड़ी चुनौती बन रहा है और इस पर प्रभावी कार्यवाही करने की आवश्यकता है। जेल में संगठित अपराध पर नजर रखने के लिए 8 करोड़ रुपये की लागत वाले जैमर की व्यवस्था की गई है। प्रेस को सही सूचना देने की जिम्मेदारी भी निभानी होगी। साथ ही, दलितों पर अपराध की रोकथाम और गरीबों को न्याय दिलाना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।”
कानून व्यवस्था पर ध्यान केंद्रित किया
मुख्य सचिव सुधांश पंत ने कहा, “मुख्यमंत्री के कार्यकाल संभालने के बाद कानून व्यवस्था पर ध्यान केंद्रित किया गया है। एंटी गैंगस्टर और एंटी चीटिंग टास्क फोर्स का गठन किया गया है और रूल ऑफ लॉ को कायम करने में सफलता प्राप्त की है। साइबर फ्रॉड और ड्रग्स के मामलों में सुधार की आवश्यकता है। हमें अपनी सक्रियता और गश्त को मजबूत करना होगा और औचक निरीक्षण को सुनिश्चित करना चाहिए।”
पुलिस करेगी दोगुनी ताकत से काम
गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह ने कहा, “हम अपराध ग्रस्त राजस्थान को अपराध मुक्त राजस्थान की ओर ले जा रहे हैं। यदि गार्जियन अच्छा नेतृत्व देगा, तो पुलिस भी दोगुनी ताकत से काम करेगी। इंडिया में 18 प्रतिशत साइबर अपराध डिग में हो रहे थे, जो अब घटकर 4 प्रतिशत पर आ गया है। यह एक सकारात्मक संकेत है। हमारी प्राथमिकता है कि राजस्थान को शांति प्रिय बनाना, भ्रष्टाचार को खत्म करना और अपराध मुक्त और विकसित राजस्थान की दिशा में काम करना।”
कार्यक्रम के अंत में, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Chief Minister Bhajan Lal Sharma) ने पुलिस विभाग के प्रयासों की सराहना की और कहा कि पुलिस को समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे जेल में अपराधियों द्वारा फोन के दुरुपयोग को रोकें और पुलिसिंग में उत्कृष्टता बनाए रखें। उन्होंने महिलाओं की पुलिस में संख्या बढ़ाने और स्पोर्ट्स में भी पुलिस को बेहतर कार्य करने के लिए प्रेरित किया।
इस कांफ्रेंस के माध्यम से राजस्थान पुलिस ने अपने कार्यप्रणाली को आधुनिक बनाने और अपराध नियंत्रण में नई रणनीतियों को अपनाने के लिए प्रतिबद्धता दिखाई है। इस अवसर पर गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म, मुख्य सचिव सुधांश पंत, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह आनंद कुमार और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
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