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विधानसभा उपचुनाव से पहले राजस्थान में सरगर्मियां तेज, दिग्गज नेताओं के बयान बने चर्चा का विषय
राजस्थान में विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव दोनों ही सम्पन्न हो चुके हैं। पांच सीटों पर राज्य में उपचुनाव होने हैं, लेकिन सियासी बयानबाज़ी अपने चरम पर है। पेपर लीक मामला जहाँ विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की सरकार के लिए मुसीबत बना हुआ था, वो अब NEET और UGC NET की परीक्षा में धान्धली की शिकायत के चलते बीजेपी के लिए सर दर्द बन गया है। इसी बीच कांग्रेस बीजेपी पर कोई भी निशाना साधने से नहीं चूक रही। इस सियासी घमासान के बीच कांग्रेस भाजपा सहित अन्य पार्टी के दिग्गज़ नेता विवादित बयान देने से भी नहीं बाज आ रहे।
NEET से अलग हटकर इन दिनों कई दिग्गज नेताओं के बयान भी सुर्खियों में है। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर और राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी इसमें शामिल हैं।
डोटासरा ने सीएम को बताया पोपट
NEET पेपर में गड़बड़ी को लेकर कांग्रेस की ओर से कलेक्ट्रट पर दिए गए धरने में पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने अपने संबोधन में NDA की केंद्र सरकार और राजस्थान की बीजेपी की भजनलाल सरकार को जमकर घेरा। जिस दिन भजनलाल शर्मा को सीएम बनाया गया, तब से लेकर अब तक गोविंद सिंह डोटासरा ने उन्हें पर्ची वाला सीएम और पर्ची की सरकार कहकर संबोधित किया है। लेकिन जयपुर कलेक्ट्रेट पर धरना प्रदर्शन करते हुए गोविंद सिंह डोटासरा ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पोपट तक कह दिया।
शिक्षा मंत्री को कहा हिस्ट्रीशीटर – नमूना
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को हिस्ट्रीशीटर बताया है। उन्होंने राजस्थान की 5 सीटों पर होने वाले विधानसभा उप-चुनाव गठबंधन के साथ लड़ने के संकेत दिए। डोटासरा ने सोमवार को कोटा जाते समय टोंक में जयपुर-कोटा नेशनल हाईवे 52 पर कार्यकर्ताओं से मुलाकात के दौरान कही।
उन्होंने कहा- जिस व्यक्ति (मंत्री मदन दिलावर) पर 14 मुकदमे हो, उसकी हिस्ट्रीशीट खुलनी चाहिए। कोटा में कलेक्ट्रेट पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए डोटासरा ने आदिवासियों को लेकर दिए गए बयान पर शिक्षा मंत्री दिलावर को नमूना बताया।
शिक्षा मंत्री का आदिवासी पर बयान
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने भारतीय आदिवासी पार्टी (BAP) के नताओं की टिप्पणियों पर हमला बोला था। उन्होंने कहा कि जो पार्टी देश और समाज को तोड़ने का काम करेंगे। उन्हें बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर BAP नेता खुद को हिंदू नहीं मानते हैं तो उनके डीएनए की जांच कराई जानी चाहिए।
वसुंधरा राजे का बयान चर्चाओं में
राजस्थान में विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को दरकिनार किया गया। उसके बाद लोकसभा चुनावों में वसुंधरा राजे ने दूरियां बना ली। इसका खामियाजा लोकसभा चुनाव के नतीजे में भी देखना को मिला है। जहां लगातार पिछले 10 साल से भाजपा को 25 में से 25 सीट मिल रही थी। इस बार लोकसभा चुनाव में भाजपा को मात्र 14 सीटें ही मिलीं। विधानसभा चुनाव के बाद खामोश रहने वाली पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का लोकसभा चुनाव के नतीजे के बाद पहली बार बयान सामने आया है जो चर्चा का विषय बना हुआ है।
उन्होंने कहा “वफा का वो दौर अलग था जिस समय राजनीति में आगे बढ़ाने वाले व्यक्ति का सम्मान होता था और वह उसका हमेशा साथ देता था। वहीं वर्तमान समय मे ऐसा नहीं होता… आज लोग उसी उंगली को सबसे पहले काटना चाहते हैं जिसको पकड़कर चलना सीखे हैं।” राजे ने यह बात उदयपुर में सुन्दर सिंह भण्डारी चेरिटेबल ट्रस्ट के कार्यक्रम के दौरान कही।
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