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बदलापुर रेप केस: CID के पास पहुंचा मामला, सरकार और विपक्ष भी आपस में भिड़े
हाल ही बहुचर्चित बदलापुर रेप केस में आरोपी के पुलिस एनकाउंटर के बाद इसकी जाँच मंगलवार को CID को सौंप दी गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपी ने पहले पुलिसकर्मी पर गोली चलाई थी और जवाबी कार्रवाई में उस पर भी गोली चली थी। आरोपी अक्षय शिंदे को गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया, जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया गया।
मामले में एक पुलिस अधिकारी ने जानकारी दी कि आरोपी अक्षय शिंदे को तलोजा जेल से जांच के लिए बदलापुर ले जाया जा रहा था। इस दौरान जब पुलिस की गाड़ी मुंब्रा बाईपास पर पहुंची, तो शिंदे ने एक पुलिसकर्मी की रिवॉल्वर छीन ली और सहायक पुलिस निरीक्षक (ASI) पर गोली चला दी। जिसके बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए फायरिंग की।
दो मासूम बच्चियों के रेप का था आरोप
आपको बता दें कि आरोपी शिंदे पर बदलापुर (Badlapur) के एक स्कूल के टॉयलेट में 3 साल और 4 साल की दो बच्चियों से रेप करने का आरोप था। शिंदे के एनकाउंटर की खबर ऐसे समय सामने आई है जब उस स्कूल के चेयरमैन और सचिव ने अग्रिम जमानत के लिए आज ही हाई कोर्ट का रुख किया, जहां आरोपी ने लड़कियों का यौन उत्पीड़न किया था। स्कूल के चेयरमैन और सचिव पर पुलिस को घटना की सूचना तुरंत न देने और लापरवाही के आरोप में यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। विशेष अदालत ने दोनों की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी थी, जिसके बाद वे उच्च न्यायालय पहुंचे हैं।
स्कूल टॉयलेट में अबोध बच्चियों का रेप
अगस्त महीने में स्कूल के स्वीपर अक्षय शिंदे पर स्कूल के टॉयलेट में 3 साल और 4 साल की दो बच्चियों का यौन उत्पीड़न किए जाने का मामला सामने आया था। हालांकि बदलापुर पुलिस शुरू में मामले की जांच कर रही थी, लेकिन पुलिस जांच में कई गंभीर खामियों के बाद गहरा जन आक्रोश देखने को मिला था। इसके बाद महाराष्ट्र सरकार ने विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया। आरोपी सहायक को तो गिरफ्तार कर लिया गया था, लेकिन स्कूल के चेयरमैन और सचिव अब तक भी हिरासत में नहीं लिए गये। मामले में उच्च न्यायालय ने स्वतः संज्ञान लिया और वह जांच की निगरानी कर रहा है।
पटाखे फोड़ने से डरता था, फिर कैसे चलाई गोली- आरोपी की माँ
आरोपी की मां ने शव लेने से मना कर दिया है। उन्होंने कहा है कि पुलिस ने एक बार भी बेटे का शव देखने नहीं दिया, जबकि हमने हॉस्पिटल में बहुत इंतजार किया था। मेरे बेटे के खिलाफ यौन शोषण के आरोप साबित नहीं हुए थे। वह तो पटाखे फोड़ने से भी डरता था, फिर पुलिस पर गोली कैसे चला सकता है। अक्षय का एनकाउंटर एक साजिश है। हम अब उसका शव नहीं लेंगे, क्योंकि उसने बताया था कि पुलिस वाले उसे पीटते हैं और बयान लिखने के लिए भी दबाव डालते हैं।
कांग्रेस नेता का एनकाउंटर पर सवाल
कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने एनकाउंटर पर सवाल उठाये हैं। उन्होंने कहा है कि ‘पुलिस की कहानियां एक के बाद एक बदल रही हैं। पहले कहा गया कि उसने आत्महत्या करने की कोशिश की, फिर कहा गया कि यह एक एनकाउंटर है, फिर कहा गया कि वह पुलिस पर हमला कर रहा था। एनकाउंटर किसका होता है? एनकाउंटर आतंकवादियों, अंडरवर्ल्ड के गुनहगारों का होता है। ऐसा लगता है कि शायद पुलिस किसी उच्च पद पर बैठे व्यक्ति को बचाने की कोशिश कर रही है। यह बहुत गंभीर मामला है। मुझे लगता है कि CJI को इस मामले का स्वतः संज्ञान लेना चाहिए और इस घटना को अपने हाथ में लेना चाहिए।’
आरोपी का एनकाउंटर अच्छी खबर- संजय निरुपम
शिवसेना नेता संजय निरुपम ने कहा, ‘बदलापुर घटना के आरोपी का एनकाउंटर होना अच्छी खबर है। जो लोग इस एनकाउंटर पर सवाल उठा रहे हैं, मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि वे आरोपी के साथ खड़े हैं या महाराष्ट्र पुलिस के साथ। जब यह घटना हुई थी तो यही लोग कह रहे थे कि आरोपी को सार्वजनिक रूप से फांसी मिलनी चाहिए और आज वे इस पर सवाल उठा रहे हैं। मैं सभी विपक्षी नेताओं से अपील करूंगा कि वे आरोपी के लिए आंसू बहाने के बजाय महाराष्ट्र पुलिस के साथ खड़े हों।’
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