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टीकाराम जूली ने बिजली संकट पर सरकार को घेरा: फ्यूल सरचार्ज वापस लेने की मांग
प्रदेश की विधानसभा में सोमवार को बिजली पर विपक्ष ने हंगामा किया। विपक्ष ने बिजली कटौती, किल्लत और बिलों में फ्यूल सरचार्ज को लेकर सरकार को पूरी तरह घेरने की कोशिश की। वहीं नेता प्रतिपक्ष ने तो फ्यूल सरचार्ज वापस लेने को लेकर नारे भी लगा डाले। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के साथ विधायक मनीष यादव और आशीष चाचाण भी थे।
जानकारी के अनुसार टीकाराम जूली (Tika Ram Jully) ने ऊर्जा मंत्री को सवालों के कटघरे में खड़ा करते हुए उन पर सदन को गुमराह करने का आरोप मढ़ दिया। जूली ने कहा कि ऊर्जा मंत्री राज्य में 22 घंटे बिजली सप्लाई की बात कर रहे हैं। वहीं सच तो ये है कि मई के महीने में 25 परसेंट और जून महीने में 28 फीसदी कम बिजली हुई तो ये बाईस घंटे सप्लाई की बात कैसे कर रहे हैं। जवाब में ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने बताया कि हम अतिरिक्त बिजली खरीदकर डिमांड पूरी कर रहे हैं।
जमीनों के दुरूपयोग में कुछ नहीं कर सकता रीको..!
भाजपा के विधायक ने भी आज सदन में सरकार को घेरते हुए इंडस्ट्रियल एरिया में उद्योगों के नाम पर मिली जमीनों के दुरुपयोग का सवाल उठाया था। इस पर उद्योग मंत्री राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ ने जवाब देते हुए कहा कि इस मामले में रीको कुछ नहीं कर सकता। इस जवाब को सुन कर विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी भी खामोश नहीं रह पाये और सरकार से इस तरह की पॉलिसी में बदलाव के लिए कहा।
बिजली की दिक्कत रात में, लेकिन कर रहे पूर्ति
ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने सदन में जवाब में देते हुए कहा कि रात में बिजली की दिक्कत होती है, लेकिन रात में बिजली किल्लत की मांग हम अतिरिक्त बिजली खरीदकर पूरा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि, ‘यह डबल इंजन की सरकार है। केंद्रीय उपक्रमों से 500 मेगावाट अतिरिक्त बिजली ले रहे हैं। एक्सचेंज से खरीदकर आपूर्ति कर रहे हैं। नागर ने जूली के पूरक सवाल पर कहा कि बिजली की 25 प्रतिशत कमी नहीं है, बल्कि पिछले साल से डिमांड ज्यादा है।
हमारे पास 74 फीसदी क्षमता वाले प्लांट
नागर ने विपक्ष को जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस के समय पावर प्लांट 52 फीसदी की क्षमता से चलते थे। वहीं हम 74 फीसदी क्षमता से चलाकर बिजली की आपूर्ति कर रहे हैं।
कितनों के खिलाफ हुई कार्रवाई
कांग्रेस के विधायकों ने सदन में जमकर सत्ताधारी पार्टी को घेरा। बिजली किल्लत के मुद्दे पर विपक्ष ने खूब हंगामा और नारेबाजी की। उन्होंने मुख्यमंत्री की बात को कोट करते हुए कहा कि ‘सीएम ने निर्देश दिए थे कि कटौती नहीं होनी चाहिए और कटौती हुई तो जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ कार्रवाई होगी, अब तक कितने लोगों के खिलाफ कार्रवाई की।’ कांग्रेस विधायक यहीं नहीं रुके। वे बोले कि ऊर्जा मंत्री ने टोंक में कहा था कि ‘बिजली में कांग्रेस राज में गलत एमओयू हो गया 900 लाख यूनिट वापस देनी पड़ रही है। दूसरे ही दिन आप जयपुर में कह रहे थे कि 147 लाख यूनिट वापस कर रहे हैं। जब आप कांग्रेस के समय के सारे एमओयू कैंसिल कर रहे हैं तो यह बिजली वाला एमओयू भी कैंसिल कर दीजिए।
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