गोपालगढ़ कांड: CM को सशर्त इजाजत, अब जा सकेंगे विदेश
ब्यूरो रिपोर्ट, लोकल पत्रकार। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को विदेश जाने की आखिरकार परमिशन मिल ही गई। अब वो विदेश यात्रा पर जा सकते हैं। बशर्त उनको विदेश दौरे पर जाने से पहले और लौटने के बाद कोर्ट को बताना होगा। आप सोच रहे होंगे कि क्या किसी मुख्यमंत्री को विदेश दौरे पर जाने से पहले कोर्ट की परमिशन लेनी पड़ती है। ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। दरअसल मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा 2011 में भरतपुर के गोपालगढ़ कांड में आरोपी बनाए गए थे। तब से लेकर अबतक वो जमानत पर रिहा हैं। इसलिए सीएम की तरफ से कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया गया था। जिसमें 13 से 25 अक्टूबर तक विदेश जाने की परमिशन मांगी गई थी। दिसंबर में होने वाले राइजिंग राजस्थान इन्वेस्टमेंट समिट को लेकर सीएम लंदन जाने वाले हैं।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की जमानत खारिज का मुद्दा तब उठा था। जब वो दक्षिण कोरिया और जापान के दौरे पर निवेशकों को इन्विटेशन देने गए थे। इसके बाद वकील सांवरमल चौधरी ने बिना इजाजत के विदेश जाने पर सीएम की अग्रिम जमानत रद्द करने के लिए प्रार्थना पत्र लगाया था। इस कोर्ट ने जांच एजेंसी से भी जवाब मांगा था। सुनवाई के दौरान सीएम भजनलाल की तरफ से प्रार्थना पत्र भी लगाया गया था। जिसका वकील सांवरलाल चौधरी ने ऑब्जेक्शन भी उठाया था। लेकिन कोर्ट ने उनके विरोध को खारिज कर दिया था। वहीं इस मामले पर कांग्रेस ने भी सवाल उठाए थे।
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साल 2011 को भरतपुर के गोपालगढ़ में सांप्रदायिक दंगा हुआ था। मेव और गुर्जर समाज के बीच ये विवाद हुआ था। जो इतना बढ़ गया था कि दोनों समाज के लोग आमने-सामने हो गए। जिसमें एक समाज के 10 लोगों की हत्या कर दी गई थी। उसके बाद भरतपुर जिले से सटी सीमाओं को सील कर दिया गया था। पूरे इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया गया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए सीबीआई जांच की सिफारिश की गई। मामले में कई लोगों की गिरफ्तारियां हुई। कई लोगों को गवाह भी बनाया गया। लेकिन 13 साल बीत जाने के बाद भी अबतक इस मामले में कोई फैसला नहीं आ पाया।
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