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नए जिलों पर फैसला 15 दिन बाद, छोटे जिले होंगे मर्ज !

by PP Singh
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नए जिलों पर फैसला 15 दिन बाद, छोटे जिले होंगे मर्ज!

प्रदेश में 17 नए जिलों और 3 संभागों को लेकर सस्पेंस अब भी बरकरार है। लेकिन अब ये साफ हो चुका है कि 15 दिन के बाद फिर मीटिंग होगी। जिसमें अंतिम फैसला लिया जा सकता है। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने पहले कैबिनेट कमेटी के सदस्यों के साथ चर्चा की। जिसमें उन्होंने पंवार कमेटी का अध्ययन करने और कमेटी के फैसले के साथ होने की बात कही। इसके बाद डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा की अध्यक्षता में कैबिनेट कमेटी की बैठक आयोजित हुई। जिसमें जिलों को लेकर सौंपी गई पंवार कमेटी की रिपोर्ट पर विस्तार से चर्चा हुई।

जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने कहा कि जनता जो चाहेगी फैसला भी वही होगा। उनका कहना था कि कई जिले जल्दबाजी में बनाए गए हैं। ये जिले सीमांकन प्रशासनिक और क्षेत्रीय मापदंडों को पूरा नहीं करते हैं। क्योंकि एक जिले पर 2 हजार करोड़ का भार आता है। वहीं राजस्व मंत्री हेमंत मीणा ने कहा कि बैठक में सारे पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई। लेकिन आखिरी फैसले के लिए थोड़ा और इंतजार करना होगा।

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17 नए जिलों के रिव्यू के लिए बनाई गई कमेटी का अब वापस से कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है। रिटायर्ड आईएएस ललित के पंवार की अध्यक्षता में बनाई गई कमेटी वापस से जिलों के गठन पर पब्लिक की ओर से मिले सुझावों को ध्यान में रखकर रिपोर्ट दे सकती है। इसके साथ ही मंत्रियों ने अधिकारियों को भी नया टास्क दिया है। जिसमें लोगों के सुझावों को शामिल करने के लिए कहा गया है। क्योंकि नए जिलों के ऐलान के साथ ही प्रदेश में कहीं खुशी और कहीं गम जैसे हालात बन गए थे। इसलिए जन भावना को जानना जरूरी है। मुख्यमंत्री ने साफ कहा है कि ललित के पंवार कमेटी की रिपोर्ट का फैसला ही मान्य होगा। क्योंकि ये रिपोर्ट जनभावना से जुड़ी है।

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सूत्रों की माने तो छोटे जिलों पर सभी का फैसला एक मत पर था। छोटे-छोटे जिले बनाने का कोई औचित्य नहीं है। माना जा रहा है कि छोटे-छोटे जिलों को फिर से मर्ज किया जा सकता है। जो जिले बने हैं उनमें कुछ जोड़ा जाए या नहीं। साथ ही किसी जिले को बड़ा बनाया जा सकता है। इस पर भी बैठक में चर्चा हुई है। नए जिले पर कितना फाइनेंशियल खर्च आएगा। क्या जनसंख्या को क्राइटेरिया के तौर पर रखा जाएगा। या फिर जनभावना सर्वोपरि होगी। इस पर फैसला अगले 15 दिनों के बाद होनी वाली मीटिंग में क्लियर हो जाएगा।

ब्यूरो रिपोर्ट, लोकल पत्रकार

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