ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होगा राजस्थान, 1 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन के लिए गेल के साथ एमओयू
– राजस्थान अक्षय ऊर्जा प्रमोशन सम्मेलन – 2024
– राजस्थान सरकार का RVUN और GAIL के साथ MOU,
– ऊर्जा मंत्री हीरा लाल नागर की रही मौजूदगी
– 1 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन के लिए गेल के साथ एमओयू
जयपुर। ऊर्जा विभाग की ओर से राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में राजस्थान अक्षय ऊर्जा बिजनेस प्रमोशन सम्मेलन-2024 का आयोजन हुआ। सम्मेलन की अध्यक्षता ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने की।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ऊर्जा आलोक ने बताया कि प्रदेश को ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम तथा केन्द्रीय सार्वजनिक उपक्रम गेल इंडिया लिमिटेड के मध्य धौलपुर में 330 मेगावाट व रामगढ़ में 270.5 मेगावाट गैस आधारित बिजली संयंत्रों को पर्याप्त मात्रा में गैस की उपलब्धता सुनिश्चित करते हुए कुशल एवं उपयुक्त क्षमता पर संचालन हेतु हस्तांतरण करने की संभावनाओं को तलाशने के लिए और 750 मेगावाट सौर व 250 मेगावाट पवन ऊर्जा परियोजनाओं को संयुक्त उपक्रम के माध्यम से विकसित करने के लिए एमओयू किया। इसके माध्यम से राज्य में 4200 करोड़ का निवेश होगा।
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राजस्थान पर सूर्य देव का आशीर्वाद
ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि जिस प्रदेश की भूमि को बेकार माना जाता था, वहाँ सूर्य देव का आशीर्वाद है कि उस भूमि की ऊर्जा लेकर लोगों को लाभ प्रदान कराया जायेगा। GAIL के साथ MOU करके राजस्थान को विकास के पथ पर और आगे ले जाने का काम होगा। राजस्थान में महंगी बिजली खरीद से राहत मिलेगी। राज्य और केंद्र में मोदी जी की सरकार है, डबल इंजन वाली, इसलिए 1000 मेगावाट का MOU आज हमने किया है और 2000 मेगावाट का सहयोग केंद्र से मिलेगा।
बिजली खरीदने वाला नहीं, देने वाला प्रदेश
हमारी चिंता यही है कि हम राजस्थान को बिजली खरीदने वाला नहीं, देने वाला प्रदेश बनाएंगे। नवंबर तक रबी की फसल में किसानों को पूरी बिजली मिले, ये हमारी सोच है। राज्य में कुसुम योजना के माध्यम से किसानों को दिन में ही सस्ती बिजली उपलब्ध कराने के लिए सौर संयंत्र, पीएम सूर्य घर योजना के माध्यम से रूफटॉप सोलर स्थापित किए जा रहे हैं। सम्मेलन में ऊर्जा विभाग, विद्युत वितरण कम्पनियों तथा अक्षय ऊर्जा निगम जैसे निगमों के साथ अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं से संबंधित स्टेक होल्डर्स को एक प्लेटफार्म उपलब्ध हो सकेगा। नागर ने कहा कि केंद्र से वर्तमान में इस क्षेत्र में सब्सिडी मिल ही रही है। साथ ही विभिन्न राज्यों का अध्ययन करने के बाद राज्य सरकार भी ऊर्जा के क्षेत्र में सब्सिडी देने की योजना की संभावना तलाश कर रही है।
सम्मेलन में लगभग 700 प्रतिभागी विभिन्न तकनीकी सत्रों में अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में हो रहे नवाचारों, नवीनतम तकनीक तथा इसे आमजन तक सुलभ कराने से संबंधित विशेषज्ञों के अनुभवों को शेयर किया गया।
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