संविधान पार्क में “संविधान” का ही “मजाक”
राजस्थान यूनिवर्सिटी में हाल ही में एक संविधान स्तंभ का निर्माण किया गया है, जिसका उद्घाटन राज्यपाल कालराज मिश्र ने किया। इस स्तंभ में संविधान के सभी भागों का उल्लेख है और महत्वपूर्ण चित्र भी उकेरे गए हैं। लेकिन नवनिर्मित स्तंभ पर लिखे विवरणों में बड़ी चूक सामने आई है। उद्घाटन के बाद इस गलती की ओर ध्यान आकर्षित हुआ। जिसके बाद यूनिवर्सिटी के छात्रों ने अपना विरोध दर्ज करवाया। अब प्रशासन ने इस मामले में उच्च स्तरीय जांच के लिए एक कमेटी गठित की है, जो पूरे मामले की जांच करेगी। साथ ही ग़लतियों को दुरुस्त कर नए सिरे से संविधान के भागों को लिखा जाएगा।
इसको लेकर कांग्रेस ने विरोध दर्ज़ किया है। यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अभिमन्यु पूनिया ने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले ही भाजपा संविधान बदलना चाहती थी। अब इनकी मंशा राजस्थान यूनिवर्सिटी के संविधन पार्क में देखने को मिली है, जिसने भी ऐसा किया उस पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
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यह लिखा था संविधान स्तम्भ पर
संविधान स्तम्भ पर संविधान के 22 भागों को उल्लेखित किया गया है, लेकिन संविधान के भाग को लेकर यूनिवर्सिटी ने एक बड़ी चूक कर दी है। संविधान के भाग 17 में (343-351)ऑफिशियल लैन्ग्वेज ऑफ यूनियन ऑफ स्टेट है। जबकि भाग 18(352-360) में आपातकालीन उपबंध का उल्लेख किया गया है। लेकिन यूनिवर्सिटी ने भाग -17 में आपातकालीन उपबंध कर दिया है, जबकि आपातकालीन उपबंध संविधान के भाग-18 में है। गौरतलब है कि चार दिन पहले ही स्तम्भ का उद्घाटन राज्यपाल व उच्च शिक्षा मंत्री ने किया था
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