विधानसभा में गूंजा महिला सुरक्षा का मुद्दा, सत्ता पक्ष ने कहा 6 फीसदी कम हुआ अपराध, विपक्ष बोला गुमराह कर रही सरकार
women safety issue in Vidhan Sabha | जयपुर। जिस महिला सुरक्षा के मुद्दे को लेकर प्रदेश में भाजपा सरकार बनी, उसी मुद्दे पर सदन में भजन लाल सरकार घिरी हुई दिखाई दी। प्रश्न काल के दौरान महिला सुरक्षा के मुद्दे पर गुरुवार को विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। विपक्ष के सवालों पर सत्ता पक्ष ने कहा कि पिछले 6 महीने में 6 फीसदी महिला अपराध कम हुआ है। इसके साथ ही महिला सुरक्षा को लेकर चिन्हित स्थानों पर पुलिस की सुरक्षा बढ़ा दी है। सत्ता पक्ष के जवाब पर विपक्ष ने आपत्ति दर्ज कराई। उन्होंने कहा कि सरकार सदन में गलत आंकड़े पेश कर गुमराह करने की कोशिश कर रही है, जबकि 40 फीसदी से ज्यादा मामले बढ़े हैं। इसके बाद सदन में हंगामा बरपा रहा। इसी हंगामे के बीच सदन में प्रश्न काल की कार्यवाही जारी रही।
आंकड़ों पर हंगामा
दरअसल, विधायक इंदिरा मीणा ने विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान नई सरकार के बनने के बाद हुए महिला अपराध के आंकड़ों की जानकारी मांगी और महिला सुरक्षा को लेकर सरकार की ओर से की जा रही व्यवस्था पर सवाल उठाया, तो जवाब में मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने बताया कि पूर्ववर्ती सरकार की तुलना में मौजूदा सरकार में महिला अपराध में 6 फीसदी की कमी आई है। इसके साथ ही महिला सुरक्षा को लेकर सरकार ने जिन स्थानों पर महिलाओं की आवाजाही ज्यादा है, जिसमें सिनेमा हाल, मॉल, शॉपिंग सेंटर, स्कूल – कॉलेज, भीड़भाड़ वाले बाजार शामिल हैं, वहां पर पुलिस की संख्या बढ़ा दी है। इसके बाद इंदिरा मीना का सवाल था कि ‘कांग्रेस के समय महिलाओं के खिलाफ अपराध रोकने के लिए कई काम हुए थे। 20 हजार से अधिक प्रकरण सामने आ चुके। भाजपा कहती है अब नहीं सहेगा राजस्थान, अब क्या राजस्थान सहने के लिए मजबूर है?
इसके जवाब में मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने कहा, ‘2023 से 2024 के केस को लेकर बताता हूं, हमारी सरकार आते ही 6% अपराध महिला उत्पीड़न को लेकर कम हुए हैं। इसके बाद मीणा ने कहा कि डिम्पल मीणा के प्रकरण की सीबीआई की जांच कराई जाएगी, क्योंकि पुलिस अभी उस मामले में अलग अलग बयान दे रही है, जबकि परिजन और सामाजिक संगठन धरना दे रहे हैं। इसके बाद मंत्री खींवसर ने जवाब देते हुए कहा कि 2022 में 22 हजार 74 हजार मामले दर्ज हुए, 2023 में 21 हजार से ज्यादा मामले दर्ज हुए।
इसके बाद सदन में पक्ष – विपक्ष में हंगामा हो गया। मंत्री ने कहा कि पिछले सालों में जनसंख्या बढ़ी है, लेकिन अपराध के आंकड़े 6 फीसदी कम हुए हैं।
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सदन में गलत आंकड़े पेश हुए
इसके बाद नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली खड़े हुए और उन्होंने सरकार से सवाल पूछा कि सरकारी यह बताए कि अब तक 20767 मामले दर्ज हुए, उसमें से दलित महिलाओं पर कितने अत्याचार हुए? नाबालिक बच्चों के साथ कितनी घटना हुई? इन सबके विवरण दें। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जो सरकार आंकड़े बता रही है वह गलत है, क्योंकि अप्रैल 2024 में 2861 मामले दर्ज हुए, जबकि मई 2024 में ये आंकड़े बढ़कर 4088 हो गए। इसका मतलब 1 महीने में 40 फ़ीसदी से ज्यादा महिला अपराध के मामले दर्ज हुए। जब एक महीने में ही आंकड़ा 40 फीसदी से ज्यादा बढ़ रहा है तो सरकार किस आधार पर 6 फीसदी अपराध कम होने की बात कर रही है। जूली ने कहा कि महिला अपराध के मामलों में झूठे आंकड़े बताकर सरकार सदन को गुमराह कर रही है। इसके बाद सदन में ‘महिलाओं को इंसाफ दो, महिलाओं को सुरक्षा दो’ के नारे लगते रहे। विपक्ष के हंगामे के बीच प्रश्न काल की कार्यवाही जारी रही।
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