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शेख हसीना ने भरी भारत की उड़ान, अब सेना चलाएगी सरकार
बांग्लादेश में जो हुआ वो पूरी दुनिया ने देखा। पिछले कुछ दिनों से बांग्लादेश में कोहराम मचा हुआ है। सरकार और प्रदर्शनकारियों के बीच जंग छिड़ी पड़ी है। जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है। लेकिन अब जो ख़बर निकल कर सामने आई है। शायद उसके बाद ये हिंसा शांत हो जाए। बांग्लादेश में तख्ता पलट हो चुका है। अब बांग्लादेश की कमान सेना के हाथों में जा चुकी है।
शेख हसीना ने छोड़ा बांग्लादेश
आंदोलनकारियों के कूच को देखते हुए शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दिया और कुछ ही देर में हेलीकॉप्टर से प्रधानमंत्री आवास छोड़ दिया । कुछ ही देर में उनका हेलीकॉप्टर बांग्लादेश से बाहर आ गया । उन्होने बांग्लादेश की राजधानी ढाका से भारत की उड़ान भरी। सबसे पहले वो त्रिपुरा की राजधानी अगरतला पहुंची। वहां से उन्होंने उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के लिए उड़ान भरी। गाजियाबाद में हिंडन एयरपोर्ट पर उतरीं । जैसे ही शेख हसीना ने प्रधानमंत्री आवास छोड़ा…उसमें आंदोलनकारी घुस गए । हजारों की संख्या में आंदोलनकारी पीएम आवास में दाखिल होने लगे…हाथों में लाठी-डंडे लिए प्रदर्शनकारियों ने ढाका में पीएम आवास को अपने कब्जे में ले लिया । प्रदर्शनकारी छात्रों ने शेख हसीना के कमरे पर कब्जा कर लिया । छात्रों ने शेख हसीना के आलमारी में रखी साड़ियां भी लूट ली।
प्रदर्शनकारियों के सामने सेना का सरेंडर
बांग्लादेश की राजधानी ढाका में अराजकता फैल गई है। सरकारी इमारतों और सरकारी घरों से लूट हो रही है । बांग्लादेश की सेना अब आंदोलनकारियों के सामने सरेंडर कर चुकी है। किसी भी प्रदर्शनकारी पर गोली नहीं चलाने का आदेश है । सेना प्रमुख ने साफ शब्दों में कहा कि शेख हसीना ने पीएम पद से इस्तीफा दे दिया है। अब सेना बांग्लादेश की सरकार चलाएगी। साथ ही सेना प्रमुख ने प्रदर्शनकारियों से अपील की है कि वो शांति की राह पर आए और इस हिंसा को रोकने में उनकी मदद करें।
पाकिस्तान के नक्शे कदम पर बांग्लादेश
जिस देश को बनाने के लिए शेख मुजीबुर्रहमान ने अपना खून पसीना बहाया, मुश्किलें झेलीं । उसी देश में राष्ट्र निर्माता की मूर्ति को तोड़ दिया गया। अब बांग्लादेश…पाकिस्तान के नक्शे कदम पर चल पड़ रहा है। जैसे पाकिस्तान में सत्ता को सेना चलाती है.। वैसे ही अब बांग्लादेश भी आर्मी के कंट्रोल में आ चुका है । आगे आपको बताएंगे कि कैसे बांग्लादेश पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है। करीब 15 दिनों से आंदोलन की आंच पर उबल रहे बांग्लादेश में प्रदर्शनकारियों का सब्र का बांध आज टूट गया और लाखों की तादाद में आंदोलनकारी ढाका की ओर कूच करने लगे । ढाका की सड़कों पर लाखों की संख्या में आंदोलनकारी आ गए। एक अनुमान के मुताबिक बांग्लादेश के अलग-अलग शहरों से 20 लाख आंदोलनकारी। जिनमें लड़कियां भी शामिल थीं..ढाका में घुसने लगे । इतनी बड़ी संख्या में आंदोलनकारियों को रोकना सेना और पुलिस के बस की बात नहीं थी ।
क्यों बरपा बांग्लादेश में बवाल ?
बांग्लादेश के ये हालत कैसे बने उसके लिए कुछ दिन पीछे जाना पड़ेगा । पिछले महीने में शेख हसीना सरकार ने सिविल सेवा नौकरी में आरक्षण का फैसला किया था । 1971 में बांग्लादेश की आज़ादी के लिए लड़ने वालों स्वतंत्रता सेनानियों के रिश्तेदारों के लिए कई सिविल सेवा नौकरियों में आरक्षण का प्रावधान था। तब इस फैसले के खिलाफ आंदोलन और हिंसा हुई थी। जिनमें 300 छात्र मारे गए थे। जिसके बाद शेख हसीना सरकार ने फैसला वापस ले लिया था। लेकिन छात्रों का आंदोलन नहीं रूका । छात्र प्रदर्शन करते रहे। कई NGO और सरकार विरोधी संगठन छात्रों को उकसाते रहे । रविवार को छात्रों ने ढाका में प्रदर्शन किया, जिसमें 90 छात्र मारे गए थे । विरोध प्रदर्शन की शुरूआत करने वाले जिन 6 बड़े नेताओं को रिहा किया गया। उन्होंने दोबारा सड़कों पर आने की अपील कर डाली।
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