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डॉक्टर रेप एन्ड मर्डर केस के बाद अब फिर चर्चा में पश्चिम बंगाल, ये है वजह

by PP Singh
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डॉक्टर रेप एन्ड मर्डर केस के बाद अब फिर चर्चा में पश्चिम बंगाल, ये है वजह

Top 5 GDP में सबसे ज्यादा योगदान देने वाले राज्यों से बाहर हुआ पश्चिम बंगाल..

प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद ने भारत के सबसे अमीर और गरीब राज्यों का खुलासा करते हुए एक रिपोर्ट जारी की है। इसमें आंकड़ों के साथ बताया गया है कि देश के सकल घरेलू उत्पाद यानी GDP में किन राज्यों का कितना योगदान रहा है। इसमें पश्चिम बंगाल के आंकड़े हैरान करने वाले हैं। फिलहाल, पश्चिम बंगाल डॉक्टर के रेप एन्ड मर्डर केस को लेकर चर्चा में है और अब ये खबर भी बंगाल के लिए अच्छी नहीं है। एक रिपोर्ट के मुताबिक ममता बनर्जी की सरकार वाले पश्चिमी बंगाल में देश की जीडीपी में हिस्सेदारी लगातार घट रही है।

जी हां, पश्चिमी बंगाल की 1960 – 61 में जीडीपी 10.5 फ़ीसदी हिस्सेदारी थी। वह लगातार गिरती जा रही है। अब देश की जीडीपी में पश्चिमी बंगाल का हिस्सेदारी 5.6 फ़ीसदी ही रह गई है। यही नहीं यहां पर प्रति व्यक्ति आय भी गिरकर राष्ट्रीय औसत का 83.7% रह गई है। यह राजस्थान और उड़ीसा से भी कम है।

5 टॉप में यह राज्य हैं शामिल –

प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की रिपोर्ट के मुताबिक प्रति व्यक्ति आय के लिहाज से भारत के सबसे 5 अमीर राज्यों में दिल्ली, तेलंगाना, कर्नाटक, हरियाणा और तमिलनाडु शामिल हैं।

दक्षिण भारत के 5 बड़े राज्यों- कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल और तमिलनाडु की प्रति व्यक्ति आय 1991 में राष्ट्रीय औसत से कम थी। हालांकि, उदारीकरण की शुरुआत के बाद से इन पांच राज्यों में जबरदस्त ग्रोथ देखने को मिली है। बहरहाल, ये सभी राज्य प्रति व्यक्ति की आय के लिहाज से सबसे अमीर राज्यों की सूची में नहीं हैं। यहां प्रति व्यक्ति आय को राष्ट्रीय औसत के प्रतिशत के तौर पर देखा जाना चाहिए। वित्त वर्ष 2024 के दौरान भारत के कुल जीडीपी दक्षिण भारत के 5 राज्यों की हिस्सेदारी तकरीबन 30 पर्सेन्ट रही। दिलचस्प बात यह है कि सबसे अमीर राज्यों की सूची में तेलंगाना भी शामिल है, जो 2 जून 2014 को आंध्र प्रदेश से अलग हुआ था।

महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश ने भी किया निराश

देश के कुल जीडीपी में सबसे बड़ा योगदान महाराष्ट्र का है, लेकिन पिछले दशक में इसकी हिस्सेदारी में गिरावट हुई है। साल 2000 में भारत के कुल जीडीपी में महाराष्ट्र की हिस्सेदारी 15% थी, जो अब 13.3 फीसदी रह गई है।

वहीं भारत के जीडीपी में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी भी घटकर 9.5% हो गई है, जो 1960-61 में 14 पसेंट थी। बिहार देश में आबादी के मामले में तीसरा सबसे बड़ा राज्य है। इसके बावजूद देश के जीडीपी में इसकी हिस्सेदारी महज 4.3 फीसदी है। पंजाब को 1960 के दशक में हरित क्रांति का जबरदस्त फायदा मिला। राज्य की प्रति व्यक्ति आय में राष्ट्रीय आय के मुकाबले 119.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, जबकि 1971 में यह आंकड़ा 169 % था।

यह है सबसे गरीब राज्य –

प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद ने सबसे अमीर और सबसे गरीब राज्यों की एक सूची जारी की है। जिसमें दिये गये आंकड़ों से संबंधित राज्य का आर्थिक स्थिति का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। इसमें प्रति व्यक्ति आय के लिहाज से सबसे गरीब राज्यों में बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मणिपुर और असम शामिल हैं।

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