paper leak case : SOG ने फिल्मी स्टाइल से तीन मुख्य आरोपियों को पकड़ा, एक बनी थी मीराबाई
सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा-2021 समेत 6 से ज्यादा प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक मामले में तीन आरोपी ओमप्रकाश ढाका, सुनील बेनीवाल और शम्मी बिश्नोई एसओजी की हिरासत में हैं। बुधवार को जोधपुर की साइक्लोन टीम ढाका और बेनीवाल को हैदाराबाद से पकड़ कर जयपुर लाई थी। वहीं सरकारी टीचर शम्मी को जोधपुर से डिटेन किया था। तीनों को बुधवार रात में एसओजी को सौंप दिया था। इस पूरे मामलों को लेकर एसओजी के एडीजी वीके सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उनके साथ जोधपुर रेंज के आईजी विकास कुमार भी मौजूद थे। दोनों ने मिलकर इस पूरे ऑपरेशन के बारे में जानकारी दी।
हाथरस वाले बाबा से नहीं है कोई लेना देना
SOG के ADG वी के सिंह ने हाथरस की घटना में लिप्त कथावाचक नारायण हरि बाबा के शामिल होने से इंकार किया। उन्होंने कहा की जिस मकान में नारायण हरि बाबा दौसा आकर दिव्य दरबार लगाता था वह मकान पेपर लीक मामले के आरोपी पटवारी हर्षवर्धन मीणा का था। लेकिन नारायण हरि बाबा का कोई लेना देना अभी तक नहीं लगता।
फिल्मी स्टाइल से आरोपियों को पकड़ा एसओजी ने
विकास कुमार, IG जोधपुर रेंज ने SOG के पूरे ऑपरेशन की कहानी बताई। उन्होंने कहा कि SOG ने इसके लिए कई ख़ुफ़िया ऑपरेशन चलाये। शम्मी विश्नोई के लिए ऑपरेशन राज वृक्ष, सुनील के लिए डिप ब्लू और ओमप्रकाश ढाका के लिए शिव बंगा नाम रखा गया।
आईजी विकास कुमार ने बताया कि शमी विश्नोई के बारे में जानकारी लगी थी कि वह आजकल मीराबाई और राधा की तरह अपना जीवन यापन कर रही है। शम्मी विश्नोई पूरी तरह कृष्ण की भक्ति में लीन रहती हैं और गौ सेवा करती हैं। ऐसे में कुछ पुलिस वालों को मथुरा, वृंदावन और बरसाना में कृष्ण भक्त के रूप में भेजा गया। जहाँ शम्मी विश्नोई बिश्नोई UP के बरसाना में गो पूजा करती पकड़ी गई।
वहीं शम्मी दो महीने से बरसाना में थी। वह बरसाना में गायों की शोभायात्रा में पहली बार देखी गई थी। इसके बाद कई मंदिरों में उसे देखा गया। इसी दौरान टीम ने उसे डिटेन कर लिया।
ओमप्रकाश की कहानी – sog पहुंची हैदराबाद
SOG को सूचना मिली कि हैदराबाद में एक फ्लैट से राजस्थान और विदेशी कॉल ज्यादा हो रहे थे। यही नहीं उस फ्लैट से राजस्थानी टीवी देखा जा रहा था। विदेशी कॉल ज्यादा हो रही थी, जो राजस्थान से कनेक्ट थी। TV पेटर्न राजस्थान से जुड़े थे। हर 3 महीने में गैस सिलेंडर जा रहा था। SOG ने वहाँ की पुलिस से रात को ढाई बजे उस फ्लैट का TV subscription no. मांगा। उसी आधार पर SOG ने वहाँ दबिश दी। जहाँ सुनील और ओमप्रकाश वहां मौज मस्ती कर रहे थे।
जोधपुर आईजी विकास कुमार ने बताया कि ढाका और बेनीवाल हैदराबाद के एक फ्लैट में छुपे थे, जहां से उन्हें पकड़ा। वहीं, शम्मी बरसाना में फरारी काट रही थी और मंगलवार को टीम उसे लेकर जोधपुर पहुंची थी।
3 आरोपियों पर इनाम घोषित था
विकास कुमार ने बताया- उनकी टीम पिछले दो महीने से इन बदमाशों के पीछे थी। इस दौरान इनपुट मिला कि ढाका और बेनीवाल हैदराबाद के एक फ्लैट में छुपे हैं। पुलिस टीम ने कई दिनों तक इनकी रैकी की। फिर गैस की सप्लाई देने के बहाने प्लैट में घुसे और दोनों को पकड़ा।
ओमप्रकाश ढाका पर 75 हजार रुपए, शम्मी बिश्नोई पर 70 हजार रुपए और सुनील बेनीवाल पर 25 हजार रुपए का इनाम घोषित था। तीनों पेपर लीक के मास्टरमाइंड हैं।
जगदीश बिश्नोई गैंग से जुड़ा है ओम प्रकाश ढाका
मुख्य आरोपी ओमप्रकाश ढाका जगदीश विश्नोई की गैंग का हैंडलर है। वह पेपर लीक जैसी घटनाओं को अंजाम दे चुका है। वहीं शम्मी बिश्नोई ने कई परीक्षाओं में डमी कैंडिडेट बैठाने का काम किया है। खुद भी कई परीक्षाओं में डमी कैंडिडेट बनकर बैठी है। वह खुद बालोतरा थाने की वांटेड भी है। सुनील भी डमी कैंडिडेट बनकर परीक्षाओं में बैठा है। वह डमी कैंडिडेट भी उपलब्ध करवाता था।
कैंडिडेट को दिलाते थे फर्जी डिग्री
एसओजी के एडीजी वीके सिंह ने बताया कि एसओजी ने 38 एफआईआर दर्ज की हैं। इनमें 28 मामले डमी कैंडिडेट और बाकी फर्जी डिग्री और पेपर लीक के हैं। उन्होंने बताया- यह गिरोह इतना बड़ा है कि जो कैंडिडेट परीक्षा में सिलेक्ट हो जाता था। उनको फर्जी डिग्री तक दिला देते थे। पीटीआई भर्ती-2022 परीक्षा में भी 88 कैंडिडेट ऐसे थे, जिन्हें फर्जी डिग्री दिलवाई।
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