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‘सिर तन से जुदा’, ‘भड़काऊ भाईजान’ 2 साल बाद बरी
अजमेर दरगाह के बाहर भीड़ में ‘सिर तन से जुदा’ के नारे लगाने के मामले में कोर्ट का फैसला आया है। जिसमें खादिम सहित सभी 6 आरोपियों को एडीजे-4 कोर्ट ने बरी कर दिया है। पूरे प्रकरण को लेकर 2 साल से कोर्ट में ट्रायल चल रहा था। इस दौरान 22 गवाह और 32 दस्तावेज पेश किए गए थे।
बालमुकुंद आचार्य ने दिया बड़ा बयान
इस पूरे मामले पर भाजपा विधायक बालमुकुंद आचार्य ने कहा कि कांग्रेस ने बड़े आतंकवादियों को बचने के लिए मदद की। अब अजमेर वाले मामले में भी पैरवी क्यों कमजोर रही। ये देखने का विषय है। उदयपुर के कन्हैया लाल हत्याकांड के बाद अजमेर शरीफ के बाहर भीड़ में ‘सिर तन से जुदा’ के नारे लगाने में शामिल आरोपियों को 6 लोगों को बरी कर दिया गया गया है। इस पर भाजपा विधायक बालमुकुंद आचार्य की बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि कोर्ट के फैसले पर कोई सवाल नहीं उठा रहे, पर पैरवी में कहाँ कमी रही, ये देखना होगा। इस मामले को लेकर फिर से सरकार की तरफ से अपील होगी। अपराधियों को सजा मिलनी चाहिए । हमारी सरकार ने पेपर लीक पर कड़ा कदम उठाया है। इस मामले में भी सरकार अपील करेंगी।
2023 में हुआ था मुकदमा दर्ज
जून 2022 में दरगाह की सीढ़ियों पर ‘सिर तन से जुदा’ के नारे लगाए गए थे। मामले में खादिम गौहर चिश्ती, अजमेर के रहने वाले ताजिम सिद्दीकी , फखर जमाली , रियाज हसन दल , मोईन खान , स्व. शमसुद्दीन खान, नासिर खान (45) आरोपी थे। जज रितु मीणा की कोर्ट ने सभी को बरी कर दिया है।
एक आरोपी अभी भी फरार
इस मामले में एक आरोपी अहसानुल्लाह फरार है। उस पर कोई फैसला नहीं सुनाया गया है। दरगाह थाने में जून 2023 मुकदमा दर्ज किया गया था। अब इस मामले में सरकार फिर से कोर्ट में अपील करेगी।
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