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जयपुर के JK Lon Hospital में गलत खून चढ़ाया:किडनी की बीमारी से पीड़ित 10 साल के मासूम के इलाज में लापरवाही
जयपुर के JK Lon Hospital में 10 साल के बच्चे को O पॉजिटिव ब्लड की जगह AB पॉजिटिव ब्लड चढ़ा दिया गया। यह बच्चा पहले से ही किडनी की बीमारी से जूझ रहा था और उसे सांस लेने में दिक्कत के चलते हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। इस गंभीर लापरवाही के बाद अस्पताल प्रशासन ने जांच के लिए एक कमेटी बनाई है।
4 दिसंबर को भर्ती हुआ बच्चा
बच्चा भरतपुर के कामां इलाके का रहने वाला मुस्तफा है, जिसकी किडनी बचपन से ही छोटी थी। तबीयत बिगड़ने पर 4 दिसंबर को उसे JK Lone Hospital लाया गया और क्रिटिकल केयर यूनिट में भर्ती कराया गया। हॉस्पिटल अधीक्षक कैलाश मीणा की यूनिट में इलाज चल रहा था।
मुस्तफा का ब्लड ग्रुप O पॉजिटिव है।
5 दिसंबर को चढ़ाया गलत ब्लड
5 दिसंबर को इलाज के दौरान बच्चे को ब्लड चढ़ाने की जरूरत पड़ी। ब्लड बैंक से O पॉजिटिव की जगह AB पॉजिटिव ब्लड भेज दिया गया, जिसे स्टाफ ने बच्चे को चढ़ा दिया।
इस लापरवाही का खुलासा 7 दिसंबर को हुआ, जब बच्चे को दोबारा ब्लड चढ़ाया गया। इस बार सही ब्लड ग्रुप (O पॉजिटिव) चढ़ाया गया। जब ब्लड बैंक को दोबारा ब्लड की डिमांड पर्ची पहुंची, तब जाकर मामला सामने आया।
अधीक्षक का बयान: बच्चे की हालत स्थिर
अधीक्षक कैलाश मीणा ने कहा कि बच्चे की सभी जांच रिपोर्ट नॉर्मल हैं। गलत ब्लड चढ़ाए जाने का अभी तक कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं दिखा है।
बच्चे का क्रिएटिनिन लेवल पहले 8 mg था, जो सामान्य बच्चों में 1 mg होना चाहिए। नियमित डायलिसिस के बाद अब यह घटकर 3 mg पर आ चुका है।
जांच के लिए सीनियर कमेटी गठित
इस घटना की गंभीरता को देखते हुए जांच के लिए सीनियर प्रोफेसर डॉ. कपिल गर्ग की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई है। कमेटी में शामिल अन्य सदस्य:
- डॉ. आरएन सेहरा
- डॉ. केके यादव
- ब्लड बैंक इंचार्ज डॉ. शांतिप्रिया भारद्वाज
कमेटी को चार दिनों में अपनी रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं।
लापरवाही पर सवाल
- गलत ब्लड भेजने में ब्लड बैंक का क्या दोष था?
- ब्लड चढ़ाने से पहले जांच क्यों नहीं की गई?
- क्या ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सिस्टम में सुधार किए जाएंगे?
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