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क्या आपके पास है LMV license? अब कार ही नहीं, इन हल्के कमर्शियल वाहनों को भी चलाने की मिली मंजूरी – सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला
नई दिल्ली – सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए स्पष्ट किया कि LMV license धारक अब 7500 किलोग्राम तक के हल्के कमर्शियल वाहनों को भी चला सकेंगे। यह फैसला उन बीमा कंपनियों के लिए झटका है, जो हल्के वाहन लाइसेंस धारकों को इस आधार पर बीमा राशि देने से बच रही थीं कि उनका लाइसेंस केवल निजी वाहनों के लिए है। चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में बनी पांच जजों की संविधान पीठ ने इस विवाद में बीमा कंपनियों के दावे को खारिज कर दिया और यह रास्ता साफ कर दिया कि LMV license के साथ छोटे कमर्शियल वाहनों जैसे ‘छोटा हाथी’ को चलाना अब संभव है। हालांकि, बड़े ट्रक या भारी वाहन चलाने के लिए अलग से लाइसेंस लेना अनिवार्य रहेगा।
फैसले के पीछे का कारण
सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के पीछे मुख्य तर्क यह है कि हल्के वाहन चलाने के लिए LMV license रखने वाले ड्राइवरों के खिलाफ कोई ऐसा प्रमाण नहीं है कि वे सड़क दुर्घटनाओं के लिए अधिक जिम्मेदार हैं। जस्टिस ऋषिकेश रॉय ने इस फैसले को लिखते हुए बताया कि हल्के वाहन ड्राइवर, जो सड़क पर काफी समय बिताते हैं, उनकी चिंताओं को तकनीकी कारणों के आधार पर अनदेखा नहीं किया जा सकता। इस मामले में संविधान पीठ ने जुलाई 2023 में सात दिनों तक सुरक्षा और आजीविका से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर सुनवाई की थी। इस मसले को पहली बार मार्च 2022 में तीन जजों की बेंच ने संविधान पीठ को भेजा था।
2017 का फैसला – मुकुंद देवांगन बनाम ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी केस
इस मामले की जड़ 2017 के एक फैसले में है। मुकुंद देवांगन बनाम ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड मामले में अदालत ने माना था कि 7500 किलो से कम वजन वाले वाहनों को LMV माना जा सकता है। लेकिन इस फैसले में Motor Vehicle Act, 1988 के कुछ महत्वपूर्ण प्रावधानों को नजरअंदाज किया गया था। यह मामला पहले सुरक्षा और नियामक मुद्दों पर आधारित था लेकिन बाद में इसमें उन लाखों ड्राइवरों की आजीविका का मुद्दा भी जोड़ा गया जो कमर्शियल उद्देश्यों के लिए हल्के वाहन चलाते हैं।
पेच कहां फंसा था?
मुकुंद देवांगन केस में, सुप्रीम कोर्ट की बेंच को यह तय करने के लिए कहा गया था कि MVA की धारा 10(2)(डी) के तहत LMV license धारक को कमर्शियल वाहन चलाने के लिए अलग लाइसेंस की आवश्यकता होगी या नहीं। यह मुद्दा खासतौर पर बीमा कंपनियों के लिए महत्वपूर्ण था, जो यह साबित करना चाहती थीं कि LMV license धारक को transport vehicles चलाने का अधिकार नहीं है। मार्च 2022 में, इस मुद्दे पर विभिन्न बीमा कंपनियों ने बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस बनाम रंभा देवी मामले के तहत एक अपील दायर की थी, जिसमें दावा किया गया कि 2017 का फैसला सही नहीं था।
नए नियम का प्रभाव
अब सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद, LMV license धारक कार के अलावा छोटे कमर्शियल वाहन जैसे ‘छोटा हाथी’ भी चला सकते हैं। इससे उन ड्राइवरों की मदद होगी जो बिना अतिरिक्त लाइसेंस के भी कमर्शियल काम कर सकेंगे। यह फैसला बीमा कंपनियों के लिए भी एक सीख है कि हल्के वाहन लाइसेंस धारकों को insurance claim के समय तकनीकी आधार पर नजरअंदाज न करें।
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