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Rajasthan News: अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल से धमकी,फायरिंग और मर्डर का खेल!
Rajasthan News In Hindi: अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल प्रदेश की सबसे सुरक्षित जेल मानी जाती है। तभी तो इस जेल में कई कुख्यात बदमाशों को बंद किया गया है। लेकिन हालही में हुई गिरफ्तारियों ने इस जेल की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। गिरफ्तार लोगों से खुलासे से ये साफ जाहिर हो गया है कि इस जेल से धमकी, फायरिंग और मर्डर जैसी कई प्लानिंग होती रही है। इतना ही नहीं पैसों के दम पर बदमाश लग्जरी सुख सुविधाओं का भी मजा लेते हैं और ये सब बिना जेलप्रहरियों की मदद के बिना मुमकिन नहीं है।
विक्रम सिंह की गिरफ्तारी से खुले राज
अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल में सेंधमारी का खुलासा जयपुर पुलिस ने किया है। जिसने सबको हैरान और परेशान कर दिया है। पुलिस ने बताया कि अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल में बन्द कई गैंग के सदस्य जयपुर में अवैध वसूली और एक्सटॉर्शन के लिए बार–बार लोगों को धमकी दे रहे थे। एक मामले में तो हरमाड़ा थाना इलाके में पैसे नहीं देने पर एक शख्स की हत्या की साजिश भी बदमाशों ने रच ली थी…हालांकि पुलिस ने समय रहते कार्रवाई करते हुए हथियारों के साथ बदमाशों को वारदात से पहले गिरफ्तार कर लिया था। जयपुर पुलिस ने वारदातों पर लगाम लगाने के लिए एक स्पेशल टीम का गठन किया। जिसे एक अहम जानकारी हाथ लगी। सूचना थी कि हरियाणा का बदमाश विक्रम सिंह उर्फ कालू अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल में बंद शातिर बदमाशों को मोबाइल मुहैया कराता है और वो एक बार फिर जेल में मोबाइल फोन फेंकने वाला है। जिसके बाद हरियाणा से आ रहे बदमाश विक्रम सिंह को चित्रकूट थाना इलाके में स्पेशल टीम ने दबोचा लिया। बदमाश विक्रम सिंह के कब्जे से एक देसी कट्टा और दो मोबाइल भी बरामद हुए।
विक्रम की निशानदेही पर 9 अरेस्ट
विक्रम से पूछताछ में खुलासा हुआ कि फोन सुखदेव गोगामेड़ी हत्याकांड में अजमेर जेल में बंद सुमित यादव को पहुंचाए जाने थे। जिसका इस्तेमाल सुमित लोगों को धमकी देने और गैंग के दूसरे सदस्यों को दिशा निर्देश देने के लिए करता। इतना ही नहीं गैंग के सदस्यों की जेल में सुख सुविधाओं और मोबाइल फोन पकड़े जाने से पहले सूचना देने के एवज में एक्सटॉर्शन की धनराशि का कुछ हिस्सा जेल में पहुंचाया जा रहा था। साथ ही धमकी देने के बाद भी यदि कोई शख्स धनराशि नहीं देता तो उसके मर्डर के लिए फायरिंग करवाने की प्लानिंग भी जेल से ही होती थी। जिसके बाद स्पेशल टीम ने एक्शन लेते हुए अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल में बंद सुमित यादव समेत 9 बदमाशों को गिरफ्तार किया।
जेल से एक्सटॉर्शन का खेल
पुलिस की गिरफ्त में आए हर आरोपी का इस मामले में अलग-अलग रोल सामने आया है। जिनमें एक गैंग को एमपी से पिस्टल मंगवाता था। एक बदमाशों की जेल प्रहरियों से सेटिंग करवाता था। तो एक बदमाश जेल की कैंटीन की सप्लाई के जरिए एक्सटॉर्शन की राशि अंदर जेल में पहुंचाता था। एक बदमाश तो कैमरा रिपेयरिंग का काम करता था..और वो भी पैसों के बदले ड्रिल मशीन, छोटे मोबाइल फोन गैंग के लोगों को जेल में देता था। पैसों के दम पर ये लोग जेल प्रहरियों से सेटिंग करके ऐशों आराम की जिंदगी जीते थे। पैसों के दम पर इनको जेल में लग्जरी सुख सुविधाएं भी मिलती थी।
जेल प्रहरियों से लाखों में सौदा
जयपुर कमिश्नरेट के डीसीपी वेस्ट अमित कुमार के मुताबिक जेल प्रहरियों की मिलीभगत से ये सारा खेल खेला जाता था। कैदियों को तमाम सुख सुविधाएं मिलती थी। मसलन मनपसंद खाना, इंटरटेनमेंट की चीजे, मोबाइल आदि। इसके बदले में कैदी उन जेल प्रहरियों को लाखों की रकम देते थे। इस मोटी रकम के लालच में जेल प्रहरी कैदियों की मांगों को ना सिर्फ पूरा करते थे। बल्कि उनकी हर साजिश के हिस्सेदार भी थे।
जयपुर पुलिस के खुलासे ने अजमेर जेल की हाई सिक्योरिटी की धज्जियां उड़ा दी है। अब ये साफ जाहिर हो गया है कि सभी बदमाशों के तार एक दूसरे से जुड़े हैं। पुलिस का मानना है कि अभी पूछताछ में और खुलासे भी हो सकते हैं। जिनकी निशानदेही पर पुलिस जल्द ही एक्शन लेगी और एक बड़े नेक्सस का पर्दाफाश करेगी।
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