राजस्थान में डेंगू लाइक इलनेस ने बढ़ाई टेंशन
मरुधरा पर इस बार इंद्रदेव कुछ ज्यादा ही मेहरबान हुए। जिसकी वजह से प्रदेश के कई जिलों की सड़के तालाब में तब्दील हो गई। बांध भी ओवरफ्लो हो गए। नतीजन कीचड़ और मौसमी बीमारी को जन्म दे गई। मौसम बदलने के साथ ही मरुधरा के हालात भी बदलने लगे हैं। फिर चाहे वो अस्पतालों की ही क्यों ना हो। आलम ये है कि प्रदेश के बड़े छोटे अस्पतालों में मरीजों की लंबी कतारे लगने लगी है। इसमें डेंगू-मलेरिया के साथ डेंगू लाइक इलनेस ने मरीजों की टेंशन बढ़ा दी है। इस बीमारी में मरीज को लक्षण बिल्कुल डेंगू के जैसे ही आ रहे हैं। बावजूद इसके मरीज की रिपोर्ट नेगेटिव आ रही है। जो राहत भरी बात है।
डॉक्टरों की माने तो 8 से 10 दिनों में एकाएक मौसमी बीमारियों के केस तेजी से बढ़े है। जनरल मेडिसिन की ओपीडी में 50 फीसदी मरीज तो डेंगू या डेंगू लाइक इनलेस से जुड़े केस है। अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि अभी जितने भी मरीज आ रहे है, उसमें 90 फीसदी से भी ज्यादा केस कम सीवियर वाले है। SMS डॉक्टर भी केवल उन्हीं मरीज को भर्ती कर रहे है, जिनके डेंगू होने पर लिवर इंफेक्शन, पेट या फेंफडों में पानी भरने जैसी नौबत आ रही है।
1700 करोड़ खर्च,”नाला नहीं बन पाया नदी” !
एसएमएस मेडिकल कॉलेज के मुताबिक पिछले एक से डेढ़ सप्ताह में डेंगू, मलेरिया और स्क्रब टाइफस के केस ज्यादा आ रहे है। हर रोज औसतन 3 से 5 मरीज भर्ती हो रहे है जबकि अधिकतर मरीज ओपीडी में इलाज और सलाह लेकर घर लौट रहे है। अबतक SMS में 276 मरीज डेंगू के कारण भर्ती हो चुके है। पूरे प्रदेश में अब तक डेंगू के 3 हजार 111 मरीज डिटेक्ट हुए है। हालांकि इनमें से एक भी मरीज की मौत नहीं हुई है। सबसे ज्यादा केस जयपुर जिले में 510 से ज्यादा केस है वहीं दूसरे नंबर पर बीकानेर जिला है जहां 258 से ज्यादा मरीज डिटेक्ट हुए है।
डॉक्टर रेप एन्ड मर्डर केस के बाद अब फिर चर्चा में पश्चिम बंगाल, ये है वजह
ब्यूरो रिपोर्ट, लोकल पत्रकार।
(देश-दुनिया की ताजा खबरें सबसे पहले Localpatrakar.com पर पढ़ें, हमें Facebook, Instagram, Twitter पर Follow करें और YouTube पर सब्सक्राइब करें।)