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शिव मंदिर में किसने तोड़ी मूर्तियां ?, अधर्म के खिलाफ आक्रोश
जम्मू कश्मीर के रियासी में आतंकी हमले का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि फिर एक घटना से सबकों चौंका दिया। सनातन के दुश्मनों के निशाने पर इस बार आमजन नहीं बल्कि मंदिर था। एक तरफ अमरनाथ यात्रा का कारवां.. तो दूसरी तरफ रियासी इलाके में एक शिव मंदिर में देर रात मूर्तियां तोड़ डाली। अज्ञात लोगों ने महादेव के मंदिर में घुसकर मूर्तियों और शिवलिंग को खंडित कर दिया। जिसके बाद मानों धर्म युद्ध छिड़ गया। सड़कों पर अधर्म के खिलाफ आक्रोश दिखा।
सड़कों पर संग्राम, तनाव जैसे हालात
विश्व हिंदू परिषद और सनातन सभा से जुड़े लोगों ने जब सड़क पर उतरकर हंगामा किया…टायर जलाए..तब प्रशासन जागा…डिप्टी कमिश्नर विशेष पाल महाजन रियासी जिले से 50 किलोमीटर दूर धारमाड़ी इलाके के थुरू गांव में बने शिव मंदिर गए और जल्द ही दोषियों की गिरफ्तारी का आश्वासन दिया। वारदात के बाद से स्थानीय लोगों भी आक्रोश देखने को मिला। मामला बढ़ता देख मौके पर पुलिस जाब्ता तैनात किया गया।
SIT का गठन, हिरासत में कई लोग
इस घटना से हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के स्थानीय लोगों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। मंदिर में तोड़फोड़ के बाद बरपे हंगामे को देखते हुए पुलिस ने एसआईटी का गठन किया। विशेष जांच दल अब तक इस मामले में 12 लोगों को हिरासत में लिया है। पुलिस की टीमों ने कई जगहों पर छापामार कार्रवाई भी की। पूछताछ के लिए कई संदिग्धों को भी हिरासत में लिया गया। लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हो पाई। लोगों का कहना है कि जब तक दोषियों को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।
48 घंटों में दो बड़ी वारदात
वैसे तो इस मंदिर को बने कुछ ही साल हुए हैं। लेकिन तोड़फोड़ की घटना से पूरे इलाके में तनाव जैसे हालात हैं। जम्मू में 48 घंटों के भीतर माहौल बिगाड़ने वाली दो वारदातें हो चुकी हैं । शनिवार को कठुआ में एक अवैध मस्जिद पर बुलडोजर चलाने गई टीम पर पत्थर बरसाए गए । वो दिन का समय था । और रात होते-होते रियासी के शिव मंदिर में घुसकर सनातन विरोधियों ने मूर्तियां तोड़ डाली।
कट्टरपंथियों का नया हॉटस्पॉट !
पिछले कुछ महीनों में जम्मू का रियासी इलाका कट्टरपंथ का नया हॉटस्पॉट बनकर उभरता दिख रहा है । जम्मू में 84 प्रतिशत हिंदू हैं और 7 प्रतिशत मुसलमान लेकिन जम्मू के रियासी में करीब 50 फीसदी मुसलमान हैं और 49 फीसदी हिंदू हैं। वहीं कश्मीर वाले हिस्से में करीब 98 फीसदी मुसलमान हैं, अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से वहां के हालात काफी बेहतर हुए भी थे। लेकिन एक बार फिर जम्मू-कश्मीर का माहौल बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है।