पुलिसकर्मी ने सेना के जवान को बताया खुद का बाप, तो प्रोटोकॉल सिखाने थाने पहुंच गये मंत्री..
सीमा पर भारतीय जवान देश की रक्षा करते हैं, तो सीमा के अंदर अपराध मुक्त और भय मुक्त समाज देने के लिए पुलिस की जिम्मेदारी होती है। “अपराधियों में डर , आम जन में विश्वास” यह स्लोगन है राजस्थान पुलिस का। लेकिन इसके विपरीत जयपुर के शिप्रा पथ थाने में पुलिस ने सेना के एक कमांडो को न सिर्फ निर्वस्त्र कर डंडों से पीटा, बल्कि अपराधियों के बीच बैठाकर पुलिसकर्मियों ने कहा- ‘पुलिस भारतीय सेना की बाप है।’ कमांडो ने जब इसकी शिकायत सैनिक कल्याण मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ से की तो वे थाने पहुंचे और एसीपी संजय शर्मा को जमकर फटकार लगाई। जिसके बाद देर शाम कमिश्नरेट ने कार्रवाई करते हुए एक सब इंस्पेक्टर (SI) समेत 4 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया।
दरअसल, रविवार को सेना के कमांडो अरविंद अपने परिचित जवान के केस के सिलसिले में जानकारी लेने थाने गए थे। थाने में पुलिसवालों ने ठीक से व्यवहार नहीं किया। उन्होंने खुद के सेना में होने का परिचय दिया। आरोप है कि एसआई और पुलिसकर्मियों ने कमांडो को गालियां देते हुए पीटना शुरू कर दिया। हवालात में डालकर कपड़े उतारकर पीटा। कमांडो अभी बारामूला, जम्मू- कश्मीर में तैनात हैं। पीड़ित ने इसकी शिकायत सैनिक कल्याण मंत्री राठौड़ से की। सेना के कमांडो से मारपीट पर मंत्री इतने नाराज हुए कि थाने पहुंच गए।
थाने पहुंचकर मंत्री राठौड़ ने थाने पहुंचकर पुलिसवालों से कमांडो के साथ मारपीट करने पर सवाल-जवाब किए। इस दौरान पुलिस के कई वरिष्ठ अफसर भी पहुंच गए। राज्यवर्धन ने मोबाइल में पीड़ित के साथ मारपीट के सबूत दिखाए। इस पर एसीपी संजय शर्मा ने तर्क दिया कि कमांडो ने पुलिसकर्मियों को गाली दी। मुझे भी गाली दी है।
नाराज मंत्री ने एसीपी संजय शर्मा के बीच में बोलने पर नाराजगी जाहिर करते हुए फटकार लगाई। राज्यवर्धन ने एसीपी से कहा कि आपने बेसिक मैनर्स नहीं सीखे। पुलिस के अंदर वर्दी है, तो अलग रौब हो गया है। कोई धैर्य, कोई पेशेंस, कुछ है? जनता की सेवा मन में है या दादागिरी है? आप ऐसे लोगों को सामने क्यों रखते हो? मैंने आपको धैर्य से कॉल किया। मुझसे भी लड़ रहे हैं।
अब लगेंगे स्मार्ट मीटर (Smart Meters), जितना रिचार्ज उतना ही चलेगा मीटर
हम सेना में थे तो लोग हमें भी खूब गाली देते थे
मंत्री राठौड़ ने मीडिया से बातचीत में कहा कि कमांडो को पकड़कर पुलिसकर्मियों ने निर्वस्त्र करके डंडों से खूब पिटाई की। फिर अपराधियों के बीच में बैठाकर पुलिसकर्मी उसे दोहराते हैं कि पुलिस भारतीय सेना की बाप है। यह अत्यंत दुख की बात है। यह घिनौनी मानसिकता दिखाता है। मैं वर्दी में रहा हूं। राजस्थान पुलिस पर विश्वास है। ऐसी घिनौनी मानसिकता वाले पुलिसवालों की जांच और इलाज करवाएं। ऐसे लोग समाज के लिए खतरा है। देश की रक्षा करने वालों को वर्दी की धौंस दिखाना कायरता है।
(देश-दुनिया की ताजा खबरें सबसे पहले Localpatrakar.com पर पढ़ें, हमें Facebook, Instagram, Twitter पर Follow करें और YouTube पर सब्सक्राइब करें।)